जेट ईंधन के दाम रिकॉर्ड स्तर पर, टिकट के दाम में 10-15 फीसदी की हो सकती है बढ़ोत्तरी
नई दिल्ली, 16 जून। पूरी दुनिया इस समय महंगाई के दौर से गुजर रही है। जिस तरह से रूस और यूक्रेन के बीच कई महीनों से युद्ध चल रहा है उससे तमाम उत्पादों की सप्लाई चेन बाधित हुई है। यही वजह है कि कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। यही नहीं डॉलर की तुलना में रुपया अपना रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। जेट फ्यूल यानि हवाई जहाज में पड़ने वाले ईंधन के दाम में भी पिछले कुछ महीनों में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी की गई है, जिसका साफ असर अब आम यात्रियों पर पड़ने जा रहा है। स्पाइसजेट कंपनी के सीएमडी ने विमान किराए में बढ़ोत्तरी की बात कही है।
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10-15
फीसदी
महंगे
होंगे
टिकट
एयरलाइन
कंपनी
स्पाइसजेट
के
सीएमडी
अजय
सिंह
ने
कहा
कि
जेट
फ्यूल
के
दाम
में
काफी
ज्यादा
बढ़ोत्तरी
हो
चुकी
है,
रुपए
की
कीमत
भी
काफी
गिर
गई
है,
जिसकी
वजह
से
घरेलू
एयरलाइन
के
पास
तत्काल
किराया
बढ़ाने
के
अलावा
बहुत
कम
विकल्प
बचे
हैं।
हमारा
मानना
है
कि
तकरीबन
10-15
फीसदी
किराए
में
बढ़ोत्तरी
की
जरूरत
है
ताकि
विमान
के
संचालन
के
व्यय
को
वहन
किया
जा
सके
और
विमान
का
संचालन
सुचारू
रूप
से
जारी
रह
सके।
कर
कम
करने
की
मांग
अजय
सिंह
ने
कहा
कि
एयर
टर्बाइन
फ्यूल
यानि
एटीएफ
के
दाम
में
जून
2021
के
बाद
से
120
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
की
जा
चुकी
है।
यह
भारी
बढ़ोत्तरी
लंबे
समय
तक
टिकने
वाली
नहीं
है,
लिहाजा
केंद्र
सरकार,
राज्य
सरकार
को
एटीएफ
के
कर
में
तत्काल
कटौती
करनी
चाहिए।
भारत
में
एटीएफ
पर
कर
दुनिया
में
सबसे
ज्यादा
है।
बता
दें
कि
एटीएफ
के
दाम
में
बढ़ोत्तरी
की
सबसे
बड़ी
वजह
रूस-यूक्रेन
के
बीच
चल
रहा
विवाद
है।
जेट
ईंधन
के
दाम
दरअसल
ऑयल
मार्केटिंग
कंपनियों
ने
जेट
ईंधन
के
दाम
में
बढ़ोत्तरी
का
ऐलान
किया
था,
जोकि
आज
से
प्रभावी
हो
गया
है।
घरेलू
विमान
के
लिए
जेट
ईंधन
के
दाम
दिल्ली
में
141232.87
रुपए
प्रति
किलो
है।
जबकि
कोलकाता
में
146215.85
रुपए
प्रति
किलो,
मुंबई
में
140092.74
रुपए
प्रति
किलो,
चेन्नई
में
146215.85
रुपए
प्रति
किलो
है।
आखिरी
बार
जेट
ईंधन
के
दाम
में
1
जून
को
बढ़ोत्तरी
की
गई
थी।
टिकटों
के
दाम
में
भारी
बढ़ोत्तरी
पिछली
कुछ
तिमाहियों
की
बात
करें
तो
एयरलाइन
कंपनियों
को
काफी
नुकसान
हुआ
है।
पहले
कोरोना
और
फिर
रूस-यूक्रेन
विवाद
के
चलते
भारतीय
विमान
कंपनियों
को
काफी
नुकसान
उठाना
पड़ा
है।
एटीएफ
के
चलते
देश
में
एयरलाइन
के
संचालन
का
खर्चा
30-40
फीसदी
बढ़
जाता
है।
ऐसे
में
दामों
में
बढ़ोत्तरी
की
वजह
से
मुनाफे
में
कमी
देखने
को
मिलती
है।
महंगे
एटीएफ
के
चलते
विमान
कंपनियां
टिकट
के
दाम
बढ़ाने
को
मजबूर
हैं,
जिसके
चलते
पिछले
कुछ
समय
से
टिकट
के
दाम
में
काफी
बढ़ोत्तरी
देखने
को
मिली
है।
पिछले
साल
की
तुलना
में
इस
साल
मई
माह
में
टिकटों
के
दाम
में
तकरीबन
50-75
फीसदी
की
बढ़ोत्तरी
हुई
है।