Bhilai Steel Plant की प्लेटों से बना INS Vikrant नौसेना में होगा शामिल, पीएम मोदी देश को करेंगे समर्पित
छत्तीसगढ़ में स्थित सेल की ध्वज वाहक इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र की विशेष प्लेटों से बना भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS Vikrant अब नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है।
दुर्ग, 26 अगस्त। छत्तीसगढ़ में स्थित सेल की ध्वज वाहक इकाई भिलाई इस्पात संयंत्र की विशेष प्लेटों से बना भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत INS Vikrant अब नौसेना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है। आईएनएस विक्रांत के कठिन ट्रायल के बाद अब इसे देश की सुरक्षा और रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा। 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे इंडियन नेवी को देश की सुरक्षा के लिए समर्पित करेंगे। वहीं आईएनएस विक्रांत के निर्माण में लगने वाली विशेष ग्रेड की प्लेटें तैयार करने वाले बीएसपी कर्मचारी,अधिकारी और भिलाई बिरादरी इस अवसर पर अब गर्व महसूस कर रहा है।
मेक इन इंडिया के तहत तैयार हुई प्लेटें
नौ सेना की शिपयार्ड में बनने वाले युध्द पोतों के लिए Bhilai Steel Plant ने विशेष रूप से DMR- 249 ग्रेड के प्लेटों की सप्लाई की जाती है। इससे पहले इन प्लेटों की सप्लाई रूस से की जाती थी। लेकिन MAKE IN INDIA प्रोजेक्ट के तहत भारत में ही का निर्माण संभव हो सका। बीएसपी के प्लेट मिल में इन प्लेटों का निर्माण बीएसपी कर्मचारियों द्वारा नौ सेना के क्वालिटी कन्ट्रोल डिपार्टमेंट के अधिकारियों की सतत निगरानी में तैयार किया जाता है। बीएसपी में तैयार होने वाला इसका मजबूत लोहा छत्तीसगढ़ के रावघाट और राजहरा माइंस से निकलता है। जिससे बना युध्द पोत अब देश की रक्षा में तैनात होने जा रहा है।
बीएसपी कर्मचारी व अधिकारी हुए गौरवान्वित
INS विक्रांत अब पूरे परीक्षण में सफल होने के बाद नौ सेना के बेड़े में शामिल होने जा रहा है। 2 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देश समुद्री सीमाओं की रक्षा के लिए भारतीय नौसेना को समर्पित करेंगे। एक साल पहले 4 अगस्त को विक्रांत को समंदर में ट्रायल के लिए उतारा गया था। अब इस बात से भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अधिकारी और भिलाई बिरादरी गौरवान्वित महसूस कर रही है कि आखिरकार स्वदेशी इस्पात से बना पहला विमान वाहक युद्धपोत देश की रक्षा के लिए तैनात होने जा रहा है।
जानिए INS विक्रांत की खासियत
भारत में बना पहला स्वदेशी विमान वाहक युद्ध पोत कोचीन शिपयार्ड में तैयार किया गया है। जिसका आकार दो फुटबॉल ग्राउंड के समान है। विक्रांत का रनवे करीब 262 मीटर लम्बा है। विक्रांत की चौड़ाई लगभग 62 मीटर और ऊंचाई 50 मीटर है। इसमे 1800 क्रू मेंबर के लिए 2300 कपार्टमेंट हैं। वर्तमान में आईएनएस विक्रांत में 30 एयर क्राफ्ट को तैनात किया जाएगा। जिनमे 10 हेलीकॉप्टर और (20) MIG-29 फाइटर प्लेनो को रखा जाएगा। INS विक्रांत समुद्र पर फ्लोटिंग एयर फील्ड के रूप में काम करेगा। इस पर तैनात हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान सैकड़ो किलोमीटर तक समंदर की निगरानी करेंगे। जिससे अन्य देशों के युध्दपोत या पनडुब्बी समंदर की सीमा पर अतिक्रमण को रोका जा सकता है।
बीएसपी ने नौ सेना को भेजा 30 हजार टन प्लेट
भिलाई इस्पात संयंत्र के जनसम्पर्क अधिकारी सुबीर दरिपा ने बताया कि बीएसपी अलग अलग प्रोजेक्ट के लिए अब तक नौसेना को 30 हजार टन से अधिक विशेष ग्रेड की प्लेटों व स्टील की सप्लाई कर चुका है। सेल का भिलाई इस्पात संयंत्र कई दशकों से जहाज निर्माण ग्रेड प्लेट का उत्पादन करता आ रहा है। डीएमआर 249 ए ग्रेड प्लेटें जिसका उत्पादन सेल-बीएसपी करता है, का उपयोग भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत और कई अन्य युद्धपोतों के निर्माण के लिए किया जाता है। आईएनएस सूरत और उदयगिरि के लिए भी 4300 टन स्टील प्लेटों का उत्पादन बीएसपी के प्लेट मिल में किया गया है।
बीएसपी को मिला है एबीएस का प्रमाणन
आपको बता दें कि बीएसपी के पास भारतीय नौसेना के लिए शिप-बिल्डिंग ग्रेड प्लेट्स और युद्धपोत ग्रेड प्लेट्स डीएमआर 249 ए का उत्पादन करने के साथ ही लॉयड्स रजिस्टर एशिया (LRA), अमेरिकन ब्यूरो ऑफ शिपिंग (ABS) और डेटनोर्स्कवेरिटास (DNV) से प्रमाणन है। भारतीय नौसेना के लिए विशेष प्रकार के जहाजों के निर्माण के लिए नवीनतम IRS प्रमाणीकरण सेल-बीएसपी, हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को जहाज-निर्माण के ग्रेड प्लेटों की आपूर्ति करने में सक्षम होगा। रक्षा मंत्रालय के अन्तर्गत केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम, मेसर्स हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड, भारतीय नौसेना के लिए जलयानों के विभिन्न प्रकारों और अन्य जहाजों का निर्माण करती है। वर्तमान में मेसर्स हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को भारतीय नौसेना के लिए डिवाइन सपोर्ट वेजल्स (DSV) का कार्यादेश मिला है।