बोरवेल से 105 घंटे बाद सकुशल निकला राहुल, सीएम बघेल बोले- 'रास्ते चट्टानी थे, तो हमारे इरादे भी फौलादी थे'
बोरवेल से 105 घंटे बाद सकुशल निकला राहुल साहू, सीएम बघेल बोले- 'रास्ते चट्टानी थे, तो हमारे इरादे भी फौलादी थे'
रायपुर, 15 जून: जांजगीर चांपा के मालखरौदा क्षेत्र के पिहारिद गांव में 10 जून को 11 साल का मासूम राहुल साहू बोरवेल में गिर गया था, जिसको 105 घंटे बाद रेस्क्यू कर सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। राहुल को बोरवेल से बाहर निकालते ही ग्रीन कॉरिडोर बनाकर उसे इलाज के लिए बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तो वहीं, प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल साहू के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
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बता दें कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस हादसे के बाद से पूरे मामले में नजर बनाए हुए थे। सीएम बघेल ने कहा कि लगभग 105 घंटे तक बोरवेल में फंसे होने के बावजूद राहुल ने बहुत हिम्मत दिखाई। यह रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत चुनौतीपूर्ण था, जिसे बचाव दलों ने बहुत धैर्य, समझदारी और साहस के साथ पूरा कर लिया है। बघेल ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल, छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस, भारतीय सेना, चिकित्सा दल और प्रशासनिक अधिकारियों समेत बचाव दल में शामिल हर टीम और हर व्यक्ति ने संयुक्त रूप से कर्त्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए राहुल को बोरवेल से निकालने का दुष्कर कार्य कर दिखाया।
राहुल साहू के सकुशल बोरवेल से बाहर आने पर खुशी व्यक्त करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीत करते हुए लिखा,
माना कि चुनौती बड़ी थी, पर हमारी टीम भी कहां शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे।
इतना ही नहीं, उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा, 'हमारा बच्चा बहुत बहादुर है। उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे। आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं। इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद।'
सीएम ने कहा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है। उन्होंने कहा कि राहुल और उसके परिजनों पर आए संकट को लेकर मैं व्यक्तिगत रूप से भी बहुत चिंतित था। मैं पल-पल का अपडेट ले रहा था। मैंने राहुल के परिजनों से फोन पर बातचीत करके उन्हें भरोसा दिलाया था कि हम हर संभव प्रयास करेंगे। इस घटना ने खुले छोड़ दिए गये बोरों को लेकर एक बार फिर सभी को सचेत किया है। मैंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे खतरनाक बोरों को बंद करना सुनिश्चित करें।