आम आदमी की जेब पर बढ़ा बोझ, 46 साल में पहली बार पीपीएफ इंट्रेस्ट रेट में हुई बड़ी कटौती
नई दिल्ली। देश की मोदी सरकार में आम नागरिकों की जेबा पर एक और जोर का झटका दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय बुधवार को आगामी वित्तीय वर्ष के लिए स्मॉल सेविंग स्कीम्स सहित आम इंसान की कई आम बचत योजनाओं पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट्स में बड़े बदलाव कर दिए हैं। वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर मिलने वाले इंटरेस्ट रेट में भी भारी कटौती की गई है। आलम ये है कि पीपीएफ में पिछले 46 सालों में सबसे कम ब्याज दर है।

46 साल में पहली बार पीपीएफ इंट्रेस्ट रेट में हुई बड़ी कटौती
बता दें 46 साल में पहली बार निवेशकों को सरकार से ऐसा बड़ा झटका लगा है। पीपीएफ में इनवेस्ट करने वाले लोगों को बचत पर मिलने वाला वार्षिक इंटरेस्ट रेट को 7 फीसदी से घटाकर 6.4 प्रतिशत कर दिया गया है। पीपीएफ पर इससे पहले मिलने वाली ब्याज दर 7.1 फीसदी थी। सरकार द्वारा जारी नई दरें 1 अप्रैल, 2021 से लागू होंगी। वर्ष 1974 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब केंद्र सरकार अब पीपीएफ निवेशकों को सालाना इंटरेस्ट रेट 6.4 प्रतिशत देगी।

छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती की है
बता दें 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्तीय वर्ष 2021-22 से पहले केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती कर 4 प्रतिशत से 3.5 फीसदी कर दिया है। वर्ष 2020 निश्चित आय निवेशकों (fixed income investors) के लिए जैसा था लगता है 2021 में भी ऐसा ही होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा की है। यह सही है, सरकार ने पिछली तीन तिमाहियों के लिए अपरिवर्तित रखने के बाद छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती की है।

सरकार की इन बजत स्कीम के इंटरेस्ट रेट्स को भी किया गया कम
पिछले एक साल में यह दूसरी बार है जब सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स के इंटरेस्ट रेट में कटौती की है। 1 अप्रैल, 2021 से, डाकघर बचत योजनाएं ब्याज दरों को इस प्रकार लागू होगी। नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) पर अब 6.8% के बदले 5.9% इंटरेस्ट मिलेगा। किसान विकास पत्र पर अब 6.9% के बदले 6.2% ब्याज मिलेगा। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज को 7.6% से घटाकर 6.9% कर दिया गया है।