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ये दुश्मन आपकी दिवाली को बना सकते है काली

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नयी दिल्ली। सर्दियों की शुरुआत के साथ ही दिवाली पर त्यौहार दूमधाम से मनाया जाता है। रोशनी का ये त्यौहार मिठाईयो, खुशियों और उपहार लेने-देने के साथ मनाया जाता है। इन दिन लोग एक दूसरे के साथ मिलकर दिए जलाते है, मिठाईयां खाते है और आपस में गिफ्त बांटते है।

खुशी के इस त्यौहार दुकानदारों और मिलावटखोरों के लिए भी अहम होता है। दिवाली पर मिठाईयों और गिफ्त की मांग बढ़ जाती है ऐसे में इनके लिए मुनाफा कमाने का ये सबसे खास मौका होता है। सबसे ज्यादा मिलावट कोरी मिठाईयों के साथ की जाती है। आइए देखे इस दिवाली हमे किन-किन दुश्मनों से बचकर रहना है।

सीधा सेहत पर अटैक

सीधा सेहत पर अटैक

दिवाली का त्योहार यानी उपहारों और खुशियों का आदान-प्रदान। मिलने-जुलने और खुशियां बांटने के इस अवसर पर उपहार बांटने की परंपरा सालों पुरानी है। ऐसे में कई बार दिवाली पर हम उपहार के रूप में जो मिठाइयां अपने शुभचिंतकों को देते हैं, वह उनकी ही सेहत के लिए नुकसानदायक हो जाती हैं।

नकली दूध से सावधाऩ

नकली दूध से सावधाऩ

मिलावटी दूध से तैयार मिठाइयां सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं। ऐसा नहीं है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस सच्चाई से अवगत नहीं हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इससे निपटने के ठोस प्रयास हो नहीं नहीं रहे हैं।

मुंह मीटा करने वक्त रहें सावधान

मुंह मीटा करने वक्त रहें सावधान

दीपावली पर मिठास घोलने के लिए जिले के मार्केट सज चुके हैं। करोड़ों- करोड़ रुपए की मिठाईया लोगों मुंह मीठा करती है। इन मिठाईयों के साथ ही मिलावट का बाजार भी आपका स्वास्थ्य बिगाड़ने को पूरी तरह तैयार है। जरुरत है इससे बचने की। नकली मेवे से बनीं मिछाईयां सीधे आप के सेहत पर असर करती है।

चमकीले वर्क की मिठाईयों से सावधान

चमकीले वर्क की मिठाईयों से सावधान

मिठाई की दुकान पर कदम रखते ही आपको चमकीले वर्क में लिपटी मिठाईया आकर्षित करती हैं। लेकिन इस चमक के पीछे खतरा है। अमूमन मिठाईयों पर लगने वाला वर्क चादी का बना होता है। मगर आजकल एल्यूमिनियम या केमिकल से बने वर्क का उपयोग हो रहा है।

नकली बेसन से हो रहे है लड्डू तैयार

नकली बेसन से हो रहे है लड्डू तैयार

दूध और मेवे की मिठाईयों के बाद सबसे ज्यादा मिठाईया बेसन की बनती हैं। सूत्रों की मानें तो बेसन में खसारी की दाल की मिलावट हो रही है। मटर की दाल सस्ती होती है। ऐसे में इसका इस्तेमाल कर मिठाईयां बनाई जाती है।

ड्राई फ्रूट पर भी भरोसा नहीं

ड्राई फ्रूट पर भी भरोसा नहीं

बात दूध और बेसन पर ही खत्म नहीं होती। मिठाई में इस्तेमाल होने वाले पिस्ता में भी व्यवसायी तीन गुना मुनाफा कमाते हैं। मिठाई पर लगा पिस्ता असलियत में रंगे हुए खरबूजे का बीज या मूंगफली का दाना होता है। इन्हें लंबा-लंबा काटकर मिठाई पर चिपकाया जाता है। इस तरह का आर्टिफिशीयल पिस्ता मार्केट में आसानी से उपलब्ध है।

जेब ढीली कर रही शुगर फ्री मिठाई

जेब ढीली कर रही शुगर फ्री मिठाई

डायबिटीज है तो क्या हुआ, मिठाई का शौक आखिर बड़ी चीज है। दिवाली के मौके पर शुगर फ्री मिठाई की आड़ में नॉर्मल मिठाई ही बेची जाती है। होता सिर्फ यह है कि उसमें मिठास कम कर दी जाती है। दामों का हेर-फेर ऐसा कि सामान्य मिठाई 400 रुपए किलो की है तो शुगर फ्री के नाम पर वही मिठाई 700 रुपए किलो में बेची जाती है।

आपकी जान को खतरा

आपकी जान को खतरा

दिवाली के मौके पर पटाखे फोड़ने का खास महत्व है, लेकिन मुनाफाखोर नकली पटाखों को बाजार में आसानी से बेचने में कामयाब हो रहे है। ये नकली पटाखे
आपकी जान के दुश्मन है। नकली पटाखे फटने पर किसी आपको नुकसान पहुंचाते है।

Comments
English summary
Diwali is close at hand and all the sweet shops are under check for fake sweets. A lot many shopkeepers have been under consideration and many sweets have been confiscated at a number of shops that were making fake sweets. So this time around beware where you buy sweets from.
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