साड़ी पहनी महिला को रेस्तरां में एंट्री ना देने का मामला, महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से जांच करने को कहा
नई दिल्ली, 23 सितंबर: राजधानी दिल्ली के एक रेस्तरां में साड़ी पहनी हुई महिला को एंट्री ना देने के मामले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने गुरुवार को दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को कहा है कि इस मामले की जांच कराई जाए। साथ ही रेस्तरां से भी मामले पर अपना पक्ष रखने को कहा है। आयोग ने बताया है कि रेस्तरां के मार्केटिंग निदेशक को 28 सितंबर को सभी संबंधित दस्तावेजों और स्पष्टीकरण के साथ पेश होने को कहा गया है।
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महिला आयोग ने अपने बयान में कहा है, हमें सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के जरिए ये पता चला है कि दिल्ली में एक महिला को रेस्तरां में इसलिए प्रवेश नहीं दिया गया क्योंकि उसने साड़ी पहन रखी थी। साड़ी भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है और भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं यह पहनती हैं। ऐसे में पहनावे के आधार पर महिला को रेस्तरां में प्रवेश से मना करना गरिमा के साथ जीने के अधिकार का उल्लंघन है।
क्या है मामला
दक्षिण दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में एक महिला जर्नलिस्ट को साड़ी पहनने की वजह से रेस्टोरेंट में एंट्री नहीं दी गई। इसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है कि रेस्टोरेंट में काम करने वाली कुछ महिलाएं साड़ी पहनने वाली महिला जर्नलिस्ट अनीता चौधरी को रेस्टोरेंट के अंदर दाखिल होने से रोक रही हैं। उन महिलाओं का कहना है कि साड़ी 'स्मार्ट कैजुअल' ड्रेस कोड के तहत नहीं आती है, इसीलिए आपको अंदर जाने नहीं दिया जाएगा। ये घटना दक्षिणी दिल्ली के अंसल प्लाजा के एक रेस्टोरेंट बार की है।
वीडियो को शेयर करते हुए जर्नलिस्ट अनीता चौधरी ने लिखा है कि होटल स्टाफ की तरफ से साड़ी के खिलाफ कई बहाने दिए गए लेकिन मुझे रेस्टोरेंट में बैठने नहीं दिया गया क्योंकि हमारे देश में साड़ी को एक स्मार्ट आउटफिट नहीं माना जाता। उन्होंने आगे लिखा है कि कल साड़ी की वजह से मेरा जो अपमान किया गया है वो अभी तक का सबसे बड़ा अपमान है और दिल दहला देने वाला है।
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