63 साल पुराने Bhilai Steel Plant में हादसों के 180 वजह, टास्क फोर्स ने तैयार की रिपोर्ट, अब एक्शन की बारी
छत्तीसगढ़ में स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड(SAIL) की ध्वजवाहक इकाई भिलाई स्टील प्लांट में हादसों में कमी लाने कई उपाय प्रबन्धन करता आ रहा है। लेकिन इसके बाद भी संयंत्र में हादसे थमने का नाम नही ले रहा है।
दुर्ग, 25 अगस्त। छत्तीसगढ़ में स्थित स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड(SAIL) की ध्वजवाहक इकाई भिलाई स्टील प्लांट में हादसों में कमी लाने कई उपाय प्रबन्धन करता आ रहा है। लेकिन इसके बाद भी संयंत्र में हादसे थमने का नाम नही ले रहें है। अब एक बार फिर बीएसपी प्रबंधन ने हादसे रोकने की कवायद शुरू की है। प्रबंधन ने दो महीने पूर्व हादसों का कारण जानने कर्मचारी यूनियनों और अधिकरियों की अलग अलग टीम बनाकर टास्क फोर्स तैयार की थी। अब दोनों टीमों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। जल्द ही सह रिपोर्ट अब बीएसपी के प्रभारी निदेशक को सौंपा जाएगा।
एक
सप्ताह
में
चार
मौतें
फिर
जागा
प्रबन्धन
Bhilai
Steel
Plant
में
लगातार
हो
रहे
हादसे
प्रबन्धन
के
सुरक्षा
साधनों
और
मेन्टेनेंस
पर
सवाल
खड़े
करते
हैं।
इन
हादसों
में
सैकड़ों
श्रमिको
की
जान
जा
चुकी
है।
जून
में
एक
के
बाद
एक
4
हादसे
हुए।
जिसमें
तीन
लोगों
को
जान
गंवानी
पड़ी
और
4
कर्मी
गंभीर
रूप
से
घायल
हुए।
जिसके
बाद
प्रबंधन
ने
सभी
यूनियनो
से
सुझाव
मांगा।
हादसों
के
बाद
डायरेक्टर
इंचार्ज
द्वारा
गठित
टास्क
फोर्स
बनाया
गया।
अब
बीएसपी
अधिकारियों
और
यूनियन
प्रतिनिधियों
ने
अपनी
रिपोर्ट
तैयार
कर
ली
है।
दोनों कमेटियों की दो दिनों तक चली बैठक में दोनों कमेटियों की रिपोर्ट को कंपाइल किया गया। जिसमें प्लांट में लगातार हो रहे हादसे के 180 कारण बताए गए। अब कंपाइल रिपोर्ट पर दोनों कमेटियों के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता को सौंपी जाएगी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि खामियों का निराकरण तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में उन खामियों को रखा गया है जिसका तत्काल निराकरण किया जाना है। जिसके बाद बाकी खामियों को तीन व छः माह के भीतर सुधारा जाएगा।
बीएसपी ने हादसे रोकने व सुरक्षा में कसावट लाने सेफ्टी कंसल्टेंसी को काम दिया। कंसल्टेंसी द्वारा समस्य समय पर यूनियन नेताओं को सुरक्षित कामकाज के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके माध्यम से सभी यूनियन के प्रतिनिधि अपने स्तर पर सुरक्षित कामकाज के लिए जागरूकता अभियान चलाएं। कंसल्टेंसी एजेंसी के एक्सपर्ट ह्यूमन फैक्टर से होने वाले हादसों से बचाव का तरीका बता रहे हैं। कंसल्टेंसी के अनुसार बीएसपी में करीब 1000 ब्लैक स्पॉट हैं, जहां हादसे की आशंका बनी रहती है। अब इन सभी स्थानों पर प्रतिबंधित क्षेत्र का बोर्ड लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बीएसपी ने सड़क हादसे रोकने के लिए 42 डिफेंसिव ड्राइविंग ट्रेनर तैयार किए हैं।
रिपोर्ट
में
बताया
हादसों
का
तीन
प्रमुख
कारण
पहला
प्रमुख
कारण
1.
भिलाई
इस्पात
संयंत्र
की
स्थापना
को
लगभग
65
साल
हो
चुके
हैं।
जिसके
चलते
प्लांट
में
लोहे
के
स्ट्रक्चर
पूरी
तरह
हो
चुके
जर्जर
हैं।
टास्क
फोर्स
की
टीम
को
लगभग
सभी
विभागीं
में
स्टील
के
स्ट्रक्चर
की
हालत
खराब
मिली।
क्रेन
के
कालम
बीम
सड़
चुके
लगभग
सभी
विभागों
में
हाइट
वाले
वाक
वे
वाले
लोहे
के
स्ट्रक्चर
जर्जर
हो
चुके
हैं।
अधिक
उंचाई
में
होने
की
वजह
से
प्रबंधन
मेंटेनेंस
पर
ध्यान
नहीं
दे
रहे
हैं।
दूसरा
प्रमुख
कारण
2.
टास्क
फोर्स
की
रिपोर्ट
में
लिखा
है
कि
बीएसपी
के
सभी
विभागों
में
ठेका
श्रमिक
मानसिक
तनाव
में
काम
कर
रहें
हैं
जो
हादसों
की
प्रमुख
वजह
है।
क्योंकि
यहां
श्रमिकों
को
न्यूनतम
मजदूरी
का
भी
भुगतान
नहीं
किया
जा
रहा
है।
कम
मजदूरी
का
भुगतान
करने
की
वजह
से
ठेका
एजेंसी
को
अच्छे
श्रमिक
नहीं
मिल
रहे
हैं।
श्रमिकों
के
मानसिक
तनाव
का
असर
उत्पादन
पर
पड़ने
के
साथ
सुरक्षा
पर
भी
पड़
रहा
है।
संयंत्र
में
हुए
हादसों
में
सबसे
अधिक
मौत
या
शारीरिक
अपंगता
के
शिकार
ठेका
श्रमिक
ही
हुए
हैं।
तीसरा
प्रमुख
कारण
3.
टास्क
फोर्स
की
टीम
ने
पाया
कि
किसी
भी
इस्पात
संयंत्र
में
लगातार
काम
नही
किया
जा
सकता।
बीएसपी
में
इसके
लिए
सभी
विभागों
में
ब्रेक
के
दौरान
कर्मियों
के
विश्राम
के
लिए
रेस्ट
रूम
बनाए
गए
हैं
जो
काफी
जर्जर
हो
चुके
है।
कुछ
रेस्ट
रूम
में
अधिकारियों
ने
अपना
दफ्तर
बना
लिया
है।
वहीं
कुछ
रेस्ट
रूम
में
मवेशियों
का
डेरा
रहता
है।
इसके
कारण
कर्मियों
को
विश्राम
के
लिए
ठीक
जगह
भी
नहीं
मिल
पा
रही।
इसका
असर
उनकी
कार्यक्षमता
पर
भी
पड़
रहा
है।