थोक महंगाई दर आठ साल के सबसे ऊंचे स्तर पर, पेट्रोल-डीजल की कीमतों का दिखा सबसे ज्यादा असर
नई दिल्ली, 16 अप्रैल: देश में मार्च के महीने में थोक महंगाई में बेतहाशा तेजी देखने को मिली है। मार्च, 2021 में थोक मंहगाई दर (डब्ल्यूपीआई) 7.39 फीसदी पर रही है। जो बीते आठ साल में सबसे ज्यादा है। बीते महीने यानी फरवरी 2021 में थोक महंगाई दर 4.17 प्रतिशत पर थी। जो मार्च में बढ़कर 7.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पेट्रोल, डीजल की कीमतों में जिस तेजी से बढोतरी हुई है, उसको थोक महंगाई दर में आए उछाल की सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है।
ईंधन के दामों में दिखी तेजी
ईंधन और बिजली की कीमतों में काफी ज्यादा तेजी देखने को मिली है। इसी को मार्च में थोक महंगाई में बढोतरी की वजह माना गया है। मार्च में फ्यूल एंड पावर सेक्टर में महंगाई बढ़कर 10.25 फीसदी पर जा पहुंचा, जबकि फरवरी में यह महज 0.58 फीसदी रहा था। कच्चे तेल में यह दर 8.64 फीसदी रही है। खाने-पीने की चीजों के थोक दामों में भी मार्च के महीने में 5.28 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। मार्च में दाल की महंगाई फरवरी के 10.25 फीसदी से बढ़कर 13.14 फीसदी पर आ गई है। वहीं, अंडा, मीट, मछली महंगाई फरवरी के -0.78 फीसदी से बढ़कर 5.38 फीसदी रही है। बता दें कि देश में फरवरी में थोक महंगाई दर 4.17 फीसदी पर रही थी। इससे पहले जनवरी 2021 में थोक महंगाई दर 2.03 प्रतिशत पर थी।
खुदरा महंगाई भी बढ़ी
मार्च के महीने में देश में खुदरा महंगाई दर भी बढ़कर 5.52 फीसदी हो गई है। इसके मुकाबले फरवरी के महीने में खुदरा महंगाई 5.03 फीसदी थी। फूड इंफ्लेशन में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी घी-तेल, मीट और फिश के दामों में तेजी के कारण हुई है। मार्च में घी-तेल की कीमतों में 24.92 फीसदी और मीट-फिश के दामों में 15.09 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
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