छत्तीसगढ़: निजी स्कूलो ने लगाए प्रशासन पर गंभीर आरोप
Chhattisgarh: Private schools made serious allegations against the administration
रायपुर, 12 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि का विवाद गरमा गया है। शिक्षा विभाग की टीम रायपुर में स्कूलों में जांच कर रही है। फीस वृद्धि और मान्यता के मामलों में नोटिस थमाया जा रहा है। निजी स्कूलों ने कार्रवाई पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।मंगलवार को छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन देकर अपनी बातें रखी।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता के मुताबिक नये कानून के अनुसार स्कूल स्तरीय जिस समिति को फीस वृद्धि का अधिकार दिया गया है, उसमें कलेक्टर की ओर से तय किया गया एक प्रतिनिधि भी है। किसी स्कूल ने 8% से ज्यादा शुल्क बढ़ाया है , तो सरकार के प्रतिनिधि की भी जिम्मेदारी बनती है। नियम अनुसार उन लोगों को भी नोटिस दिया जाना चाहिए, ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके। राजीव गुप्ता ने कहा कि शुल्क विनियमन अधिनियम लागू होने के वक़्त ही स्कूल शिक्षा विभाग ने एक पोर्टल चालू किया था। छत्तीसगढ़ सभी स्कूलों को अपनी फीस इस पोर्टल पर ऑनलाइन अपडेट करना जरुरी होता था ।बीते दो सालों से इस पोर्टल को अपडेट नहीं किया गया है। इसके कारण से निजी स्कूल अपनी फीस सार्वजनिक नहीं कर पा रहे हैं।
मान्यता के आवेदन अटके
प्राइवेट स्कूलों के एसोसिएशन ने आरोप लगाते हुए कहा कि कि स्कूल शिक्षा विभाग ने मान्यता नवीनीकरण की एप्लीकेशन लगभग 4 सालों से अटका कर रखी गई हैं। प्रशासन किसी भी नए स्कूल को मान्यता नहीं दे रहा है। शिक्षा विभाग के अफसर और उनके जांच दल स्कूलों को इसके लिएडरा रहे हैं। जबकि स्कूलप्रबंधन जांच दल को मान्यता आवेदन रुके होने की जानकारी दे रहा है।प्राइवेट स्कूलों ने राज्य के शिक्षा विभाग के साथ किताबों और स्कूल यूनिफॉर्म बरती जा रही सख्ती पर भी सवाल उठाया है। स्कूल वालों के मुताबिक , ज्यादातर निजी स्कूल सीबीएसई से एफिलेटेड होते हैं, इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग से मान्यता का प्रश्न ही नहीं है। विभाग को मात्र एनओसी देना होता है।
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