बीजापुर हमला: जगदलपुर में बोले अमित शाह- सुरक्षाबलों का मनोबल ऊंचा, नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई होगी और तेज
रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा में शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान 23 जवान शहीद हो गए, जबकि 31 गंभीर रूप से घायल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार सुबह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी छत्तीसगढ़ के दौरे पर पहुंचे और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षाबलों से पूरी घटना की जानकारी ली। उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही नक्सलियों के खिलाफ कोई कड़ा एक्शन ले सकती है।
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जगदलपुर में मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा कि पीएम, केंद्र सरकार और देश की ओर से मैं नक्सल हमले में जान गंवाने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देता हूं। नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक मोड़ पर ले जाने के लिए उनके बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। साथ ही मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह लड़ाई और तेज होगी और हम इसे अंत में जीतेंगे। हमने पिछले कुछ वर्षों में आंतरिक क्षेत्रों में सफलतापूर्वक शिविरों की स्थापना की है, जिससे नक्सली बौखलाए हुए हैं। इस वजह से वो ऐसे कायरता पूर्ण हमले कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें इस मोर्चे पर मिलकर काम कर रही हैं। पहला मकसद आदिवासी क्षेत्रों में विकास कार्यों को तेज करना है, साथ ही सशस्त्र समूहों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। मैं छत्तीसगढ़ और देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के बाद नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज होगी। शाह के मुताबिक उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और सुरक्षाबलों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। अफसरों ने कहा कि यह लड़ाई कमजोर नहीं होनी चाहिए, जिससे पता चलता है कि हमारे जवानों का मनोबल बरकरार है।
कैसे
हुआ
था
हमला?
दरअसल
सीआरपीएफ,
एसटीएफ
और
डिस्ट्रिक्ट
रिजर्व
गार्ड
ने
कुख्यात
नक्सली
हिडमा
को
पकड़ने
के
लिए
बीजापुर-सुकमा
में
एक
बड़ा
ऑपरेशन
शुरू
किया
था।
जिसके
तहत
कई
टीमें
जंगल
के
अलग-अलग
इलाकों
में
गईं,
जिसमें
करीब
2000
जवान
शामिल
थे।
शुरुआत
में
नक्सलियों
ने
सुरक्षाबलों
को
नहीं
रोका
और
जंगल
में
आने
दिया।
सूत्रों
के
मुताबिक
इस
बीच
एक
टीम
हिडमा
के
बिछाए
जाल
में
फंस
गई।
जैसे
ही
जवान
तय
जगह
पर
पहुंचे,
वैसे
ही
नक्सलियों
ने
तीन
तरफ
से
उन्हें
घेरकर
गोलाबारी
शुरू
कर
दी।
इस
दौरान
जवानों
ने
भी
मुंहतोड़
जवाब
दिया।
जिसमें
बड़ी
संख्या
में
नक्सली
मारे
गए।
बाद
में
वो
अपने
साथियों
के
शव
ट्रैक्टरों
से
लेकर
जंगलों
में
भाग
गए।