बालोद : जिले में झमाझम बारिश से नदी नाले उफान पर, स्कूल बने तालाब, बच्चे पकड़ रहे मछलियां
इस बार मानसून ने बीते साल के रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। मौसम विभाग ने बीते दो दिनों में जिले में रिकॉर्ड 112.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश डौंडीलोहारा व बालोद तहसील में दर्ज की गई।
बालोद 14 जुलाई। छत्तीसगढ़ में इन दिनों भारी बारिश से नदी और नाले उफान पर हैं । बालोद जिले में पिछले 2 दिनों से हो रही झमाझम बारिश से पूरा जिला पानी-पानी हो गया। इस बार मानसून ने बीते साल के रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। मौसम विभाग ने बीते दो दिनों में जिले में रिकॉर्ड 112.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश डौंडीलोहारा व बालोद तहसील में दर्ज की गई। खेतों में लबालब पानी भरा हुआ है। कई घरों व स्कूलों में भी पानी घुस गया। लोगों को रात बिताना व स्कूल में पढ़ाई करना भी मुश्किल हो गया।
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सार्वजनिक
भवनों
में
चल
रहा
सरकारी
स्कूल
बालोद
जिले
के
डौंडी
ब्लॉक
में
झमाझम
बारिश
से
स्कूल
के
मैदानो
में
पानी
भर
गया
है।
जिससे
यह
मैदान
किसी
तालाब
तरह
की
तरह
नजर
आ
रहे
हैं।
बारिश
से
भरे
गड्ढों
में
बच्चे
खेलते
भी
नजर
आ
रहे
हैं।
इस
बारिश
से
कई
घरों
व
स्कूलों
में
भी
घुस
गया।
लोगों
को
रात
बिताना
व
स्कूल
में
पढ़ाई
करना
भी
मुश्किल
हो
गया
है
।
फिलहाल
स्कूल
प्रबंधन
ने
वैकल्पिक
तौर
पर
सार्वजनिक
भवनों
में
बच्चों
को
पढ़ाने
की
व्यवस्था
की
है।
नदी
नाले
हैं
उफान
पर,
गांवों
में
जारी
किया
गया
अलर्ट
दूसरी
ओर
जिले
के
अधिकांश
छोटी-बड़ी
नदी-नाले
भी
उफान
पर
है।
सेमरिया
नाला
दीघवाड़ी,
बोरी
भेंगारी
नाला
सहित
अन्य
नालों
में
पुलिया
के
ऊपर
दो
से
ढाई
फीट
पानी
बह
रहा
है।
ऐसे
में
आवागमन
बंद
है।
वहीं
इन
रूटों
पर
बस
भी
बन्द
है
।
कई
गांवों
का
भी
जिला
मुख्यालय
से
संपर्क
कट
गया
है।
नदी-नालों
में
उफान
को
देखते
हुए
बाढ़
आपदा
नियंत्रण
विभाग
की
टीम
अलर्ट
हो
गई
है।तेज
बारिश
के
कारण
कई
गांवों
में
पेड़
गिरने
की
खबर
है।
वहीं
बालोद-दुर्ग
मार्ग
में
उमरादाह,
लाटाबोड़,
अरौद
के
पास
बड़ा
पेड़
सड़क
पर
गिर
गया।
लगभग
दो
घंटे
सड़क
जाम
रही।
सड़क
में
गिरे
पेड़
को
हटाने
पर
लोगों
ने
राहत
की
सांस
ली।
डौण्डी
ब्लॉक
में
हो
रही
बारिश
से
स्कूल
हुए
बन्द
बालोद
विकासखंड
अंतर्गत
प्राथमिक
शाला
डौण्डी,
प्राथमिक
शाला
खपरी,
बोरी
सहित
अन्य
स्कूलों
में
लबालाब
पानी
भर
गया।
सबसे
ज्यादा
गंभीर
स्थिति
लोंडी
प्राथमिक
स्कूल
की
रही।
इस
स्कूल
होकर
एक
नाली
जनपद
सदस्य
निधि
से
बनाई
गई
है,
लेकिन
नाली
की
चौड़ाई
कम
है।
वहीं
स्कूल
के
पानी
निकास
द्वार
नीचे
होने
के
कारण
भरा
पानी
बाहर
नहीं
निकल
पाया।
दो
कमरे
में
सहित
पूरे
परिसर
में
एक
फीट
पानी
भरा
रहा।
इस
स्कूल
के
मैदान
में
भरे
पानी