SAIL : BSP प्रबंधन को हाईकोर्ट ने लगाई फटकार, लीजधारकों पर की थी कार्रवाई, जानिए पूरा मामला
दुर्ग, 19 सितम्बर। छत्तीसगढ़ में भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के नगर सेवाएं विभाग को हाईकोर्ट ने फटकार लगाया है। बीएसपी ने भिलाई के खुर्सीपार में नेशनल हाइवे के किनारे करोड़ो की जमीन को अवैध कब्जा बताकर सील करने की कार्रवाई की थी। लेकिन अब हाईकोर्ट के निर्देश पर बीएसपी नगर सेवा विभाग के अधिकारियों ने सील की गई सम्पत्ति को फ्री करना पड़ा। बीएसपी के इन तरह बैकफुट पर आने से जमकर किरकिरी हो रही है।
दरअसल बीएसपी के नगर सेवा विभाग द्वारा सम्पदा न्यायलय में पारित डिक्री के आधार पर भिलाई के नेशनल हाइवे के किनारे भिलाई आईटीआई के आगे एमएलटी क्रेन समेत पांच कंपनियों पर कार्रवाई की गई थी। बीएसपी ने लगभग 50 करोड़ कीमत की ढाई एकड़ जमीन पर कब्जा होना बताया गया। इस कब्जे को हटाने के लिए बीएसपी ने पहले एक एमएलटी क्रेन्स कम्पनी पर 17 अगस्त को कर्रवाई करते हुए कार्यालय में ताला जड़ दिया, जिसके बाद 9 सितम्बर को बाकी 5 कम्पनियों पर भी ताला लगाकर सील करने की कार्रवाई की थी।
बीएसपी
ने
1975
में
अलॉट
की
थी
भूमि
इस
मामले
से
जुड़े
प्रभावित
महालक्ष्मी
ट्रेडिंग,
बंसल
ब्रदर्स,
बंसल
कॉमर्शियल,
दुर्गा
धरमकांटा
के
संचालकों
में
संजय
साधवानी,
अनूप
बंसल,
राहुल
बंसल
और
नरेश
अग्रवाल
का
कहना
है
कि
बीएसपी
जिस
भूमि
को
कब्जा
बता
रही
है।
वह
लाइसेंस
पर
है।
हमें
बीएसपी
द्वारा
1975
में
व्यावसायिक
उपयोग
के
लिए
जमीन
अलॉट
किया
गया
था।
हमने
2004
तक
बीएसपी
को
किराये
भी
जमा
किए
हैं।
2004
में
बीएसपी
ने
अचानक
मनमाने
तरीके
से
किराया
बढ़ा
दिया
गया।
जिस
पर
हमने
आपत्ति
दर्ज
कराई।
इस
आपत्ति
के
बाद
से
बीएसपी
प्रबंधन
ने
किराया
नहीं
लिया
है।
हम
2004
से
लेकर
अब
तक
का
किराया
देने
तैयार
है।
इस
बारे
में
हम
लगातार
बीएसपी
प्रबंधन
से
लिखित
वार्ता
कर
रहे
हैं।
कम्पनियों
पर
22
करोड़
का
टैक्स
है,
बकाया
भिलाई
इस्पात
संयंत्र
के
नगर
सेवा
विभाग
के
अनुसार
इन
कंपनियों
पर
लगभग
22
करोड़
रुपए
से
अधिक
का
टैक्स
बकाया
है।
वहीं
बीएसपी
की
व्यवसायिक
जमीन
पर
स्थायी
निवास
का
निर्माण
किया
गया
है।
बीएसपी
ने
लगभग
50
करोड़
रुपए
से
अधिक
की
भूमि
पर
इन
कंपनियों
का
कब्जा
हटाया
था।
सेल
के
इतिहास
की
सबसे
बड़ी
कारवाई
है।
इस
कार्रवाई
पर
बीएसपी
को
बड़ा
झटका
लगा
है।
Bhilai:
BSP
के
करोड़ो
की
जमीन
पर
रसूखदारों
ने
किया
था
कब्जा,
कोर्ट
खुलने
से
पहले
कर
दी
कार्रवाई
प्रभवितों
ने
कहा
हम
किराया
देने
को
तैयार
प्रभावितों
को
हाईकोर्ट
से
इस
मामले
में
स्टे
मिल
गया
है।
बीएसपी
की
यह
कार्रवाई
द्वेषपूर्ण
तरीके
से
की
गई
है।
हाईकोर्ट
बिलासपुर
से
हमें
राहत
मिल
गई
है।
अब
आगे
भी
हमें
उम्मीद
है
कि
इस
मामले
में
हमें
न्याय
मिलेगा।
बीएसपी
प्रबंधन
से
आग्रह
है
कि
हमारे
लीज
को
कंटिन्यू
किया
जाए।
2004
के
बाद
से
जो
भी
देयक
है,
उसे
जमा
करने
के
लिए
हम
तैयार
हैं।
हाईकोर्ट
ने
दिया
यह
आदेश
राज्य
अधिवक्ता
का
निवेदन
था
कि
चूंकि
याचिकाकर्ता
के
बेदखली
के
आक्षेपित
आदेश
के
विरुद्ध
वैकल्पिक
उपाय
उपलब्ध
है,
अत:
यह
याचिका
विचारणीय
नहीं
है।
उन्होंने
आई.ए.
पर
लिखित
प्रस्तुतिकरण
प्रस्तुत
करने
के
लिए
भी
समय
मांगा।
हाईकोर्ट
ने
स्टे
देते
हुए
कहा,
कि
सुनवाई
की
अगली
तिथि
तक
दोनों
पक्ष
विवादित
भूमि
पर
ही
रहेंगे।
आज
की
तारीख
में,
याचिकाकर्ता
के
पास
उक्त
भूमि
का
कब्जा
है,
इसलिए,
प्रतिवादी
अधिकारियों
को
कहा
है
कि
वे
याचिकाकर्ता
को
किसी
भी
प्रकार
के
विवाद
के
बिना
विवादित
भूमि
में
प्रवेश
करने
से
न
रोकें।
इन
याचिकाओं
को
नवंबर,
2022
के
अंतिम
सप्ताह
में
सूचीबद्ध
करें।
खाली
हाथ
लौटी
बीएसपी
की
टीम
हाईकोर्ट
के
स्टे
के
बाद
बीएसपी
की
टीम
पांचों
कंपनियों
के
खिलाफ
कार्रवाई
करने
गई
थी,
जहां
उन्होंने
प्रभावितों
ने
न्यायालय
का
स्टे
आदेश
दिखाया,
जिसे
देखेकर
वह
टीम
बैरंग
लौट
गई
है।
हाईकोर्ट
ने
अपने
आदेश
में
सील
हटाकर
लीजधारकों
को
देने
कहा
है।
वहीं
अगली
सुनवाई
की
तारीख
भी
तय
हो
गई
है।
8
सप्ताह
बाद
इस
मामले
की
सुनवाई
होगी।