FDI के मामले में भारत ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 83.57 बिलियन डॉलर का मिला निवेश
नई दिल्ली, 20 मई: वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है। निवेशकों के बीच भारत फेवरेट इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन के रूप में तेजी से उभर रहा है। इससे पहले वित्त वर्ष 2020-21 में 81.97 अरब अमेरिकी डॉलर विदेशी निवेश भारत में आया था।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, भारत मैन्युफैकचरिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। मैन्युफैकचरिंग क्षेत्रों में एफडीआई इक्विटी इनफ्लो 2020-21 में 12.09 अरब डॉलर की तुलना में 2021-22 में 21.34 अरब डॉलर रही जो कि 76 फीसदी ज्यादा है। भारत में निवेश करने वाले प्रमुख निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर अमेरिका रहा, जिसने 18 प्रतिशत निवेश किया और 16 फीसदी के साथ मॉरीशस 16 प्रतिशत तीसरे का स्थान है।
मंत्रालय के मुताबिक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में सबसे ज्यादा देश में विदेशी निवेश देखने को मिला है। इसके बाद सर्विस सेक्टर और ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का स्थान है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र के तहत सबसे ज्यादा एफडीआई 53 फीसदी कर्नाटक में आया तो दिल्ली में 17 फीसदी, और महाराष्ट्र में भी 17 फीसदी है।
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वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाले राज्य कर्नाटक है जहां 38% एफडीआई आया है। इसके बाद 26 फीसदी के साथ महाराष्ट्र और 14 फीसदी के साथ दिल्ली का स्थान है। वित्त वर्ष 2003-04 से 2021-22 तक भारत का एफडीआई प्रवाह 20 गुना बढ़ गया है। वित्त वर्ष 2003-04 में यह 4.3 बिलियन अमरीकी डॉलर था। 2014-2015 में भारत में एफडीआई प्रवाह केवल 45.15 बिलियन अमरीकी डॉलर था।