गुजरात में कांग्रेस 9 तो भाजपा 4 विधायकों को लड़ा रही लोकसभा चुनाव, कितनी महिलाओं को दिया टिकट?
Gujarat News In Hindi, गांधीनगर। लोकसभा चुनाव 2019 में गुजरात से इस बार 13 विधायकों को टिकट दिया गया है। इन 13 विधायकों में 9 कांग्रेस के हैं तो 4 विधायक भाजपा के हैं। वहीं, दोनों पार्टियों ने केवल 7 महिलाओं के नाम की बतौर उम्मीदवार घोषणा की है। जबकि, दोनों पार्टी के उम्मीदवारों की कुल संख्या 52 होती है, ऐसे में यदि सभी 26 लोकसभा सीटों पर 7 महिलाएं ही चुनाव लड़ रही हैं तो इससे दोनों दलों के उन दावों की पोल खुल गई है, जिनमें ये दल महिला अधिकारों की डींग हांकते रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के नेता संसद और विधानसभा में महिलाओं को 33% से 50% तक रिजर्वेशन की बात कर चुके हैं, मगर चुनावों के समय महिलाओं को खास महत्व नहीं दिया गया।
भाजपा ने 6 तो कांग्रेस ने एक महिला को दिया टिकट
गुजरात में लोकसभा चुनाव लड़ रहीं कुल 7 महिलाओं में से 6 भाजपा से हैं, वहीं 1 कांग्रेस से है। भाजपा-कांग्रेस के कुल उम्मीदवारों में 13 विधायकों को टिकट मिला, जो कि 15 महीने में दोबारा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। कांग्रेस के पास मौजूदा समय में गुजरात में 71 विधायक थे, जिनमें से उसने 9 विधायकों को लोकसभा का टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने भी 3 विधायकों को इस चुनाव में उतारा है। गुजरात में लोकसभा की सभी 26 सीटें 2014 के चुनाव में भाजपा के खाते में चली गई थीं। कांग्रेस किसी भी सीट पर नहीं जीत पाई थी।
भाजपा ने इस बार 10 सांसदों को नहीं दिया टिकट
नामांकन पत्र भरने के अंतिम दिन कांग्रेस-भाजपा दोनों पार्टियों ने अपने सभी उम्मीदवार घोषित कर दिए। इन उम्मीदवारों को 26 लोकसभा सीटों पर नामांकन भरवाए गए। यहां भाजपा ने अपने मौजूदा 26 सांसदों में से 10 को 2019 के चुनाव में रिपीट नहीं किया, बल्कि कुछ नए चेहरों को मौका दिया है। भाजपा ने जिन 10 सांसदों का टिकट काटा, उनमें एक महिला शामिल है। जिन सांसदों को टिकट नहीं मिला उनमें केंद्रीय मंत्री हरिभाई चौधरी, लालकृष्ण आडवाणी, जयश्रीबेन पटेल, देवजी फतेपरा, विट्ठल रादड़िया, प्रभातसिंह चौहान, दिलीप पटेल, रामसिंह राठवा, परेश रावल और लीलाधर वाघेला शामिल हैं। इस बार सत्ताधारी पार्टी ने यहां एक निर्दलीय को मौका दिया है।
आखिरी दिन घोषित किए दोनों दलों ने सभी उम्मीदवार
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख से पहले तक गुजरात में भरूच समेत कई सीटों पर भाजपा-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए। भरूच से बीटीपी पार्टी के उम्मीदवार छोटू वसावा ने नामांकन दाखिल किया, तो कांग्रेस ने भी आखिरी दिन एक मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया। यहां कांग्रेस ने शेरखान अब्दुल पठान को चुना। राजनीतिज्ञों का मानना है कि कांग्रेस द्वारा इस सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित करने की वजह से कांग्रेस की मुसीबतें बढ़ गई हैं, क्योंकि भाजपा के खिलाफ पड़ने वाले वोटों का अब कांग्रेस-बीटीपी के बीच बिखराव होगा, जिसका सीधा फायदा भाजपा को हो सकता है।
भाजपा ने 3 तीन नए तो कांग्रेस ने कई चेहरे पुराने लिए
इस बार भाजपा ने गुजरात में 10 और कांग्रेस ने 14 सीटों पर अंदरूनी नाराजगी झेली। यानी, इन सीटों पर चुनाव लड़ चुके नेताओं को दोबारा उम्मीदवार नहीं बनाया गया। जहां भाजपा ने 2019 के चुनाव के लिए 3 तीन नए चेहरे लिए, वहीं कांग्रेस ने कई पुराने चेहरे लिए हैं। चार पूर्व सांसदों को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा है। इनमें अहमदाबाद-पश्चिम से राजू परमार, पाटण से जगदीश ठाकोर, आणंद से भरतसिंह सोलंकी और बारडोली से तुषार चौधरी शामिल हैं। चारों में दो पूर्व केंद्रीय मंत्री भरत सिंह सोलंकी और तुषार चौधरी हैं।
पिछले चुनाव हार चुके 50% नेताओं को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया
पाटणं सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद जगदीश ठाकोर को टिकट दिया है। खेड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने भाजपा के पूर्व मंत्री बिमल शाह को मैदान में उतारा है, जो पिछले कई चुनाव हार चुके हैं। कुल मिलाकर इस पार्टी ने पिछले चुनाव हार चुके 50% नेताओं को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। ये भी कहा जा रहा है कि अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा, सूरत और राजकोट के शहर क्षेत्र में कांग्रेस को अपेक्षानुरूप चेहरे नहीं मिले। दाहोद से कांग्रेस ने बाबु कटारा को टिकट दिया है।
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