Railway: यात्रा के दौरान क्या ड्राइवर भी बदलते हैं? एक चालक कितने देर चलाते हैं ट्रेन, जानें सबकुछ
Train Driver Shift Roaster: ट्रेन शुरू होने से अंतिम पड़ाव तक क्या ड्राइवर भी बदलते हैं। रेलवे नॉलेज में इसी के बारे में बता रहे हैं कि सभी ड्राइवरों की शिफ्ट तय होती है।
Train Driver Shift Roaster: यात्रा करने में ट्रेन सबसे किफायती साधन है। ट्रेन से करोड़ों लोग एक जगह से दूसरे जगह तक जाते हैं। भारतीय ट्रेन ने ऐसी व्यवस्था की है कि लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में परेशानी न हो। लोगों को सुरक्षित उसकी मंजिल तक पहुंचाने में ट्रेन ड्राइवर या लोको पायवलट का बड़ा योगदान होता है।
कितनी बार बदलते हैं ड्राइवर
लेकिन कम ही लोगों को पता होता है कि पूरे सफर के दौरान ड्राइवर बदले जाते हैं, या एक ही चालक रहते हैं। रेलवे नॉलेज में बता रहे हैं कि सभी ड्राइवकों की शिफ्ट तय होती है। एक ड्राइवर का समय पूरा होने पर दूसरे ड्राइवर ट्रेन चलाते हैं। लेकिन कई लोगों को इसके बारे में पता नहीं होता है। लोगों को लगता है कि एक ही ड्राइवर पूरे सफर तक रहते हैं।
मिलता है ओवरटाइम
वैसे हर ट्रेन में दो लोको पायलट होते हैं। एक मेन चालक और दूसरा अस्टिटेंट ड्राइवर। हर ड्राइवरों का टाइम फिक्स होता है। एक ड्राइवर को 8 घंटे ड्यूटी करने का समय दिया गया है। इस बीच अगर ड्राइवर 8 घंटे से अधिक समय तक ट्रेन चलाते हैं तो उसे ओवर टाइम में गिना जाता है। अगर चालक को नहीं बदला गया, एक ही ड्राइवर ट्रेन चलाते रहेंगे तो हादसे की आशंका बनी रहेगी।
कितने घंटे की होती है शिफ्ट
हालांकि, ट्रेन ड्राइवर की शिफ्ट एक दिन में 8 घंटे की होती है। लेकिन जरूरत पड़ने पर टाइम ऊपर नीचे होते रहते है। कई बार तो ड्राइवर से 4 घंटे ही काम लिया जाता है। कई बार 8 घंटे से अधिक समय तक लिया जाता है। लेकिन 8 घंटे से अधिक समय तक काम करने पर उसे ओवर टाइम में गिना जाता है। इसके लिए चालक को अलग से भुगतान किया जाता है।
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क्यों बदलते हैं ड्राइवर
क्योंकि, कई बार ऐसा होता है कि शिफ्ट का टाइम पूरा होने पर ड्राइवर निर्धारित स्टेशन पर नहीं पहुंच पाता है तो उन्हें शिफ्ट के टाइम से अधिक काम करना पड़ेगा। इसके लिए चालक को अगले से पे किया जाता है। यात्रा के दौरान कोई हादसा न हो, इसके लिए ड्राइवर की शिफ्ट बदलती रहती है। जिससे उन्हें अच्छी नींद आए।
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