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Inspiring India: भारत की पहली महिला फायर फाइटर हर्षिनी कान्हेकर

हर्षिनी कान्हेकर जिस तरह से अपनी इस जिम्मेदारी को संभालती हैं ये उनके बुलंद हौंसले को दर्शाता है। फायर फाइटर के तौर पर हर्षिनी कान्हेकर की जिंदगी का ज्यादातर समय कड़ी मेहनत में जाता है।

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नई दिल्ली। आग से खेलना बच्चों का खेल नहीं है और हर्षिनी कान्हेकर इसी आग से लोगों की जान बचाती हैं। भारत की पहली महिला फायर फाइटर 38 वर्षीय हर्षिनी सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। हर्षिनी जिस तरह से इस काम में आई ये चौंकाने वाला है। साथ ही ये उन लोगों को एक जवाब भी जिन्हें लगता है कि फायर फाइटर का काम केवल और केवल पुरुषों का काम है।

Inspiring India: भारत की पहली महिला फायर फाइटर हर्षिनी कान्हेकर

हर्षिनी कान्हेकर जिस तरह से अपनी इस जिम्मेदारी को संभालती हैं ये उनके बुलंद हौंसले को दर्शाता है। फायर फाइटर के तौर पर हर्षिनी कान्हेकर की जिंदगी का ज्यादातर समय कड़ी मेहनत और ड्रिल एक्टिविटिज में जाता है। बचाव कार्य के दौरान इस्तेमाल होने वाले भारी उपकरण को संभालने और उठाने में भी वो पूरी तरह से कुशल हैं। इसके अलावा हर्षिनी को भारी वाहनों, पैरामेडिक्स, नगर नियोजन और बचाव तकनीक की भी खास जानकारी है। पानी की आपूर्ति और दूसरे लोगों के मनोविज्ञान को समझना में उन्हें अच्छे से आता है।

हर्षिनी का सपना था कि वो सशस्त्र बल में शामिल हों और सेना की वर्दी पहनें, लेकिन भाग्य से वो एक फायर फाइटर बनीं। 26 साल की उम्र में उन्होंने फायर और आपातकालीन सेवाओं के एक कोर्स में प्रवेश लिया। इस कोर्स को पास करने के बाद हर्षिनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कमिशन (ओएनजीसी) में फायर इंजीनियर बनीं। उन्होंने फायर इंजीनियरिंग का कोर्स नागपुर में स्थित नेशनल फायर सर्विस कॉलेज से किया। वह पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने साल 2002 में इस कोर्स में दाखिला लिया। इतना ही नहीं पहली महिला बनीं जिन्होंने इस कोर्स में एडमिशन के बाद उसे पास किया और आगे बढ़ी।

जिस तरह से हर्षिनी ने पुरुषों को गढ़ में एंट्री मारी, बाकी महिलाओं के एक मिसाल के तौर पर है। हर्षिनी ने नागपुर प्रमुख गर्ल्स कॉलेज में पढ़ाई की है। वह एक एनसीसी कैडेट भी थी। वहीं से उन्हें सेना की वर्दी पहनने की प्रेरणा मिली। हर्षिनी ने मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में कई बार कहा है कि मुझे नहीं लगता कि कोई नौकरी केवल पुरुषों के लिए है या सिर्फ महिलाओं के लिए है। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मैंने नंबर एक स्थान हासिल किया लेकिन मैं सच कहूं कि तो मेरी जिसमें दिलचस्पी थी, जिसे मैं प्यार करती थी वास्तव में आज मैं वही काम कर रही हूं। हर्षिनी बाइक चलाना पसंद करती हैं और उनका फेसबुक पर फैन पेज भी है।

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English summary
Inspiring India: India's first woman fire fighter Harshini Kanhekar.
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