मुंडका हादसे के बाद सख्त NDMC, नॉर्थ जोन में अवैध फैक्ट्री की रिपोर्ट 48 घंटे में मांगी
नई दिल्ली, 15 मई। नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने मुंडका घटना की जांच शुरू कर दी है। मुंडका में लगी आग में 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिसके बाद एनडीएमसी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। निकायके कमिश्नर संजय गोयल ने डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वह नरेला जोन में सर्वे करें और बताएं कि कौन सी फैक्ट्रियां बिना लाइसेंस के चल रही हैं और नियम व शर्तों का उल्लंघन कर रही हैं। संजय गोयल ने कहा कि छह जोन के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दिया गया है कि वह इसी तरह का सर्वे अपने जोन में करें और बताएं कि कौन सी बिल्डिंग में अवैध फैक्ट्री चल रही है, 48 घंटे के अंदर यह रिपोर्ट देने को कहा गया है।
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मुंडका हादसे को लेकर अडिशनल कमिश्नर की यह जांच मुख्य रूप से इस बात पर निर्भर है कि जिस बिल्डिंग में फैक्ट्री चल रही थी वह कैसी थी, यहां किस इलाके में स्थित थी, क्या यह रिहायशी इलाका था, लाल डोरा था या कृषि या फिर कौई अन्य श्रेणी का। किस साल बिल्डिंग का निर्माण हुआ था, इसकी उंचाई कितनी थी। क्या बिल्डिंग निर्माण की अनुमति थी, इसके प्लान को स्वीकृति दी गई थी। क्या जिस काम के लिए इस बिल्डिंग का इस्तेमाल किया जा रहा था उसकी अनुमति दी गई थी। इस बिल्डिंग को दिल्ली फायर विभाग ने एनओसी दी थी, क्या इसे फैक्ट्री का लाइसेंस प्राप्त था,इसके पास ट्रेड लाइसेंस था या नहीं।
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दिल्ली फायर चीफ अतुल गर्ग ने कहा कि अबतक मुंडका इलाके में एक भी फैक्ट्री को एनओसी नहीं दी गई है। इस इलाके में हजारों फैक्ट्रियां चल रही हैं। संजय गोयल के आदेश के बाद सवाल यह खड़ा हो रहा है कि निकाय की इन फैक्ट्रियों की स्थापना में क्या भूमिका है। कमिश्नर ने 10 दिन के भीतर इस मामले में कार्रवाई का आदेश दिया है। अभी तक इस हादसे में 8 शवों की पहचान हो चुकी है। 27 शव जो हादसे के बाद बाहर निकले वह बुरी तरह से जल चुके थे। इन शवों का डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। डीएनए टेस्ट के जरिए शवों की पहचान हो सकती है। इस हादसे के बाद 29 लोग अभी भी लापता हैं।