Bank Merger: केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, लक्ष्मी विलास बैंक और DBS Bank का होगा विलय, जानिए क्या होगा खाताधारकों पर असर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक और बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लक्ष्मी विलास बैंक (Lakshmi Vilas Bank) के विलय को मंजूरी दे दी। केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी के बाद अब लक्ष्मी विलास बैंक का डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड (DBS Bank India Limited) के संग विलय होगा। सरकार ने जहां बैंक के विलय को मंजूरी दी तो वहीं लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा (withdrawal Limit) को हटाने का फैसला किया है।
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केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक इंडिया लिमिटेड के साथ मर्जर को मंजूरी मिल गई है, इस विलय से लक्ष्मी विलास बैंक के करीब 20 लाख जमाकर्ताओं और लगभग चार हजार कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
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सरकार ने लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में लक्ष्मी विलास बैंक के विलय को हरी झंडी दिखा दी गई। सरकार की मंजूरी के बाद अब LVB और DBS बैंक जल्द ही एक हो जाएंगे। बैंकों के विलय को लेकर लंबे वक्त से चर्चा तल रही थी। आर्थिक संकट का सामना कर रहे लक्ष्मी विलास के विलय को मंजूरी देकर उसी स्थिति सुधारने और भारी एनपीए को कम करने की कोशिश की जा रही है। इसका प्रस्ताव पहले से ही चल रहा था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया( RBI) की ओर से भी इसे पहले ही सहमति मिली थी , जिसके बाद अब कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है। इस विलय से खाताधारकों पर कोई असर नहीं होगा। सरकार ने वहीं जमा-निकासी पर लगाए गए सीमा को भी हटा लिया है।
सरकार ने इसके अलावा आज हुई कैबिनेट बैठक में नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर( NIIF) फंड में 6000 करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी दे दी है। वहीं एटीसी टेलीकॉम कंपनी की करीब 12 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए एटीसी एशिया पैसिफिक के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट से 2480 करोड़ के एफडीआई को मंजूरी दे दी है।
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