शेर सिंह राणा: फूलन देवी की हत्या कर 22 ठाकुरों की मौत का बदला,अफगानिस्तान से लाया पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां
शेर सिंह राणा: फूलन देवी की हत्या कर 22 ठाकुरों की मौत का बदला,अफगानिस्तान से लाया पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां
नई दिल्ली, 30 मार्च। कश्मीर फाइल्स के बाद एक और फिल्म को लेकर चर्चाएं जोर-शोर से शुरू हो रही है। फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले ही वो विवादों में फंस गई है। अभिनेता विद्युत जामवाल के अपनी अपकमिंग फिल्म 'शेर सिंह राणा' की अनाउंसमेंट क्या कि , इस फिल्म के साथ विवाद शुरू हो गए। लोग सवाल उठाने लगे, सोशल मीडिया पर विद्युत जामवाल को ट्रोल किया जा रहा है कि आखिर वो इस हत्यारे पर फिल्म क्यों बना रहे हैं? हम बात कर रहे हैं विद्युत जामवाल की आने वाली फिल्म 'शेर सिंह राणा' की, जिसे लेकर कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई है।
कौन है शेर सिंह राणा
बॉलीवुड में बनने जा रही एक और बायोपिक ' शेर सिंह राणा' की अनाउंसमेंट होने के बाद से इस फिल्म को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी शुरू हो गई है। विद्युत जामवाल शेर सिंह का रोल निभाने जा रहे हैं। आपको बता दें कि शेर सिंह राणा डाकू से सांसद बनीं फूलन देवी के हत्या के आरोपी हैं। उन्होंने फूलन देवी के सरकारी आवास में घुसकर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। हालांकि शेर सिंह राणा का परिचय यहीं खत्म नहीं होता। उनका जीवन किसी फिल्म से कम नहीं है। जिसमें रोमांच से लेकर एक्शन और सस्पेंस है। अभिनेता विद्धुत जामवाल अब शेर सिंह राणा की बायोपिक बना रहे हैं, जिसमें वो खुद शेर सिंह राणा का किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म को लेकर विरोध शुरू हो गया है।
फूलन देवी की हत्या कर लिया ठाकुरों की मौत का बदला
साल 25 जुलाई 2001 को शेर सिंह राणा ने डाकू से सांसद बनी फूलन देवी की गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या के दो दिन बाद देहरादून में शेर सिंह राणा ने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद उन्होंने बयान दिया कि उन्होंने 1981 में हुए बेहमई हत्याकांड का बदला लिया। आरको बता दें कि फूलन देवी ने 1981 में मध्य प्रदेश के बेहमई गांव में कतार में खड़े कर 22 ठाकुरों को गोली मार दी थी। डाकू फूलन देवी ने इसके बाद आत्मसमर्पण कर दिया था। जेल से छूटने के बाद वो राजनीति में आई और सांसद बन गई। शेर सिंह राणा ने 22 ठाकुरों की मौत का बदला लेने के लिए फूलन देवी से मिलने दिल्ली स्थिति उनके सरकारी निवास में पहुंचा। फूलन देवी की पार्टी एकलव्य सेना में शामिल होने के बहाने से वो वहां पहुंचा। फूलन ने उसे प्रसाद में बनी खीर खिलाई और बातचीत के बाद वो वहां से बाहर निकल गया। दोपहर 1.30 बजे जब फूलन देवी अपने सरकारी आवास के सामने खड़ी थी तो बाइक सवार शेर सिंह राणा ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
जेल से फरार होकर पहुंचा अफगानिस्तान
आत्मसमर्पण के बाद उसे तिहाड़ जेल भेज दिया गया। 3 साल तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद 17 फरवरी 2004 को राणा जेल से फरार हो गया। 2 महीने देश में अलग-अलग जगह भटकने के बाद वो बांग्लादेश और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान पहुंचा। तीन-चार महीने की कोशिश के बाद राणा गजनी पहुंचकर वहां से 11वीं शताब्दी के सम्राट पृथ्वीराज चौहान की अस्थियां भारत लाना में सफर रहा। साल 2006 में उसे फिर से गिरफ्तार किया गया। इस बीच राणा ने अपनी मां की मदद से पृथ्वीराज चौहान की मंदिर बनवाई। साल 2014 में दिल्ली की अदालत ने राणा को फूलन देवी की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा और 1 लाख जुर्माने की सजा सुनाई, हालांकि बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने शेर सिंह राणा को अंतरिम जमानत दे दी।
2012 में लड़ा चुनाव, बनाई अपनी पार्टी
इन दौरान शेर सिंह राणा ने सवर्णों की एक पार्टी बनाई, जिसे राष्ट्रीय जन लोक पार्टी का नाम दिया। साल 2012 में उत्तर प्रदेश के जेवर से चुनाव भी लड़ा, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा। शेर सिंह राणा ने मध्य प्रदेश के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से 2018 मे ंशादी की और 10 करोड़ का दहेज ठुकराकर फिर से चर्चा में आ गए। शेर सिंह राणा ने जेल डायरी नाम से एक किताब भी लिखी है, जिसमें उसने जेल में बिताए दिन से लेकर, फूलन देवी की हत्या और तिहाड़ से भागने तक की सारी कहानी लिखी।
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