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सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन: 105 घंटे तक दुश्मन ही थे साथी, सांप और मेढ़क बने राहुल के दोस्त !

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जांजगीर चांपा,15 जून। कहा जाता हैं, जो इंसान खुद की मदद नहीं कर सकता, उसकी मदद खुदा भी नहीं करते । इंसान के अंदर अगर जीने की चाहत हो तभी वह मुश्किल से खुद को बाहर निकाल सकता है। भगवान ने यह जिंदगी हमें सिर्फ एक बार ही दी है, अब यह हमारे ऊपर है कि हम इससे जुड़ी मुश्किलों से डरकर हार मान लेते हैं या फिर हर बड़ी से बड़ी मुश्किल का सामना करके उसे परास्त करते हैं। देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में 60 फ़ीट के बोरेवल से जीवित बाहर आने वाले मासूम राहुल साहू की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। यह आपको लाइफ ऑफ पाई नामक फिल्म की याद दिला देगी ,जिसमे समंदर में फंसे एक लाइफ बोट में वह और शेर कई दिनों तक साथ रहते हैं।

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Chhattisgarh Borewell Rescue: 105 घंटों बाद 11 साल के मासूस Rahul को बचाया | वनइंडिया हिंदी | *News
105 घंटे चला बचाव अभियान

105 घंटे चला बचाव अभियान

छत्तीसगढ़ के जांजगीर में लगातार पांच दिनों तक चले देश के सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 साल के मासूम राहुल को 60 फीट नीचे बोरवेल में से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।शुक्रवार 10 जून की दोपहर शुरू हुए बचाव अभियान को मंगलवार की रात करीब पौने 12 बजे खत्म करके राहुल साहू को बोरवेल तक पहुंचने के लिए बने सुरंग से बाहर निकाल लिया गया। लेकिन इन पांच दिनों के 105 घंटो के दौरान सबसे दिलचस्प बात यह है कि जमीन के 60 भीतर अंधेरी सुरंग में फंसे राहुल के अकेलेपन में एक सांप और मेढ़क ही उसके सबसे बड़े दोस्त थे।

लाइफ ऑफ पाई की तरह दुश्मन बने दोस्त

लाइफ ऑफ पाई की तरह दुश्मन बने दोस्त

यह फिल्म लाइफ ऑफ पाई की तरह ही है,जिसमे खतरनाक शेर दुश्मन होकर भी समंदर में फंसे लड़के का दोस्त होता है। ठीक इसी तरह 105 घंटे तक बोरवेल में फंसे 11 साल के मुख बधिर बच्चे राहुल साहू के साथ भी एक मेढ़क और सांप उसके अकेलेपन के साथी थे। बचाव दल लगातार कैमरे से उस सांप और मेढ़क को देख रहा था। उन्हें चिंता थी कि कही यह घातक जीव बच्चे को नुकसान ना पहुंचा दें ,लेकिन राहुल अपने इन्ही दोस्तों के साथ अंधेरी सुरंग में अपने हौसले को बरकरार रखते हुए मौत को ठेंगा दिखाकर बाहर निकल आया।

इलाज जारी

इलाज जारी

बहरहाल बच्चे को बीत रात गड्डे से निकाले जाने के बाद तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाकर जांजगीर से बिलासपुर के अपोलो अस्पताल भेजा गया। वह करीब पौने 3 बजे अस्पताल में दाखिल हुआ,जहां उसका इलाज जारी है। सीएमओ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार राहुल की स्थिति अभी स्थिर है। उसे विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की निगरानी में आई सी यू में रखा गया है.

कलेक्टर ने राज खोलते कहा कि हम काफी चिंतित थे

कलेक्टर ने राज खोलते कहा कि हम काफी चिंतित थे

बोरेवल में फंसे -मुख बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग होने की वजह से राहुल रेस्क्यू टीम के संकेतों को समझ नहीं पा रहा था। 105 घंटे तक लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के बाद जांजगीर के कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने राज खोलते कहा कि हम काफी चिंतित थे, क्योंकि राहुल की मॉनिटिरंग के लिए बोरवेल में डाले गए कैमरे में सांप भी दिखाई आ रहा था। कैमरे में साफ़ तौर पर एक सांप और मेढक राहुल के साथ नजर आ रहे थे, लेकिन राहुल की जीवटता का ही परिणाम है कि उसे सुरक्षित बाहर निकाला जा सका है।

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English summary
Biggest rescue operation: For 105 hours enemies were the only companions, snakes and frogs became Rahul's friends
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