दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश-अगली सुनवाई तक सर्विस चार्ज ले सकेंगे रेस्टोरेंट्स
नई दिल्ली, 18 अगस्त: दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरणद्वारा सर्विस चार्ज पर रोक लगाने वाली दायर याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि, अगली सुनवाई तक रेस्टोरेंट सर्विस चार्ज लेना जारी रख सकते हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने रेस्टोरेंट पर तल्ख टिप्पणी भी की है। रेस्त्रां और होटल सर्विस चार्ज लेने की बजाय वो खाने के दाम बढ़ा सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRI) और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NHRI) सहित रेस्तरां निकायों को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई अगले 10 दिनों में (31 अगस्त तक) करेगी। रेस्तरां निकायों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है।
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा, यदि मामले में सुनवाई की आवश्यकता है, तो यह अंतरिम आदेश क्यों है? इस पर सिब्बल ने कहा, 'दुनिया भर में भोजनालय सर्विस चार्ज लगा रहे हैं। कानून उन्हें कीमतें तय करने की इजाजत नहीं देता है। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा उठाता है।
जब अदालत ने पूछा कि क्या कोई व्यक्ति रेस्तरां में आ सकता है और वह कह सकता है कि वह पूरी राशि का भुगतान नहीं करना चाहता है। तो सिब्बल ने कहा, "अगर इस शुल्क पर जीएसटी है। यह नहीं हमें कर्मचारियों को जो सैलरी देने होती है उस पर भी टैक्स लगता है। अदृश्य कर्मचारियों और पर्दे के पीछे के काम की अनदेखी की जा रही है। अगर कोई वेटर को टिप दे भी दे तो टिप उनके लिए ही है। दूसरों का क्या?
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने पूछा कि क्या आम आदमी को सर्विस चार्ज (सेवा शुल्क) को भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाना चाहिए। आम आदमी को लगता है कि यह चार्ज सरकार द्वारा वसूला जा रहा है। सेवा शुल्क को ग्राहकों से लेने के बजाए खाने के दाम बढ़ा सकते हैं। इससे अतिरिक्त या सर्विस चार्ज वसूलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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सीसीपीए याचिका में दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के उपभोक्ता पर रेस्तरां और होटल मालिकों द्वारा सेवा शुल्क लगाने के सरकार के फैसले पर रोक लगाने के फैसले को चुनौती दी गई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने होटल रेस्टोरेंट फेडरेशन की याचिका पर सुनवाई के बाद सरकार की ओर से सर्विस चार्ज वसूलने पर रोक लगा दी थी। जस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा था कि इस तरह का शुल्क लगाने वाले रेस्तरां और होटलों को अपने मेनू कार्ड में इसका उल्लेख प्रमुखता से किया जाए।