Bhilai: BSP के करोड़ो की जमीन पर रसूखदारों ने किया था कब्जा, कोर्ट खुलने से पहले कर दी कार्रवाई
दुर्ग, 10 सितम्बर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्थित भिलाई इस्पात संयंत्र ने अवैध कब्जेदारों के खिलाफ बेदखली का अभियान छेड़ दिया है। इस अभियान की शुरुआत बीएसपी क्वार्टरों से कब्जेदारों को हटाने से हुई है। लेकिन अब बीएसपी के इंफोर्समेंट डिपार्टमेंट ने राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पांच बड़े कब्जेदारों पर अवैध कब्जे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बीएसपी ने लगभग 70 करोड़ की भूमि से कब्जा हटाया है।

पहले नोटिस दिया, अब किया बेदखल
भिलाई इस्पात संयंत्र के कीमती जमीन पर कई सालों से कब्जा जमाए कब्जेदारों को पहले नोटिस देकर समझाया गया। लेकिन कब्जेदारों पर इसका कोई असर नही हुआ। जिसके बाद 10 अगस्त 2022 को तालाबंदी संबंधित कब्जेदारों के संस्थानों में तालाबन्दी कि कार्रवाई प्रवर्तन विभाग द्वारा की गई। जिसके बाद शुक्रवार को उसी परिसर पर भारी पुलिस बल और ऑफिसर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष की उपस्थिति में बेदखली की कार्रवाई की गई। परिसर को कार्यपालक मजिस्ट्रेट, जिला पुलिस बल की उपस्थिति में सील किया गया। इस दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र ,नगर सेवा विभाग के प्रवर्तन विभाग, भूमि विभाग, आवास विभाग का अमला मौजूद रहा।

70 करोड़ की जमीन पर था कब्जा
भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रवर्तन विभाग के अनुसार खुर्सीपार में फोरलेन के किनारे संयत्र की करोड़ो रूपये के कीमती जमीन है। फोरलेन के किनारे से लेकर तेलहा नाला तक खाली जमीन के लगभग 2 एकड़ हिस्से पर जिसकी बाजार कीमत लगभग 70 करोड़ है पर कब्जा कर लिया गया था। इन रसूखदार कब्जधारियों ने दशकों पहले लीज पर लिया था। अवधि समाप्त होने के बाद न कब्जा हटाया और न ही बकाया का भुगतान किया।

बीएसपी द्वारा पहली बार तालाबन्दी किए जाने के बाद कबेजदार MLT क्रेन्स के संचालको समेत सभी ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसकी सुनवाई शुक्रवार को लगभग 12 बजे बिलासपुर हाईकोर्ट में होनी थी, लेकिन भिलाई इस्पात संयंत्र के प्रवर्तन विभाग द्वारा इससे पहले सुबह 5. 30 बजे पहुंचकर ही खुर्सीपार में फोरलेन के किनारे लगभग 70 करोड़ कीमत की दो एकड़ जमीन पर हुए पांच अवैध कब्जा को बेदखली कर सील कर दिया।
22 करोड़ रुपये का राजस्व बकाया
बीएसपी के प्रवर्तन विभाग ने जिन पांच व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई की है वे शहर के रसूखदार हैं। लीज पर जमीन लेने के बाद उन पर भिलाई इस्पात संयंत्र का 22 करोड़ राजस्व बकाया है। कार्रवाई के दौरान भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की ओर से पूरी गोपनीयता बरती गई। वहीं किसी तरह के विरोध को टालने सेफी के चयरमैन एवं ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी भी पहुंच गए थे। इस कार्रवाई से बाकी अवैध कब्जाधारियों में हड़कंप मच गया है।
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