'दूसरे का पैर काटके अपने को लंबा नहीं बनने का' एक्टर्स की इन्सिक्योरिटी पर जग्गू दादा ने की दिल जीतने वाली बात
हाल ही में एक्टर जैकी श्रॉफ ने आज के जमाने के एक्टर्स के बीच इन्सिक्योरिटी को लेकर बात की। जैकी दादा ने इस बारे में बात करते हुए दिल जीतने वाला बयान दिया है।
मुंबई, 26 सितंबर: जैकी श्रॉफ बॉलीवुड के दमदार एक्टर्स की लिस्ट में शुमार हैं। एक्टर ने अपनी लगन और मेहनत के बल पर बॉलीवुड में अलग ही मुकाम हासिल किया है। फिल्मों में एक्टिंग के अलावा जैकी श्रॉफ अपने बिंदास स्टाइल और बेबाक बयानों के लिए भी जाने जाते हैं। हाल ही में एक्टर ने आज के जमाने के एक्टर्स के बीच इन्सिक्योरिटी को लेकर बात की। इससे पहले अभिनेता संजय दत्त ने आज और बीते जमाने की पीढ़ियों की तुलना करते हुए कहा कि आज के समय में एक्टर्स टू-हीरो या थ्री होरो वाली फिल्म करने में इन्सिक्योर महसूस करते हैं।
अक्षय कुमार ने बोली थी ये बात
बताते चलें कि इससे पहले 'कॉफी विद करण' में अक्षय कुमार ने मल्टी स्टारर फिल्में नहीं करने के बारे में काफी डिटेल में बातें की थीं। अब अक्षय के उसी बयान पर रिएक्ट करते हुए जैकी ने कहा कि उन्हें इससे कभी दिक्कत नहीं थी। हालांकि, सुभाष घई शूटिंग के दौरान उन्हें कहते थे कि डायरेक्टर मैं हूं, तुम नहीं।
क्या बोले जैकी दादा?
ईटाइम्स संग बातचीत में जैकी श्रॉफ ने संजय दत्त की इनसिक्योर वाली बात पर रिएक्ट किया है। उन्होंने कहा कि जहां तक इन्सिक्योरिटी की बात है, कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें ऐसा लग सकता है। लेकिन कई लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संजू बाबा और मुझे कभी एक दूसरे से परेशानी नहीं हुई।
सेट पर कहते थे ये बात
एक्टर बोले कि लाइन्स अगर टफ होती जाती थी तो मैं कहता था कि तू ही बोल दे। मैं बाबा को कहता था कि मुझे याद नहीं हो रहा, आप ही क्यों नहीं बोल देते। इसके बाद सुभाष घई कहते थे कि डायरेक्टर मैं हूं तुम नहीं।
बेटे को लेकर बोली ये बात
जैकी ने कहा कि मेरा बेटा टाइगर अक्षय कुमार के साथ बड़े मियां छोटे मियां कर रहा है। इन्सिक्योरिटी तो रहेगी छोटे। किसी-किसी को होता है, किसी को नहीं होता। ये बेहद नॉर्मल है। जब दूसरा व्यक्ति बहुत बेहतर कर रहा होता है तो इन्सिक्योरिटी शुरू होती है।
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दादा ने की दिल जीतने वाली बात
एक्टर ने कहा कि किसी के पैर काटके अपने को लंबा नहीं बनने का। सिर्फ एक-दूसरे को कॉम्प्लिमेंट करो और आप खुद निखरते चले जाओगे। एक दूसरे को समझकर ही चीजें चलती हैं। बड़ी स्क्रीन पर भी एक-दूसरे को समझें। इन्सिक्योरिटी अपने में था ही नहीं, और रहेगा भी नहीं।