
Video: जनता के ‘नायक..’, और लापरवाहों के लिए खलनायक बने सीएम शिवराज, धड़ाधड़ 5 अफसर सस्पेंड

फ़िल्मी रुपहले पर्दे पर 21 साल पहले 'नायक' फिल्म रिलीज हुई थी। जिसमें एक दिन के सीएम के किरदार के रूप नजर आए अनिल कपूर ने खूब सुर्खियां बंटोरी। इस मूवी ने दर्शकों के बीच जगह बनाई और सुपरहिट हुई। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वैसे ही रोल में उस वक्त नजर आए, जब उनका उड़न खटोला जबलपुर होते हुए डिंडोरी फिर मंडला पहुंचा। वे यहां पब्लिक के लिए 'नायक' और लापरवाह अफसरों के लिए 'खलनायक' साबित हुए। दो-तीन घंटे के भीतर के इन जगहों की सरप्राइज चेकिंग करते हुए 5 अधिकारी-कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया।

ये रोल बड़ा है मस्त-मस्त
अभी तक जनता के बीच 'मामा' के रूप में खूब फेमस मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए साल के पहले एक और रोल में नजर आना शुरू हो गए है। ठीक वैसे ही, जैसे एस शंकर के निर्देशन में 2001 में रिलीज हुई नायक फिल्म में अनिल कपूर त्रस्त जनता के बीच सीएम बनकर पहुंचता है, फिर लापरवाह मनमौजी अफसरों के खिलाफ कड़े फैसले लेता है। फर्क इतना है कि वो एक दिन के सीएम की रील लाइफ की कहानी थी और यहां एमपी में 'रियल सीएम' शिवराज सिंह चौहान की 'रियल टाइम' कहानी है।

सुबह उठे और अचानक पहुंच गए डिंडोरी मंडला
ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि कोई सीएम अपने मुख्यालय से अचानक दूसरे शहर पहुंच जाए। जिसकी किसी को पहले से कोई भनक भी न हो। मप्र में ऐसा ही हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज की तरह सुबह उठे और पहले तय प्रोग्राम वाले शहरों की चर्चा छोड़, उन्होंने जबलपुर जाने का फैसला लिया, वो भी अफसरों को इसकी वजह बताए बिना। हेलीकाप्टर जबलपुर पहुंचा तो एयरपोर्ट पर थोड़ी देर रुकने के बाद वह सीधे डिंडोरी पहुंचे फिर वहां से मंडला। इस बात से हर कोई अनजान, कि सीएम आखिरी क्यों आए है?

पहुंचते ही अफसरों के लिए बन गए खलनायक !
डिंडोरी-मंडला जिले में अस्पताल, स्कूल और लोगों की सुविधाओं से जुड़े काम देखने जैसे ही सीएम पहुंचे, वहां के स्टाफ की हवा ख़राब हो गई। ठीक उसी अंदाज में जैसे नायक फिल्म में लीड हीरो अनिल कपूर कई दफ्तरों में पहुंचता फिर परेशान जनता की शिकायतों को सुनकर वह अधिकारियों को सस्पेंड करता चलता हैं। सीएम शिवराज सिंह भी उसी ढंग से पेश आए। कुछ जगहों पर लापरवाही की शिकायतों पर जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी को फटकार लगाईं तो कही घोर लापरवाही नजर आने पर अफसरों को तत्काल सस्पेंड कर दिया।
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बिलगढ़ा बांध प्रोजेक्ट में दो अधिकारी सस्पेंड
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान डिंडोरी जिले के शहपुरा विकासखंड पहुंचे। पब्लिक की शिकायतों सुना तो वह बिलगढ़ा बांध सिंचाई परियोजना का निरीक्षण करने पहुंच गए। बांध में कई जगह सीपेज होता पाया गया जिसमें लापरवाही बरतने पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री वीजीएस सांडया और डब्ल्यूआरडी के एसडीओ एमके रोहतास को मौके पर निलंबित कर दिया। सीएम के इस एक्शन को देख बाकी अफसरों की भी हवा ख़राब हो गई। शिवराज ने चेतावनी दी कि अब किसी भी काम में मजाक नहीं चलेगा।
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आश्रम शाला अधीक्षक और डिप्टी डायरेक्टर सस्पेंड
बरगांव के बाद सीएम बड़झर पिपरिया स्थित आश्रम शाला पहुंचे। उन्होंने यहां बच्चों से बिस्तर, कंबल, स्वेटर और भोजन व्यवस्था की जानकारी ली। स्कूल में लापरवाही और अक्सर गैरहाजिर रहने पर अधीक्षक कमलेश गोलिया को सस्पेंड कर दिया गया। इसी तरह बड़झर पिपरिया में किसानों के द्वारा बीज वितरण संबंधी शिकायत पर डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर अश्वनी झारिया को सस्पेंड किया गया।

मंडला में जिला अस्पताल सिविल सर्जन सस्पेंड
मामा के साथ पब्लिक के बीच नायक की छवि में नजर आए सीएम शिवराज लगे हाथ मंडला भी पहुंच गए। यहां के अफसरों की भी धड़कने बढ़ गई और आपस में चर्चा होने लगी कि किस पर गाज गिरेगी? औचक निरीक्षण के लिए सीएम ने जिला अस्पताल में धावा बोला। अस्पताल में भर्ती मरीजों के वार्ड और इलाज की व्यवस्थाओं को देखा। जो परफेक्ट नहीं मिली। यहां के सिविल सर्जन को लापरवाही बरतने पर निलंबित किया गया। सीएम बोले कि जनता से जुड़े किसी भी मामले में व्यवस्थाएं दुरुस्त करना राज्य शासन की ड्यूटी है और कर्तव्य है। अब जो इस पर खरे नहीं उतरेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।