दिव्यांगों पर DDA का जुल्म, कड़ाके की ठंड़ में किया किया बेघर
नई दिल्ली। दिल्ली में 20 दिव्यांग स्टूडेंट्स पिछले कुछ दिनों से खुले आसमान के नीचे ठंड में रहने को मजबूर हैं। इनकी न दिल्ली सरकार ने सुध ली और न ही नगर निगम ने इस पर संज्ञान लिया। आपको बता दें कि वेस्ट दिल्ली के वीरेंद्र नगर में ब्लाइंड स्टूडेंट्स के हॉस्टल को 15 दिसंबर को डीडीए ने तोड़ दिया था। दूर-दूर से दिल्ली पढ़ने आए ये दिव्यांग बच्चे 9 दिनों से खुले आसमान के नीचे टेंट में सो रहे हैं।
लुईस वेलफेयर प्रोग्रेसिव एसोसिएशन ऑफ द ब्लाइंड हॉस्टल पिछले 17 सालों से चल रहा है। लगभग 20 बच्चे इसमें रहते हैं, ज्यादातर दिल्ली विश्वविद्यालय या आसपास के सर्वोदय स्कूल के छात्र हैं। छात्रावास की देखभाल करने वाले कमलेश कुमार (32), जो खुद भी दृष्टिहीन हैं, ने बताया कि 15 दिसंबर को लगभग 11 बजे डीडीए के अधिकारी और पुलिस छात्रावास में पहुंचे और इसे ध्वस्त कर दिया। हॉस्टल में रह रहे छात्रों का आरोप है कि उन्हें गिराने से पहले किसी भी तरह की सूचना नहीं दी गई थी और ना ही सामन निकाले के लिए पर्याप्त समय दिया गया।
इलाहाबाद (यूपी) से 2008 में आए दिनेश कुमार (27) 9 सालों से इसी हॉस्टल में रह रहे थे। वह डीयू से मास्टर्स कर रहे हैं। दिनेश बताते हैं कि 17 साल पहले बने इस हॉस्टल को तोड़ने में डीडीए ने 17 मिनट नहीं लगाए। कुछ लोग जेसीबी के साथ आए, उन लोगों को बाहर निकाल दिया गया और हॉस्टल तोड़ दिया गया।