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क्‍या है आईएएफ का ई-प्रोजेक्‍ट जो बदल देगा ट्रेनिंग की तस्‍वीर

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बेंगलुरु। इंडियन एयर फोर्स (आईएएफ) ने शुक्रवार को अपना एक महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट लांच किया है जो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कैंपेन को ध्‍यान में रखकर तैयार किया है।

शुक्रवार को बेंगलुरु स्थित जालाहल्‍ली में इंडियन एयफोर्स के इलेक्ट्रिकल एंड इंस्‍ट्रूमेंट ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट में इस प्रोजेक्‍ट को लांच किया गया है।

इंडियन एयरफोर्स के कुछ हैरान कर देने वाले कारनामे

'ई ट्रेनिंग प्रोजेक्‍ट,' यह है उस नए प्रोजेक्‍ट का नाम जिसे पूरी तरह से इंडियन एयरफोर्स को समर्पित किया गया है।

आईएएफ का कहना है कि यह प्रोजेक्‍ट ट्रेनिंग कमांड के तहत लांच किया गया है और इंडियन आर्म्‍ड फोर्सेज में पहली बार है जब इस तरह को कोई प्रोजेक्‍ट लांच किया गया है।

आइए आपको इस प्रोजेक्‍ट के बारे में बताते हैं कि यह क्‍या है और इसे तैयार करने में कितनी लागत आई है।

2.2 करोड़ की लागत से तैयार हुआ प्रोजेक्‍ट

2.2 करोड़ की लागत से तैयार हुआ प्रोजेक्‍ट

इस प्रोजेक्‍ट को तैयार करने में 2.2 करोड़ की लागत आई है। एयर मार्शल एसआरके नायर जो कि ट्रेनिंग कमांड के कमांडिंग ऑफिसर हैं उन्‍होंन इस प्रोजेक्‍ट को आईएएफ को सौंपा है। एयर मार्शल नायर ने कहा कि यह प्रोजेक्‍ट प्राइम मिनिस्‍टर नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया मिशन को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है।

ट्रेनिंग में मौजूदा कमियों को करेगा दूर

ट्रेनिंग में मौजूदा कमियों को करेगा दूर

एयर मार्शल नायर ने कहा कि यह प्रोजेक्‍ट आईएएफ के ट्रेनिंग सिस्‍टम में एक बड़े कदम की तरह है जो ट्रेनिंग के पारंपरिक तरीकों से काफी अलग है। उन्‍होंने कहा कि कोई भी फाइटर फोर्स मानवीय संसाधनों पर निर्भ करती है और आसमान में पायलट का रवैया ट्रेनिंग की एक अहम पहलु होता है।

ट्रेनिंग की भी नेटवर्किंग

ट्रेनिंग की भी नेटवर्किंग

एयर मार्शल नायर ने बताया कि अब आईएएफ में ट्रेनिंग लेने वाले नए पायलट्स को इस प्रोजेक्‍ट के तहत मौका मिलेगा कि वह एक टैबलेट का प्रयोग कर आपस में एक दूसरे से कनेक्‍ट कर सकेंगे। इस तरह से पायलट्स के पास अपना एक नेटवर्क होगा। इस नए मैथेड के साथ ही अब पुराने चॉक और बोर्ड वाले मैथेड को भी ट्रेनिंग से हटाया जा सकेगा।

भविष्‍य बन सकेगा बेहतर

भविष्‍य बन सकेगा बेहतर

एयर मार्शल नायर की मानें तो आईएएफ इस नए प्रोजेक्‍ट को पाकर काफी खुश है क्‍योंकि इस ई-प्रोजेक्‍ट के बाद एयरफोर्स ने इंफॉर्मेशन एंड कम्‍यूनिकेशन के क्षेत्र में एडवांस होने की तरफ एक बड़ा कदम उठाया है। उनका मानना है कि यह ई-प्रोजेक्‍ट आईएएफ के भविष्‍य को भी सकारात्‍मक तौर पर प्रभावित कर सकेगा।

सभी ट्रेनीज को मिलेंगे टैबलेट्स

सभी ट्रेनीज को मिलेंगे टैबलेट्स

आईएएफ ई-प्रोजेक्‍ट के पायल प्रोजेक्‍ट्स को दो फेज जो कि छह-छह माह‍ के होंगे, उसमें लागू करने की योजना बना रही है। पहले बैच में सभी 420 ट्रेनी पायलट्स को इसका फायदा मिलेगा।

ड्यूटी आवर के बाद भी रहेंगे कनेक्‍ट

ड्यूटी आवर के बाद भी रहेंगे कनेक्‍ट

इस प्रोजेक्‍ट के लागू होने के बाद सभी ट्रेनीज और इस्‍ंट्रक्‍टर्स को सिक्‍योर्ड सेंट्रल सर्वर से हासिल इंफॉर्मेशन से लैस टैबलेट्स दिए जाएंगे। इसके बाद वह ऑफ ड्यूटी होने पर भी आपस में कनेक्‍ट कर सकेंगे।

9000 से ज्‍यादा ट्रेनीज को फायदा

9000 से ज्‍यादा ट्रेनीज को फायदा

आफिसर्स का कहना है कि इस प्रोजेक्‍ट के लागू होने के बाद आईएएफ के पूरे देश में मौजूद 9000 से ज्‍यादा ट्रेनीज को फायदा मिल सकेगा। एयर मार्शल नायर जिनके पास 7,000 घंटों से से ज्‍यादा का फ्लाइंग एक्‍सपीरियंस हैं, उन्‍होंने इस तरह के प्रोजेक्‍ट को नेशनल सेंट्रिक वॉरफेयर यानी एनसीडब्‍ल्‍यू के लिए भी शामिल करने से इंकार नहीं किया।

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English summary
The Indian Air Force (IAF) on Friday launched an ambitious ‘e-Training Project’ on a pilot basis at the Electrical and Instrument Training Institute, Air Force Station Jalahalli in Bengaluru.
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