शहबाज शरीफ अगले पीएम, मरियम गृहमंत्री, बिलावल विदेश मंत्री... ऐसी होगी पाकिस्तान में अगली सरकार?
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के पास कुल 162 एमएनए (नेशनल एसेंबली मेंबर) हैं। 342 एमएनए वाली एसेंबली में प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्ष को 10 और वोटों की जरूरत है।
इस्लामाबाद, मार्च 22: पाकिस्तान में इमरान खान की प्रधानमंत्री पद से विदाई करीब करीब तय हो गई है और अगले 72 से 96 घंटे में इमरान खान सरकार का गिरना तय माना जा रहा है। वहीं, अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने नई सरकार के गठन की रूपरेखा भी तैयार कर ली है। पाकिस्तान की मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा है कि, 'इमरान खान का खेल खत्म हो गया है।'
गिरने वाली है इमरान सरकार?
पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल चरम पर है और इमरान खान की सरकार 25 तारीख को गिर सकती है। अगर 25 मार्च को इमरान खान खुद इस्तीफा नहीं देते हैं, तो देश की नेशनल असेंबली में 28 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी, जिसमें इमरान खान के पास अब बहुमत नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान के करीब 30 सांसद बागी होकर पार्टी इस्लामाबाद के सिंध हाउस में छिपे हुए हैं, जिसको लेकर इमरान खान ने कहा है कि, विपक्षी पार्टियां हॉर्स ट्रेडिंग कर रही है। वहीं, दो प्रमुख सहयोगी पार्टियां भी इमरान खान सरकार से अपना समर्थन वापस ले सकती हैं। इमरान खान के गृहमंत्री शेख रशीद ने सहयोगी पार्टियों पर ब्लैकमेलिंग करने के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद माना जा रहा है, कि सहयोगी पार्टियों के साथ इमरान खान के संबंध काफी खराब हो चुके हैं। इस बीच विपक्षी पार्टियों ने अगली सरकार की रूपरेखा भी तैयार कर ली है।
शहबाज शरीफ होंगे पीएम
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने की स्थिति में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी प्रमुख शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाएगी। पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने सोमवार को कहा कि, पाकिस्तान में विपक्ष प्रधानमंत्री के लिए अगले उम्मीदवार की नियुक्ति पर "बैठकर फैसला करेगा" लेकिन पीएमएल-एन शहबाज शरीफ को नामित करेगी। आपको बता दें कि, शहबाज शरीफ, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई हैं, जबकि मरियम नवाज, नवाज शरीफ की बेटी हैं। नवाज शरीफ इस वक्त लंदन में हैं, जबकि पार्टी की कमान मरियम नवाज और शहबाज शरीफ के हाथों में है।
‘सामूहिक’ सरकार का होगा गठन
मरियम नवाज ने कहा, "इमरान खान! आपका खेल खत्म हो गया है।" सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) आधिकारिक तौर पर टूट गया है। पाकिस्तानी दैनिक द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, उन्होंने कहा कि, "पीएम को पता है कि अब कोई भी उनके बचाव में नहीं आएगा क्योंकि वह खेल हार गए हैं।" इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मरियम नवाज ने कहा कि, 'इमरान खान मानते हैं कि उनके खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है, लेकिन वह खुद के खिलाफ साजिश करते हैं। अगर उन्होंने अपना कर्तव्य पूरा किया होता, तो दस लाख लोगों को लामबंद करने का कोई कारण नहीं होता।"
इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली शुक्रवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बुलाई जाएगी। पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने 8 मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पीटीआई सरकार देश में आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है और इमरान खान की सरकार ने संसद में अपना बहुमत खो दिया है। जिसके बाद नेशनल असेंबली के स्पीकर ने 25 मार्च को संसद का सत्र बुलाया है।
आसिफ अली जरदारी अगले राष्ट्रपति?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान की सरकार अगर गिर जाती है, तो इस हाल में विपक्ष की तरफ से सामूहिक सरकार का गठन किया जा सकता है, जिसके तहत बिलावल भुट्टो को देश का अगला विदेश मंत्री बनाया जा सकता है, जबकि, मरियम नवाज खुद देश की गृहमंत्री बन सकती हैं और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री आसिफ अली जरदारी को देश का अगला राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। हालांकि, खबर ये भी है, कि अपनी सरकार बचाने की आखिरी कोशिश के तहत इमरान खान, देश के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को उनके पद से बर्खास्त कर सकते हैं, लेकिन कुछ पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अगर इमरान खान ऐसा कुछ करने की कोशिश करते हैं, तो ये राजनीतिक स्टंट उनके पूरे राजनीतिक करियर पर ही भारी पड़ सकता है।
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सेना प्रमुख को बर्खास्त करेंगे इमरान?
पाकिस्तान की राजनीतिक गलियारों में इस बात की काफी चर्चा है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा ने इमरान खान से अपना आशीर्वाद वापस ले लिया है, जिसके बाद इमरान खान ने पूर्व सेना प्रमुख राहील शरीफ को 'मध्यस्थता' के लिए वर्तमान सेना प्रमुख के पास भेजा था, लेकिन वो दोनों के बीच समझौता नहीं करवा पाए। वहीं, नये आईएसआई प्रमुख नदीम अंजुम, जो आर्मी चीफ के काफी करीबी भी हैं, उन्होंने भी इमरान खान को सत्ता से हटाने का समर्थन कर दिया है। वहीं, इमरान खान के काफी करीबी माने जाने वाले पीटीआई के सांसद डॉ. आमिर लियाकत हुसैन ने आगाह करते हुए कहा है कि, 'अगर इमरान खान नये आर्मी चीफ की नियुक्ति का फैसला करते हैं, तो पूरे देश में इस फैसले के खिलाफ विरोध भड़क सकता है'। यानि, उन्होंने भी एक तरह से इमरान खान को नसीहत दे दी है।
इमरान खान से ‘परेशान’ है सेना
दिल्ली पहुंचने वाली खबरों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना अपने इस आकलन में एकजुट है, कि इमरान खान को पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि, लगातार राजनीतिक उथल-पुथल पाकिस्तान के हित में नहीं है, जो पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सेना भी पीएम खान से यूक्रेन संकट पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी करने और अफगानिस्तान को लेकर इमरान खान ने जिस तरह से अमेरिका और पश्चिमी देशों के खिलाफ टिप्पणियां की हैं, उससे पाकिस्तान की सेना में भारी नाराजगी है।
पाकिस्तान को बनाया अमेरिका का ‘दुश्मन’
पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि, पाकिस्तान की सेना हमेशा से अमेरिका के करीब रही है, जबकि इमरान खान की बयानबाजी सेना के हित में नहीं थी। जिसको लेकर पाकिस्तानी सेना द्वारा ओआईसी सम्मेलन के बाद पीएम खान को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है और पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों को भी सेना से इशारा मिल चुका है, लिहाजा, विपक्षी पार्टियों ने ओआईसी की बैठक में भी धरना देने की चेतावनी दी थी और उसी के बाद संसद का सत्र आनन-फानन में 25 मार्च को बुलाया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि, इमरान खान ने अपनी फिजूल और गैर-जरूरी बयानबाजी से पाकिस्तान और पश्चिमी देशों के रिश्ते को काफी खराब कर दिया है और बाइडेन के फोन नहीं करने को अपना 'जातीय' मुद्दा बना दिया, जिससे पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है, जिससे इमरान खान से सेना काफी ज्यादा नाराज है।
पाकिस्तानी संसद का गणित जानिए
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के पास कुल 162 एमएनए (नेशनल एसेंबली मेंबर) हैं। 342 एमएनए वाली एसेंबली में प्रस्ताव पारित करने के लिए विपक्ष को 10 और वोटों की जरूरत है। विपक्ष सरकार के 24 सदस्यों का समर्थन हासिल करने की भी बात कह रहा है। और समाचार लिखे जाने तक भी, इस्लामाबाद के सिंध हाउस में इमरान खान की पार्टी के 24 सांसद 'छिपे' हुए हैं, जिनको लेकर कल काफी हिंसा भी हुई थी। ऐसे में इमरान खान के लिए सरकार बचाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है और इमरान खान भी जान गये हैं, कि अब उनकी सरकार नहीं बचेगी, लिहाजा उन्होंने अपनी नाक बचाने के लिए अब 27 मार्च को विशालकाय रैली का आह्वान किया है।
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