दिल्ली के बड़े अस्पताल में लापरवाही की हद पार, जिंदा बच्चे को बताया मृत
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित सफदरगंज अस्पताल में लापरवही का बड़ा मामला सामने आया है। जहां समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु को (प्री मैच्योर) अस्पताल के डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया और उसे परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया।
जब परिजन नवजात का अंतिम संस्कार करते वक्त उसे दफना रहे थे तभी शिशु रोने लगा, फिर पता चला कि उसकी सांसे चल रही हैं परिजन उसे तुरंत दिल्ली स्थित निजी अस्पताल अपोलो ले गए जहां ज्यादा खर्च की बात सुनने पर उन्हें वापस सफदरगंज आना पड़ा।
इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने जांच कमेटी बना दी है। मिली जानकरी के अनुसार दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित बदरपुर निवासी शांति को दिन पहले गंभीर स्थिति में सफदरगंज अस्पताल लाया गया।
5-6 माह का था गर्भ
शांति को 5-6 माह का गर्भ था। रविवार (18 जून) को सुबह उसने नवजात को जन्म दिया जिसका वजन 460 ग्राम था। चिकित्सक ने शिशु के जन्म लेने के बाद कहा कि इसमें कोई हलचल नहीं हो रही है ऐसे में इसकी मृत्यु हो चुकी है।
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डॉक्टर ने एक पैकेट में बंद कर के शिशु का शरीर पिता रोहित को सौंप दिया। परिजन ने जब अंतिम संस्कार करने के लिए पैकेट खोला तो देखा उसकी सांसे चल रही थीं और वो रोने की कोशिश कर रहा था।
इसके बाज परिजन तुरंत अस्पताल की ओर गए और फिर उसे सफदरगंज के नर्सरी में भर्ती कराया गया।
अस्पताल ने माना हुई लापरवाही
इस मामले में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर एके रॉय ने कहा कि 500 ग्राम से कम वजन के नवजात के बचने की कम उम्मीद होती है। इस मसले में भी कुछ ऐसा ही था कोई हलचल नहीं थी, हालांकि ड्यूटी कर रहे लोगों से लापरवाही जरूर हुई है। जांच रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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