राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में रोज 2 घंटे का हड़ताल, नई भर्तियां नहीं होने से नर्स परेशान
राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कार्यरत स्टाफ नर्सो ने नई भर्ती नही लेने और मौजूदा कर्मचारियों पर काम का दबाव होने के विरोध में 26 जुलाई से रोजाना दो घंटे काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी हैं।
राजनांदगांव, 27 जुलाई। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारी और शिक्षक हड़ताल पर हैं। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। वहीं राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी कार्यरत स्टाफ नर्सो ने नई भर्ती नही लेने और मौजूदा कर्मचारियों पर काम का दबाव होने के विरोध में 26 जुलाई से रोजाना दो घंटे काम बंद कर हड़ताल शुरू कर दी हैं। अब प्रदर्शन के दौरान पूरे अस्पताल में भर्ती मरीज सहित अन्य चिकित्सकीय कामकाज प्रभावित हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अब तक स्टाफ नर्सों की भर्ती नहीं होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है।मेडिकल कालेज में नई भर्तियों पर राज्य सरकार से कोई निर्देश नही मिलने पर प्रबन्धन भी बेबस है। जिसके चलते स्टाफ नर्सों पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसलिए अस्पताल में नर्सों की भर्ती करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। अब प्रदर्शन के दौरान पूरे अस्पताल में भर्ती मरीज सहित अन्य चिकित्सकीय कामकाज हो रहा है।
रोज
दो
घंटे
काम
बंद,
अनिश्चित
कालीन
हड़ताल
की
चेतावनी
मेडिकल
कालेज
अस्पताल
की
नर्स
विरोध
स्वरूप
रोज
सुबह
11
से
दोपहर
1
बजे
तक
दो
घंटे
हड़ताल
पर
जाकर
वहीं
प्रदर्शन
कर
रही
हैं।
नर्सों
का
कहना
है
कि
जल्द
ही
प्रबंधन
इस
ओर
गंभीरता
से
पहल
नहीं
करता
है,
तो
वे
अनिश्चितकालीन
हड़ताल
पर
जाएंगे।
मेडिकल
कालेज
व
जिला
अस्पताल
अलग
होने
से
बढ़ी
परेशानी
दरअसल
पहले
जिला
अस्पताल
और
मेडिकल
कॉलेज
अस्पताल
मर्ज
हुआ
करता
था,
लेकिन
पेंड्री
में
मेडिकल
कॉलेज
प्रबंधन
का
अलग
से
भवन
बनने
के
बाद
मेडिकल
कॉलेज
अस्पताल
वहां
संचालित
हो
रहा
है।
वहां
बैड
की
संख्या
भी
बढ़
गई
है।
जिससे
स्थानीय
मरीजों
की
संख्या
बढ़ी
है।
लेकिन
अब
तक
स्टाफ
नर्सों
की
भर्ती
के
लिए
अस्पताल
प्रबंधन
द्वारा
किसी
प्रकार
का
विज्ञापन
भी
नहीं
निकाला
गया
है।
इससे
कार्यरत
नर्स
पर
काम
का
दबाव
हैं।
500
बिस्तर
अस्पताल
में
सिर्फ
30
नर्सिंग
स्टाफ
राजनांदगांव
के
पेंड्री
स्थित
मेडिकल
कॉलेज
में
500
बिस्तर
का
अस्पताल
है।
यहां
तकरीबन
सौ
स्टाफ
नर्स
हैं,
इनमें
से
30
नर्सिंग
स्टाफ
हैं।
ऐसे
में
तीन
लोगों
का
काम
एक
नर्स
से
लिया
जा
रहा
है।
वहीं
आईसीयू
में
एक
मरीज
के
लिए
एक
नर्स
की
आवश्यकता
होती
है,
जहां
एक
नर्स
15-20
मरीजों
को
अटेंड
कर
रही
हैं।
यही
कारण
है
कि
नर्स
दबाव
महसूस
कर
रही
हैं।
साथ
ही
अब
कोरोना
वार्ड
भी
बढ़
गया
है।
यहां
अलग
से
डॺूटी
लग
रही
है।
लेकिन
अस्पताल
में
ऑटोनॉमस
से
भी
25-30
स्टाफ
नर्सों
की
भर्ती
की
जा
सकती
है।
इससे
अस्पताल
में
वर्तमान
की
व्यवस्था
सुधारी
जा
सकती
है,
लेकिन
अस्पताल
प्रबंधन
द्वारा
इस
ओर
भी
ध्यान
नहीं
दिया
जा
रहा
है।
अधीक्षक
ने
कहा
जल्द
भर्तियां
की
जाएगी
मेडिकल
कालेज
के
अस्पताल
के
अधीक्षक
डॉ
प्रदीप
बेक
सें
जब
हमने
पूछा
तो
उन्होंने
बताया
कि
अस्पताल
में
स्टाफ
की
कमी
है।
जल्द
ही
नई
भर्ती
की
जाएगी।
तीन
महीने
में
नए
स्टाफ
की
भर्ती
की
जाएगी।
इसके
बाद
यह
समस्या
दूर
हो
जाएगी।
कामकाज
प्रभावित
नहीं
रहा।
हड़ताली
नर्स
सुबह
काम
पर
रहीं।
इसके
बाद
कॉलेज
के
स्टाफ
मौजूद
रहे।