Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में BJP का चेहरा कौन, क्या संगठन ने रमन सिंह से बनाई दूरी ?
छत्तीसगढ़ में मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी भाजपा इस बार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी। भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयानों से यह संकेत साफ़ मिल रहे है
रायपुर, 09 सितंबर। छत्तीसगढ़ में मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी भाजपा इस बार 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ेगी। भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयानों से यह संकेत साफ़ मिल रहे हैं कि रमन सिंह इस बार के चुनाव में महज मार्गदर्शक की भूमिका में नजर आएंगे।
रमन सिंह अब नहीं बनेगे मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़
में
2023
के
विधानसभा
चुनाव
में
बीजेपी
का
चेहरा
कौन
होगा
?
गुरुवार
को
पत्रकारों
के
इस
सवाल
को
सुनकर
भाजपा
की
छत्तीसगढ़
प्रभारी
डी
पुरंदेश्वरी
की
ने
मीडिया
से
कहा
कि
यह
सवाल
बार-बार
उठते
हैं
कि
कांग्रेस
का
चेहरा
कौन
होगा
?
क्योंकि
कभी
टीएस
सिंहदेव
,
कभी
ताम्रध्वज
साहू
का
नाम
सामने
आता
है,आप
कांग्रेस
से
सवाल
पूछिए।
मै
कई
बार
कह
चुकी
हूं
कि
भाजपा
का
हर
कार्यकर्ता
हमारा
चेहरा
हैं।
15
सालों
तक
छत्तीसगढ़
के
मुख्यमंत्री
रहे
डॉ
रमन
सिंह
अपनी
प्रदेश
प्रभारी
का
जवाब
सुनकर
मुस्कुराने
के
सिवा
कुछ
ना
कर
सके।
मोदी के चेहरे पर लड़ेगी भाजपा चुनाव
लगभग तय नजर आ रहा है कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के चेहरे पर अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेगी। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक पार्टी मिशन 2023 के लिए पीएम मोदी को ही फेस बनाकर चुनाव लड़ेगी। कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि रमन सिंह की छत्तीसगढ़ से विदाई तय है, उन्हें संगठन चुनाव जीतने की सूरत में भी मुख्यमंत्री नहीं बनाएगा।
नेतृत्व बदलने से बदले समीकरण
भाजपा ने छत्तीसगढ़ में हाल में दो बड़े बदलाव किये हैं। पार्टी ने ओबीसी वर्ग के नेताओं को तरजीह देते हुए बिलासपुर सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष और नारायण चंदेल को छत्तीसगढ़ विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के इस कदम के बाद से प्रदेश में रमन सिंह खेमे का एकाधिकार खत्म हो गया है। नए नेतृत्व के उभरने से पार्टी में तेजी से समीकरण बदले हैं।
रमन सिंह का चुनावी करियर खत्म ?
69 वर्ष के रमन सिंह को अगर 2023 में दोबारा सीएम बनने का अवसर नहीं मिलता है,तो इस बात की संभावना लगभग शून्य के बराबर है कि आगे उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री के पद पर देखा जाएगा। दरअसल भारतीय जनता पार्टी में लम्बे समय से यह बात चर्चाओं में चल रही है कि 70 वर्ष की आयु के बाद राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिए। हाल ही में देखा गया है कि अधिक उम्र में पहुंच चुके नेताओं को पार्टी ने कभी राज्यपाल बनाकर तो कभी पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में स्थान देकर चुनावी राजनीती से दूर कर दिया है।
फ्लॉप सबित हो रहे हैं रमन सिंह
खबर चर्चाओं में है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा डॉ. रमन सिंह नहीं बल्कि, पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। दरअसल हाल ही में हुए खैरागढ़ उपचुनाव के दौरान चुनावी कमान संभालने के बाद भी रमन सिंह भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाए, जिसके बाद से यहां डेढ़ साल बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई हैं। बीजेपी संगठन के बड़े नेता शिवप्रकाश और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी पुरंदेश्वरी पहले भी कह चुके हैं कि भाजपा छत्तीसगढ़ के किसी नेता को सीएम प्रोजेक्ट करके चुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि चुनाव पूरी पार्टी लड़ेगी।
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