The Kashmir Files पर नदाव लैपिड के बयान से मचा हड़कंप, पढ़ें IFFI 2022 से जुड़ा पूरा विवाद
इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में ज्यूरी प्रमुख और इजरायली फिल्मकार नदाव लैपिड के विवादास्पद बयान से IFFI 2022 हेतु फिल्मों एवं ज्यूरी के चयन की पूरी प्रक्रिया चर्चा में आ गई है।
सोशल मीडिया पर फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' की चर्चा छाई हुई है। दरअसल, गोवा में आयोजित 53वें भारतीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI 2022) में ज्यूरी हेड नदाव लैपिड ने एक ऐसा बयान दिया, जिसे लेकर हंगामा मचा हुआ है। उन्होंने फिल्म को अश्लील और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म बताया। आइए जानते हैं IFFI 2022 से जुड़ी पूरी खबर।
1952
में
पड़ी
थी
IFFI
की
बुनियाद
फिल्म
महोत्सव
एक
ऐसा
महोत्सव
है
जहां
संगठित
रूप
से
किसी
फिल्म
की
विस्तृत
प्रस्तुति
की
जाती
है।
कई
प्रतिष्ठित
फिल्ममेकर,
लेखक,
कलाकार
व
समाज
से
जुड़े
प्रतिष्ठित
लोग
शामिल
होते
हैं।
ये
न
केवल
सार्थक
फिल्मों
को
बढ़ावा
देने
के
लिए
बल्कि
सिनेमा
प्रेमियों
को
विभिन्न
राष्ट्रों
की
फिल्मों
को
देखने
का
मौका
देता
है।
भारत में पहली बार भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) 1952 में स्थापित किया गया था। यह एशिया में सबसे महत्वपूर्ण फिल्म समारोहों में से एक है, जिसे गोवा में हर साल आयोजित किया जाता है। इस उत्सव का संचालन सूचना और प्रसारण मंत्रालय, फिल्म समारोह निदेशालय और गोवा सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया के सिनेमाघरों को फिल्म कला की उत्कृष्टता को प्रस्तुत करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।
फिल्मों
का
चुनाव
कैसे
होता
है
और
कौन-कौन
से
अवार्ड
मिलते
है
इसमें
5
तरह
की
होती
है
ज्यूरी
-
(1)
पहली
इंटरनेशनल
ज्यूरी
होती
है।
इस
ज्यूरी
में
5
सदस्य
होते
हैं
जिनमें
से
4
विदेशी
फिल्मकार
और
एक
भारतीय
होता
है।
नदाव
लैपिड
इसी
ज्यूरी
के
प्रमुख
थे।
(2)
दूसरी
ज्यूरी
होती
है
इंडियन
पैनोरमा
की
फीचर
फिल्म्स
ज्यूरी,
जो
13
सदस्यों
की
होती
है।
इसमें
देश
के
अलग-अलग
भाषाओं
के
सिनेमा
से
जुड़े
प्रोफेशनल्स
और
फिल्म
क्रिटिक
होते
हैं।
(3)
तीसरी
ज्यूरी
नॉन
फीचर
की
होती
है।
(4)
चौथी
ज्यूरी
जिसे
ज्यूरी
नाम
नहीं
दिया
जाता,
वो
होती
है
प्रिव्यू
कमेटी।
ये
एक
तरह
से
इंटरनेशनल
ज्यूरी
का
ही
हिस्सा
होती
है,
जो
उन्हें
300-400
फिल्मों
से
करीब
25
सर्वश्रेष्ठ
फिल्म
चुन
कर
देती
है।
(5)
पांचवी
ज्यूरी
75
क्रिएटिव
माइंड्स
को
चुनने
के
लिए
होती
है।
इन फिल्मों को मिलता है ये अवार्ड - (1) बेस्ट फिल्म के लिए गोल्डन पीकॉक। (2) बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर मेल, बेस्ट एक्टर फीमेल, स्पेशल ज्यूरी अवॉर्ड श्रेणियों में सिल्वर पीकॉक दिया जाता है। (3) लाइफटाइम एचीवमेंट और इंडियन पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर पुरस्कार भी बांटे जाते हैं।
IFFI
2022
के
ज्यूरी
सदस्यों
में
ये
शामिल
थे
2022
की
पहली
ज्यूरी
की
लिस्ट
में
इजरायली
फिल्ममेकर
नदाव
लैपिड,
अमेरिका
प्रोड्यूसर
जिंको
गोटोह,
फ्रांसीसी
डॉक्यूमेंट्री
फिल्ममेकर
और
जर्नलिस्ट
जेवियर
एंगुलो
बर्टुरेन,
फ्रांस
की
फिल्म
एडिटर
पास्केल
शावांस
और
इंडियन
फिल्ममेकर
सुदीप्तो
सेन
शामिल
थे।
ज्यूरी
के
सदस्यों
का
चुनाव
एनएफडीसी
और
सूचना
प्रसारण
मंत्रालय
द्वारा
किया
जाता
है।
दरअसल इंडियन पैनोरमा के लिए 2 तरह से फिल्में आती हैं। ज्यादातर फिल्में खुद प्रोड्यूसर या डायरेक्टर भेजते हैं। कुछ लोकप्रिय फिल्मों को वे सिनेमा एसोसिएशन या ट्रेड यूनियन भेजती हैं, जो अलग-अलग भाषाओं के सिनेमा में काम कर रही हैं। वहीं ऐसी 8 एसोसिएशन को पांच-पांच फिल्में भेजने का अधिकार है, लेकिन ज्यूरी सबको देखकर केवल पांच फिल्में ही चुनती हैं, जबकि स्वतंत्र रूप से आई करीब 400 फिल्मों से 20 को चुनती है। ऐसी 25 फिल्में इंडियन पैनोरमा के लिए चुनी जाती हैं।
किस-किस
फिल्म
को
किया
गया
शामिल
20-28
नवंबर
के
बीच
53वें
इंटरनेशनल
फिल्म
फेस्टिवल
ऑफ
इंडिया
आयोजित
किया
गया
था।
इसमें
गोल्डन
पीकॉक
कैटिगरी
में
कुल
15
फिल्मों
के
बीच
कॉम्पिटिशन
हुआ।
जिनमें
12
इंटरनेशनल
और
3
भारतीय
फिल्में
मौजूद
रही।
इसीमें
कश्मीर
फाइल्स
का
नाम
भी
शामिल
था।
ये हैं वो 15 फिल्में - परफेक्ट नंबर (2022), रेड शूज (2022), द लाइन (2022), सेवन डॉग्स (2021), मारिया- द ओशियन एंजेल (2022), नेज़ोउह (2022), दे स्टोरी टेलर (2022), कुरांगू पेडल (2022), द कश्मीर फाइल्स (2022), अ माइनर (2022), नो एंड (2021), मेडिटेरेनियन फीवर (2022), वैन द वेव्स आर गॉन (2022), आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स (2022), कोल्ड एंड मार्बल (2022)
कौन
हैं
आखिर
नदाव
लैपिड?
1975
में
तेल
अवीव,
इजराइल
में
जन्में
नदव
लैपिड
ने
अपने
करियर
में
कई
डॉक्यूमेंट्रीज
बनाई
हैं।
वे
एक
स्क्रीनराइटर
और
फिल्ममेकर
भी
हैं।
साल
2011
में
'पुलिसमेन',
2014
में
'The
Kindergarten
Teacher'
और
साल
2019
में
'Synonyms'
नामक
फिल्म
निर्देशन
भी
किया
था।
साल
2015
के
लोकार्नो
फिल्म
फेस्टिवल
में
नादव
लैपिड
गोल्डन
लेपर्ड
ज्यूरी
के
सदस्य
थे।
साल
2016
के
कान
फिल्म
फेस्टिवल
में
इंटरनेशनल
क्रिटिक्स
वीक
ज्यूरी
के
सदस्य
भी
रह
चुके
हैं।
वे
71वें
बर्लिन
इंटरनेशनल
फिल्म
में
'आधिकारिक
प्रतियोगिता'
ज्यूरी
के
सदस्य
रहे
थे।
गोवा में आयोजित 53वें भारतीय राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI 2022) में ज्यूरी हेड नदाव लैपिड ने 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को अश्लील और प्रोपेगेंडा पर आधारित फिल्म बताया था। वैसे नदाव लैपिड हमेशा अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं। लैपिड ने अपने एक इंटरव्यू में अपनी फिल्म 'सिनोनिम्स' के बारे में कहा था कि इजराइल के ज्यादातर लोगों ने अपनी आत्मा को बेच दिया है, वो 'सिक सोल' हो गए हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि खुद यहूदी-इजरायली होते हुए भी वे फिलिस्तीन के समर्थक रहे हैं। उनकी आने वाली फिल्म का विषय भी एक फिलिस्तीनी बच्चे को इजरायली सैनिक पर हमला करने की वजह से 17 साल की सजा को लेकर है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक नदाव लैपिड का नाम IFFI-2022 ज्यूरी हेड के लिए बॉबी बेदी, हृषिता भट्ट, करण जौहर, खुशबू सुंदर, मनोज मुतशिर, निखिल महाजन, प्रसून जोशी, प्रियदर्शन, रवि कोट्राकारा, सुजित सरकार, सुखविंदर सिंह, वाणी त्रिपाठी की कमेटी ने सुझाया था।
जानिए
क्या
है
इजराइल
का
स्टैंड
भारत
में
इजराइल
के
राजदूत
नाओर
गिलोन
ने
इस
बयान
को
लेकर
नदाव
लैपिड
को
लताड़
लगाई
है।
साथ ही कहा कि आपने भारत के सम्मान और आदर का मजाक उड़ाया है, जो उन्होंने आपको दिया। ये बेहद शर्मनाक हरकत है। मैं कोई फिल्म विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से समझने से पहले उनके बारे में बात करना असंवेदनशील और सरासर गलत है। मैं लैपिड की किसी भी बात का समर्थन नहीं करता हूं।
किसने
किया
लैपिड
के
बयान
से
किनारा
विवेक
अग्निहोत्री
ने
लैपिड
के
बयान
के
बाद
ट्वीट
किया
कि
सच
सबसे
ज्यादा
खतरनाक
चीज
होती
है।
ये
लोगों
से
झूठ
बुलवा
सकती
है।
वहीं
अनुपम
खेर
ने
कहा
कि
भगवान
उन्हें
सद्बुद्धि
दें।
नदाव
लैपिड
के
इस
बयान
से
बाकि
के
ज्यूरी
मेंबर
ने
भी
खुद
को
अलग
कर
लिया
है।
ज्यूरी
के
सदस्य
सुदीप्तो
सेन
ने
कहा
कि
यह
ज्यूरी
हेड
के
निजी
विचार
हैं।
इससे
अन्य
सदस्यों
का
कोई
लेना
देना
नहीं
है।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट विनीत जिंदल ने गोवा में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि IFFI के ज्यूरी हेड नदाव लैपिड ने हिंदू समुदाय को अपशब्द कहे हैं, कश्मीर में जिन हिंदुओं ने बलिदान दिया है, उनको इन्होंने गाली दी है। फिल्म को अश्लील और प्रोपेगेंडा कहकर हिंदुओं का अपमान किया गया है।
लैपिड
के
बयान
का
इन्होंने
किया
समर्थन
अभिनेत्री
स्वरा
भास्कर
ने
ट्वीट
किया
है
कि
जाहिर
तौर
पर
ये
दुनिया
के
लिए
बहुत
स्पष्ट
है।
उन्होंने
इसके
साथ
ही
लैपिड
का
बयान
शेयर
किया
है।
वहीं
दूसरी
ओर
शिवसेना
नेता
संजय
राउत
ने
कहा
कि
'द
कश्मीर
फाइल्स'
के
बारे
में
ये
सही
बात
है।
इस
फिल्म
के
जरिए
एक
पार्टी
ने
बाकी
दलों
के
खिलाफ
एक
प्रोपेगेंडा
चलाया।
इस
फिल्म
के
रिलीज
होने
के
बाद
कश्मीर
में
सबसे
ज्यादा
हत्याएं
हुईं।
कश्मीरी
पंडित
और
सुरक्षाकर्मियों
को
मारा
गया।
वहीं
कांग्रेस
प्रवक्ता
सुप्रिया
श्रीनेत
ने
ट्वीट
कर
लिखा
कि
प्रधानमंत्री
मोदी
की
सरकार,
भाजपा
और
उनके
पूरे
तंत्र
ने
'द
कश्मीर
फाइल्स'
का
प्रचार-प्रसार
किया।
नफरत
को
आखिरकार
नकारा
ही
जाता
है।
गोवा
में
आयोजित
53वें
IFFI
2022
के
विनर्स
की
लिस्ट
बेस्ट
फिल्म
-
आई
हैव
इलेक्ट्रिक
ड्रीम्स;
बेस्ट
एक्टर
(पुरुष)
-
वाहिद
मोबाशेरी,
नो
एंड
के
लिए;
बेस्ट
एक्टर
(महिला)
-
डेनिएला
मारिन
नवारो,
आई
हैव
इलेक्ट्रिक
ड्रीम्स
के
लिए;
बेस्ट
डायरेक्टर
-
नो
एंड
के
लिए
नादेर
सेइवर;
एक
निर्देशक
की
सर्वश्रेष्ठ
डेब्यू
फीचर
फिल्म
-
बिहाइंड
द
हेस्टैक्स
के
लिए
असिमिना
प्रोएड्रोउ;
विशेष
ज्यूरी
पुरस्कार
-
लव
डियाज़,
व्हेन
द
वेव्स
आर
गॉन
के
लिए;
एक
निर्देशक
की
पहली
फीचर
फिल्म
के
लिए
विशेष
उल्लेख-
प्रवीण
कंद्रगुला
को
सिनेमा
बंदी
के
लिए;
ICFT
यूनेस्को
गांधी
मेडल
-
पायम
एस्कंदर,
नरगेसी
के
लिए;
और
इंडियन
फिल्म
पर्सनैलिटी
ऑफ
द
ईयर
-
चिरंजीवी