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Forest Cover: अंधाधुंध कटाई के बीच कितने बचे हैं वन, पर्यावरण में क्या महत्त्व हैं वनों का?

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हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण सम्मेलन CoP 27 में वन संरक्षण पर पुनः बल दिया गया है। वृक्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में इन्हें देवताओं की संज्ञा दी गई है। पेड़ों की पूजा तो हम सदियों से करते आ रहे हैं। यह हमारा पालन-पोषण करते हैं और हमारे जीवन का आवश्यक अंग है। वृक्ष के बिना मानव अधिक समय तक अपने अस्तित्व को नहीं बचा सकते।

Forest Cover: How many forests are left amid indiscriminate harvesting, what is importance of forests in environment

वृक्ष हमारे लिए बहुपयोगी हैं, यह जानते हुए भी मनुष्य अपने स्वार्थों के लिए इनकी अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। अपने घरों, खेतों और वस्तुओं के निर्माण संबंधी आवश्यकताओं के लिए हम इनकी बलि चढ़ा रहे हैं। जितनी तेजी से हम इनकी कटाई कर रहे हैं, उतनी तेजी से ही हम अपनी जड़ें भी काट रहे हैं।

वृक्षों के कटाव के कारण आज भंयकर स्थिति उत्पन्न हो गई है। वायुमण्डल में प्रदूषण की मात्रा बढ़ रही है। वायुमण्डल में हानिकारक गैसों की मात्रा बढ़ने के कारण पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बर्फ भी इसी कारण लगातार पिघल रही है, जिससे समुद्र में जल स्तर ऊंचा उठ रहा है। तटीय क्षेत्रों के लिए यह एक खतरे की घंटी है।

दुनिया में वन क्षेत्र
पृथ्वी का क्षेत्रफल 51 करोड़ वर्ग किमी है। जिसके लगभग दो तिहाई हिस्से (71 प्रतिशत यानि 36.1 करोड़ वर्ग किमी) में जल तथा एक तिहाई हिस्सा (29 प्रतिशत यानि 14.9 करोड़ वर्ग किमी) भूमि क्षेत्र है। सी.आई.ए. की वर्ल्ड फैक्ट बुक 2021 के अनुसार विश्व में वनों का क्षेत्रफल 3.9 करोड वर्ग किमी है, जो पृथ्वी के भूमि क्षेत्रफल का 26.17 प्रतिशत व कुल क्षेत्रफल का 7.64 प्रतिशत है।

विश्व में सबसे ज्यादा वन क्षेत्रफल रूस (81,49,300 वर्ग किमी) में है। जो रूस के भूभाग का 49.40 प्रतिशत है।
इस क्रम में भारत दसवें स्थान (8,09,537 वर्ग किमी) पर है। पाकिस्तान में कुल भूमि का 1.9 प्रतिशत ही वन क्षेत्र है। पाकिस्तान ने वर्ष 1990 से 2010 के बीच 42,000 हेक्टेयर प्रति वर्ष वनों को खोया है।

भारत का वन क्षेत्र
2021 वर्ल्ड फैक्ट बुक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत का वन क्षेत्र (8,09,537 वर्ग किमी) कुल भूमि क्षेत्रफल (3,287,263 वर्ग किमी) का 24.62 प्रतिशत है, जो वर्ष 2019 से 2261 वर्ग किमी ज्यादा है यानि इसमें 2 वर्षों में मात्र 0.28 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
भारतीय वन क्षेत्र की भागीदारी विश्व वन क्षेत्र में 2.07 फीसदी है।
भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा वन क्षेत्र (77,493 वर्ग किमी) है।
वहीं हरियाणा में सबसे कम वन क्षेत्र (1588 वर्ग किमी.) है।
कुल भौगोलिक वन क्षेत्रफल प्रतिशत में मिजोरम (84.53 प्रतिशत) प्रथम स्थान पर है। उसके उपरांत अरुणाचल प्रदेश (79.33 प्रतिशत), मेघालय (76.00 प्रतिशत), मणिपुर (74.34 प्रतिशत) और नगालैंड (73.90 प्रतिशत) का स्थान हैं।
2019-2021 के बीच भारत के वन क्षेत्र में अधिकतम बढ़ोतरी आंध्र प्रदेश (647 वर्ग किमी) में हुई।
दुनिया के सबसे बड़े/खतरनाक जंगल
अमेज़न वर्षावनः दक्षिण अमेरिका का अमेजन वर्षावन जंगल 55 लाख किमी तक फैला हुआ, दुनिया का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। यह जंगल कुल ऑक्सीजन का 20 प्रतिशत अपने आप उत्पादित करता है। यह जंगल कुल 9 देशों में फैला हुआ है।
कांगो वर्षावनः यह वन दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जंगल है, जो अफ्रीका में है। जिसका अधिकांश भाग कांगो देश के साथ-साथ 6 देशों में भी फैला हुआ है। इसका क्षेत्रफल 23 लाख वर्ग किमी से अधिक है।
वाल्दीवियन टेंपरेट वर्षावनः दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जंगल वाल्दीवियन टेंपरेट वर्षावन 2,48,100 किमी (चिली तथा अर्जेंटीना) तक फैला हुआ है।
डेंट्री जंगलः ऑस्ट्रेलिया का यह वन दुनिया का सबसे खतरनाक जंगल है।

भारत सरकार के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 जारी करते हुए कहा था कि सरकार का ध्यान वनों को न केवल मात्रात्मक (संख्यात्मक) रूप से संरक्षित करने पर है, बल्कि गुणात्मक रूप से समृद्ध करने पर भी है। इसी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के जंगलों में कुल कार्बन स्टॉक 7,204 मिलियन टन है, जो वर्ष 2019 के कार्बन स्टॉक से 79.4 मिलियन टन ज्यादा है। कार्बन स्टॉक में वार्षिक वृद्धि 39.7 मिलियन टन दर्ज हुई है, जो अवश्य उत्साहवर्धक है।

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जीवन की सबसे महत्वपूर्ण तीन आवश्यकता (भोजन, कपड़ा और मकान) वनों के बिना संभव नहीं है। और सबसे जरूरी वातावरण को शुद्धता प्रदान करना, जिसकी कल्पना वृक्षों के बिना कोई भी नहीं कर सकता। कुछ वर्षों से अनेक देशों के पर्यावरण संगठनों, पर्यावरणविदों द्वारा जन-जागरण से वनों के क्षेत्रफल में वृद्धि दर्ज की गई है। जिसको समय रहते और गति देने की आवश्यकता है। तभी पृथ्वी पर जीवन बचेगा।

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English summary
How many forests left amid indiscriminate harvesting, what is importance of forests in environment
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