भिलाई : जंगल के राजा शेर रखते हैं एक दिन का उपवास, पानी पीकर गुजारते हैं दिन, जानिए क्या है वजह
दुर्ग जिले के भिलाई स्थित मैत्री बाग़ में जानवर खासकर टाइगर व शेर हफ्ते में एक दिन का उपवास रखते हैं । मैत्री बाग जू प्रबंधक एनके जैन बताते हैं कि शरीर को मेंटेन करने के लिए शेर को उपवास रखना जरूरी है।
दुर्ग, 26 जुलाई। इंसान भगवान से मन्नत मांगने उपवास रखे ये बात समझ में आती है। लेकिन जानवर उपवास रखे ये समझ से परे है। जी हां आपको हम ऐसे जू के बारे में बता रहें हैं, जहाँ जंगल के राजा शेर को भी सिर्फ पानी पीकर एक दिन का उपवास रखना पड़ता है। ये अपने किसी मन्नतें पूरी करने के लिए नही बल्कि अपने स्वस्थ्य के लिए व्रत रखते हैं। इस बात पर शायद आप विश्वास नहीं करेंगे। लेकिन यह बात सच है। दुर्ग जिले के भिलाई स्थित मैत्री बाग़ में जानवर खासकर टाइगर व शेर हफ्ते में एक दिन का उपवास रखते हैं ।
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भारत-रूस
मित्रता
का
प्रतीक
है
मैत्री
बाग
छत्तीसगढ़
के
भिलाई
में
भिलाई
इस्पात
संयंत्र
की
स्थापना
के
बाद
भारत
रूस
मित्रता
का
प्रतीक
मैत्री
बाग
का
निर्माण
किया
गया।
जिसके
बाद
यहां
जंगली
जानवरों
के
आने
का
सिलसिला
शुरु
हुआ।
तब
से
अब
तक
यहां
हज़ारों
जानवरों
का
आना-जाना
लगा
रहता
है।
लेकिन
यहां
का
प्रबन्धन
इन
जानवरों
के
खाने
पीने
का
पूरा
ध्यान
रखता
है।
इस
जू
को
वाइट
टाइगर
के
लिए
जाना
जाता
है।
यहां
के
वाइट
टाइगर
आज
बंगाल,
उत्तरप्रदेश,
दिल्ली
जैसे
जू
में
मौजूद
हैं।
एनिमल
एक्सचेंज
प्लान
के
तहत
ये
सभी
जू
में
होता
है।
पाचन
तंत्र
ठीक
रखने
कराया
जाता
है
फ़ास्ट
एशिया
के
सबसे
बड़े
इस्पात
संयंत्र
भिलाई
इस्पात
संयंत्र
के
अधीनस्थ
मैत्री
बाग
में
यूं
तो
सैकड़ों
जानवर
है,
लेकिन
यहां
का
सबसे
मुख्य
आकर्षण
है,
वाइट
टाइगर
और
लॉयन
जिसे
देखने
के
लिए
पूरे
देश
भर
से
पर्यटक
आते
हैं।
लेकिन
क्या
आपको
पता
है
कि
यह
शेर
अपने
पाचन
तंत्र
को
बेहतर
और
शरीर
को
पूरी
तरह
स्वस्थ
रखने
के
लिए
टाइगर
भी
नियमों
का
पालन
करते
हैं।
क्योंकि
हफ्ते
में
एक
दिन
सोमवार
के
दिन
यह
सभी
शेरों
व
टाइगर
को
भूखा
रखा
जाता
हैं।
जिससे
इनका
पाचन
तंत्र
बेहतर
हो
सके.
दरअसल,
जू
प्रबंधन
पशु
चिकित्सकों
की
सलाह
के
अनुसार
जानवरों
को
स्वस्थ
रखने
के
लिए
सप्ताह
के
एक
दिन
शेर
को
भोजन
नही
दिया
जाता
है।
मनुष्य
के
शरीर
के
लिए
भी
लाभदायक
है
यदि
इंसान
भी
हफ्ते
में
एक
दिन
व्रत
रखता
है
तो
उसका
पाचन
तंत्र
बेहतर
होता
है।
जंगल
में
जानवर
कई
दिनों
तक
रहतें
हैं
भूखे
जू
प्रबन्धक
डॉ
एनके
जैन
के
अनुसार
जंगल
में
रहने
वाले
जंगली
जानवर
और
शेर
जिन्हें
कभी-कभी
शिकार
का
मौका
नही
मिलता
है।
शिकार
के
बाद
जंगली
जानवर
भर
पेट
भोजन
करते
हैं।
लेकिन
अगला
शिकार
कब
होगा
यह
शेर
को
भी
नहीं
पता
होता
है.
कई
बार
जंगलों
में
कई
दिनों
तक
भूखे
भी
रह
जाते
हैं।
सप्ताह
में
6
दिन
मिलता
है
उबला
हुआ
मांस
मैत्री
बाग
में
रोजाना
शेर
व
टाइगर
को
उसकी
क्षमता
के
अनुरूप
मांस
और
मटन
खाने
के
लिए
दिया
जाता
है।
जिससे
उसका
पेट
हमेशा
भरा
रहता
है।
इन्हें
हर
दिन
शिकार
ढूंढने
की
जरुरत
नहीं
पड़ती
है,
ऐसे
में
अपने
भारी
भरकम
शरीर
को
मेटेंन
रखने
के
लिए
शेर
और
टाइगर
एक
दिन
का
उपवास
कराया
जाता
हैं।
मैत्री
बाग
जू
प्रबंधक
एनके
जैन
बताते
हैं
कि
शरीर
को
मेंटेन
करने
के
लिए
शेर
को
उपवास
रखना
जरूरी
है।
सिर्फ
पानी
पीकर
रखतें
है
उपवास
शेर
को
प्रतिदिन
12
से
14
किलो
गोट
का
मीट
दिया
जाता
है
और
सोमवार
के
दिन
शेर
सिर्फ
पानी
पीकर
ही
अपना
दिन
और
रात
बिताता
है।
सोमवार
के
दिन
इन
लोगों
को
कुछ
खाने
के
लिए
नहीं
दिया
जाता
है।
खास
बात
यह
है
कि
हर
दिन
इन
शेर
और
टाइगरों
का
खाना
मिलता
है।
लेकिन
एक
दिन
खाना
नहीं
मिलने
की
वजह
से
यह
हिसंक
भी
नहीं
होते
बल्कि
सारा
दिन
आराम
से
रहते
हैं.
ऐसे
में
इन
टाइगर
और
शेरों
को
देखने
पर्यटकों
की
संख्या
और
बढ़ती
जा
रही
है।