शर्मनाक: वायु प्रदूषण से मरने वालों की तादात चीन से ज्यादा भारत में
साल 2015 में भारत में 1640 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई। वहीं चीन में असमय मरने वालों की संख्या 1620 थी।
नई दिल्ली। आकंड़े शर्मनाक और शर्मसार करने वाले हैं। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजिज की रिपोर्ट की माने तो चीन के मुकाबले वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या भारत में ज्यादा है। साल 2015 के आंकड़ों के मुताबिक में चीन से ज्यादा लोग भारत में लोग प्रदूषण से मरे हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है, लेकिन प्रदूषण से मरने वालों की तादात भारत में चीन से ज्यादा है। Pollution: प्रदूषण से बचने के लिए अपनाइए ये रामबाण उपाय
आंकड़ों पर नजर
- इस रिपोर्ट के मुताबिक साल 1990 के बाद से भारत में प्रदूषण से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
- रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015 में भारत में 1640 लोगों की प्रतिदिन असामयिक मौत हुई।
- वहीं चीन में असमय मरने वालों की संख्या 1620 थी।
- ग्रीनपीस की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 से 2011 के बीच भारत में पार्टिकुलेट प्रदूषण स्तर 20 प्रतिशत तक बढ़ गया था।
- वहीं साल 2011 में चीन में सबसे ज्यादा बाहरी वायु प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया, लेकिन उसके बाद 2015 तक आते कंट्रोल किया जाने लगा।
- जबकि भारत की हवा दिन पर दिन प्रदूषित होती चली गई। साल 2015 भारत का सबसे अधिक वायु प्रदूषित साल रिकॉर्ड किया गया।
सरकार की कमजोर नीतियां
ग्रीनपीस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस शताब्दी में पहली बार भारतीय नागरिकों को चीन के नागरिकों की तुलना में औसत रूप से प्रदूषण झेलना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने बढ़ रहे प्रदूषण को मजबूत और सख्त नियम बना कर कंट्रोल कर लिया,लेकिन भारत में साल दर साल लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही गया है। भारत की हवा लगातार खराब होती गयी और साल 2015 का साल सबसे अधिक वायु प्रदूषित साल रिकॉर्ड किया गया। जानकारों के मुताबिक भारत के पास इन प्रदूषणों को रोकने के लिए सख्त और सुदृढ़ योजना नहीं है। जानकारों के मुताबिक सरकार द्वारा प्रदूषण फैलानेवाले मानकों में छूट दिए जाने की वजह से भारत इस पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा है। जबकि चीन ने सख्त नियमों के साथ सबसे प्रदूषित देश होने के बावजूद अपने यहां प्रदूषण से होने वाले मौत को कम कर लिया है।