छत्तीसगढ़: कोरोना से जंग में नहीं होगी डॉक्टरों की कमी, सीएम भूपेश बघेल ने लिया बड़ा फैसला
रायपुर। छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ जारी लड़ाई में अब रिटायर्ट और निजी चिकित्सक, नर्स और नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात करने का फैसला किया है। महामारी से जंग में स्वास्थ्यकर्मियों की सेना को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह निर्देश जारी किया है। गौरतलब है कि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राज्य में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी हो रही है। प्रदेश सरकार ने अब रिटायर्ड, निजी और पैरामेडिकल स्टाफ की सेवा संविदा दर पर लेने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 7 दिनों की गतिशील औसत के आधार पर साप्ताहिक नए मामले में तकरीबन 6.2 प्रतिशत वृद्धि की रिपोर्ट है। स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'पिछले दो हफ्ते में राज्य में साप्ताहिक नए मामलों में तकरीबन 131 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। छत्तीसगढ़ के 22 जिलों ने पिछले 30 दिनों में सर्वाधिक मामलों की संख्या पार कर ली है। इनमें सबसे अधिक प्रभावित रायपुर, दुर्ग, राजनंदगांव और बिलासपुर हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को पृथकवास, ऑक्सीजन, आईसीयू बिस्तर और एम्बुलेंस की संख्या बढ़ाने का सुझाव दिया है।
कलेक्टरों
को
सीएम
भूपेश
बघेल
का
निर्देश
कोरोना
वायरस
के
बढ़ते
संक्रमण
के
बीच
डॉक्टर्स
और
मेडिकल
स्टाफ
की
कमी
को
पूरा
करने
के
लिए
छत्तीसगढ़
के
मुख्यमंत्री
भूपेश
बघेल
ने
कलेक्टरों
को
निर्देश
दिया
कि
कोरोना
पीड़ितों
के
इलाज
के
लिए
रिटायर्ड
व
निजी
चिकित्सकों,
नर्स
और
पैरामेडिकल
स्टाफ
की
सेवाएं
संविदा
दर
पर
ली
जाए।
राज्य
में
कोरोना
संक्रमण
की
गंभीर
स्थिति
को
देखते
हुए
दिए
मुख्यमंत्री
ने
निर्देश
दिया
कि
जिलों
में
स्थापित
डेडिकेटेड
हॉस्पिटल,
कोविड
केयर
सेंटर
में
मेडिकल
स्टाफ
की
भर्ती
की
जाए।
यह
नियुक्ति
तीन
महीने
या
अधिकतम
कोविड
संक्रमण
अवधि
तक
के
लिए
होगी.
इन
मेडिकल
स्टाफ
के
मानदेय
का
भुगतान
डीएमएफ
फंड
से
किया
जाएगा।
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