फिल्मों के फ्लॉप होने पर अनुराग कश्यप ने कसा तंज, कहा- लोग पनीर पर GST दे रहे हैं, सिनेमा कैसे देखेंगे?
एक इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने हाल ही में लगातार हिंदी फिल्मों के फ्लॉप होने को लेकर एक ऐसा बयान दिया है कि सब हैरान हो गए हैं।
मुंबई, 16 अगस्तः बॉलीवुड के फेमस फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं। वह मीडिया से लेकर आम लोगों तक अपनी बातों को खुलकर रखते हैं। वह लगभग हर मुद्दे पर अपनी दिल की बात कहते हैं और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन जाते हैं। कई लोगों को तो अनुराग कश्यप की बातें कड़वी भी लग जाती हैं लेकिन इसी के साथ उनके ऐसे हजारों फैंस हैं, जो उन्हें सुनना और उनकी फिल्में देखना काफी पसंद करते हैं। इन दिनों डायरेक्टर अनुराग कश्यप अपनी अपकमिंग फिल्म 'दोबारा' को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं। फिल्म के प्रमोशनल इवेंट के दौरान एक इंटरव्यू में अनुराग ने हाल ही में लगातार हिंदी फिल्मों के फ्लॉप होने को लेकर एक ऐसा बयान दिया है कि सब हैरान हो गए हैं।
फिल्मों पर अनुराग ने कसा तंज
फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने अपने इंटरव्यू में इन दिनों बॉलीवुड की खराब हालत और साउथ की फिल्मों के ब्लॉकबस्टर्स होने के बारे में बात की। अनुराग का मानना है कि स्थिति अभी भी उतनी गंभीर नहीं है जितनी कि अनुमान लगाया जा रहा है और फिल्म निर्माता केवल मीडिया में बनाई गई कहानी से डर रहे हैं। उन्होंने कहा- मुझे नहीं लगता कि हिंदी फिल्मों में कुछ गलत हो रहा है या कोई कमी नजर आ रही है। सिर्फ कहानी जो बनाई जा रही है, फिल्म निर्माता उससे डर महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें जमकर डराया जा रहा है।
साउथ की भी हर फिल्म नहीं चलती
अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड नाओ से बात करते हुए हिंदी और साउथ फिल्मों के बारे में कहा- आपको कैसे पता कि साउथ की फिल्में काम कर रही हैं। तेलुगू में एक ही फिल्म अच्छी चली। वहीं, तमिल और कन्नड़ में भी एक ही फिल्म अपना कमाल दिखा पाई। आपको कैसे पता कि वहां की हर फिल्म अच्छा काम कर रही है। आपको पता ही नहीं होगा कि पिछले हफ्ते वहां कौन सी फिल्म रिलीज हुई क्योंकि वो वहां भी नहीं चल रही है।
पनीर पर तो जीएसटी है, फिल्म देखने कहां से जाएंगे
उन्होंने इंटरव्यू में आगे कहा- मेन प्रॉब्लम ये है कि लोगों के पास पैसे नहीं हैं कि वह फिल्म देखने पर उसे खर्च कर सके। पनीर पर तो जीएसटी लगा हुआ है। खाने की चीजों पर आप जीएसटी लगा रहे हो। उससे डिस्ट्रैक्ट करने के लिए ये बॉयकॉट का गेम होता है। लोग फिल्म देखने तब जाते हैं जब उन्हें ये पता होता है कि फिल्म अच्छी है या फिर वो सालों से उसका इंतजार कर रहे हों।
बॉलीवुड 75 सालों में भी आजाद नहीं हो पाया
फिल्मों से देश की इकोनॉमी को जोड़ते हुए अनुराग कश्यप ने कहा- देश में इतना भारी इकोनॉमिक स्लम चल रहा है। उस पर लोगों का ध्यान नहीं जा रहा है। बॉलीवुड में लोगों को उलझाके असली प्रॉब्लम्स से हटा दिया जाता है। बॉलीवुड या क्रिकेट के बारे में बातें करते रहो तो देश में लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि देश में दिक्कत क्या चल रही है। देश को आजाद हुए 75 साल हो गए लेकिन बॉलीवुड आज भी आजाद नहीं हो पाया।
बताया हिंदी फिल्मों का हाल
हालिया हिंदी फिल्मों के बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप होने के कारण बताते हुए अनुराग ने कहा- लोग अच्छा सिनेमा देखना चाहते हैं। मैं मानता हूं कि हाल के दिनों में कुछ अच्छी फिल्में हैं जिन्होंने काम नहीं किया है, लेकिन किसी को भी समझना चाहिए कि हम देश में आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। आज बिस्कुट और पनीर जैसी बुनियादी चीजों पर टैक्स लगाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि लोग फिल्म के महंगे टिकट तब तक खरीदेंगे जब तक उन्हें यकीन नहीं हो जाता कि फिल्म उनका मनोरंजन करेगी या नहीं। अगर लोगों को फिल्में उबाऊ लगने लगती हैं तो सबकी फिल्म देखने की दिलचस्पी खत्म हो जाती है।