दुर्ग: कांग्रेस विधायिका लक्ष्मी ध्रुव पर 420 का आरोप, डायरेक्टर बनाने लिए थे 23 लाख, कोर्ट ने भेजा सम्मन
छत्तीसगढ़ के सिहावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव के खिलाफ दुर्ग जिला न्यायालय में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वहीं कोर्ट ने विधायिका को सम्मन भेजा है। आवेदिका पूर्णिमा ठाकुर के दायर किये गए परिवाद
दुर्ग, 28 जुलाई। छत्तीसगढ़ के सिहावा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव के खिलाफ दुर्ग जिला न्यायालय में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। वहीं कोर्ट ने विधायिका को सम्मन भेजा है। आवेदिका पूर्णिमा ठाकुर के दायर किये गए परिवाद पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग कोर्ट के आदेश पर यह अपराध पंजीबद्ध किया गया है।
विधायिका
पर
क्या
है
आरोप
दरअसल
दुर्ग
जिला
न्यायालय
ने
दायर
परिवाद
पर
साक्ष्यों
के
आधार
पर
प्रथम
दृष्टया
डॉ
लक्ष्मी
ध्रुव
के
विरुद्ध
अपराध
दर्ज
करने
आदेश
दिया।
वर्ष
2010
से
2017
तक
दोहरे
पद
पर
रह
कर
लाभ
लेने
का
आरोप
विधायिका
पर
लगा
है।
आवेदिका
पूर्णिमा
ठाकुर
ने
विधायक
लक्ष्मी
ध्रुव
पर
गर्व
इंस्टीट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
पुरई
में
डायरेक्टर
के
पद
दिलाने
23
लाख
25
हजार
लिए
जाने
का
आरोप
भी
लगाया
है,
विधायिका
ने
खुद
को
बताया
इंस्टिट्यूट
का
अध्यक्ष
विधायिका
और
पूर्णिमा
ठाकुर
दोनों
महिला
गोंडवाना
समाज
के
सदस्य
हैं।
इसलिए
समाज
के
समारोह
मीटिंग
आदि
कार्यक्रम
में
आना
जाना
होता
है।
आवेदिका
के
दायर
याचिका
के
अनुसार
विधायक
लक्ष्मी
ध्रुव
ने
स्वयं
को
गर्व
इंस्टीट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
पुरई
का
अध्यक्ष
बताया
था।
और
पूर्णिमा
ठाकुर
से
अलग-अलग
चेक
व
नगद
के
माध्यम
से
साल
2010
में
23
लाख
50
हजार
रुपए
जमा
कराए
है।
विधायिका
ने
पूर्णिमा
को
भरोसा
दिलाते
हुए
कहा
गया
था
कि
समय-समय
पर
इसका
लाभांश
मिलने
और
बाद
में
नियमित
वेतन
भत्ता
मिलता
रहेगा।
और
उसे
डायरेक्टर
भी
बनाया
जाएगा।
2010
से
2013
तक
किया
काम
फिर
निकाला
परिवादी
पूर्णिमा
ठाकुर
का
कहना
है
कि
उसने
गर्व
इंस्टिट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
पुरई(
दुर्ग)
में
2010
से
2013
तक
लक्ष्मी
ध्रुव
के
कहने
पर
डायरेक्टर
के
पद
पर
काम
किया।
जिसके
लिए
उसे
मात्र
13
हजार
रुपये
पेट्रोलिंग
अलाउंस
मिलता
था।
लेकिन
बाद
में
उन्हें
संस्था
की
स्थिति
खराब
होने
का
हवाला
देते
हुए
इंस्टीट्यूट
से
निकाल
दिया
गया।
इससे
पहले
2010-2011
में
आवेदिका
से
चेक
व
नगदी
के
माध्यम
से
23
लाख
50
हज़ार
जमा
कराए
गए।
दोहरे
पद
पर
रही
विधायिका
दरअसल
विधायिका
पर
आरोप
है
कि
साल
2010
से
2018
तक
गर्व
इंस्टिट्यूट
ऑफ
टेक्नोलॉजी
में
अध्यक्ष
पद
पर
थी।
इस
दौरान
उन्हें
गर्व
इंस्टिट्यूट
से
आर्थिक
लाभ
व
अन्य
लाभ
अध्यक्ष
के
हैसियत
से
लेतीं
रही।
लेकिन
इससे
पहले
वे
सन
1988
से
1993
तक
दुर्ग
के
शासकीय
विश्वनाथ
यादव
तामस्कर
कॉलेज
में
असिस्टेंट
प्रोफेसर
के
पद
पर
शासकीय
सेवक
के
रूप
में
पदस्थ
थी।
जिसके
बाद
साल
2017
में
विधायिका
लक्ष्मी
ध्रुव
ने
त्यागपत्र
दे
दिया।
यानी
साल
2010
से
2017
तक
विधायक
लक्ष्मी
ध्रुव
दोहरे
पद
पर
रही।
रकम
को
बताया
दान
,
की
धोखाधड़ी
पूर्णिमा
ठाकुर
का
आरोप
है
कि
जब
संस्था
छोड़ते
वक्त
उन्होंने
अपने
दिए
रकम
की
जानकारी
मांगी।
तब
लक्ष्मी
ध्रुव
ने
उन्हें
डायरेक्टर
के
माध्यम
से
दिए
गए
रकम
को
संस्था
में
दान
स्वरूप
दिए
जाने
की
21
लाख
25
हजार
की
पर्ची
थमा
कर
संस्था
से
निकाल
दिया
गया।
जिसके
बाद
लगातार
लक्ष्मी
ध्रुव
से
अपने
पैसे
की
मांग
करती
रही
कोर्ट
ने
अपराध
दर्ज
करने
के
दिए
निर्देश
इस
पूरे
मामले
पर
दुर्ग
जिला
कोर्ट
ने
विधायक
लक्ष्मी
ध्रुव
के
खिलाफ
420
के
तहत
अपराध
दर्ज
करने
के
निर्देश
दिए
हैं।
वहीं
विधायिका
को
कोर्ट
में
पेश
होने
के
आदेश
के
साथ
सम्मन
जारी
किया
है
।दरअसल
वर्तमान
में
विधायिका
सिहावा
विधानसभा
की
विधायक
हैं।
लक्ष्मी
ध्रुव
कांग्रेस
विधायकों
में
दबंग
नेत्री
के
रूप
में
जानी
जाती
है।