GST: सोना होगा महंगा, सिर पर रखने पड़ेंगे जूते, जिगर से जलेगी बीड़ी
राज्यों का रुख देखते हुए केंद्र को भी अपने सुर बदलने पड़े और अंत में गोल्ड और इससे बने जेवरों पर 3 प्रतिशत टैक्स लगाने पर सहमति बनी।
नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की शनिवार को हुई बेहद अहम मीटिंग में यूं तो बिस्किट से लेकर फुटवियर और टैक्सटाइल तक के रेट तय किए गए, लेकिन सबसे ज्यादा माथापच्ची हुई सोने को लेकर। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सोना यानी गोल्ड के साथ भारतीयों का कितना भावनात्मक जुड़ाव है। ऐसे में हर राज्य को जनता के कोप से डर लगता है। यही कारण रहा कि केरल के अलावा किसी अन्य राज्य ने केंद्र की ओर से प्रस्तावित 5 प्रतिशत टैक्स का समर्थन नहीं किया।
सोने पर जीएसटी में 3 फीसदी टैक्स लगाने पर बनी सहमति
राज्यों का रुख देखते हुए केंद्र को भी अपने सुर बदलने पड़े और अंत में गोल्ड और इससे बने जेवरों पर 3 प्रतिशत टैक्स लगाने पर सहमति बनी।
सोने की कीमतों में क्या होगा इजाफा?
आपको बता दें कि मौजूदा समय में सोने पर 2 से 2.5 प्रतिशत टैक्स लागू है। जीएसटी के तहत टैक्स 3 प्रतिशत किए जाने से कीमतों में बढ़ोतरी होना बिल्कुल तय है। यह बात और है कि इससे कीमतों पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन असर तो जरूर पड़ेगा।
500 रुपये से ज्यादा के फुटवियर पर 18 प्रतिशत टैक्स
जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में 500 रुपये से ज्यादा के फुटवियर पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने को मंजूरी दी गई है। ऐसे में सर्वेश्वर दयाल की यह कविता याद आती है....खुद ही पढ़ लीजिए....
इब्नबतूता
पहन
के
जूता
निकल
पड़े
तूफान
में
थोड़ी
हवा
नाक
में
घुस
गई
घुस
गई
थोड़ी
कान
में
कुल मिलाकर लब्बोलुआब यह है कि जूते अब पैरों में पहनने के नहीं बल्कि सिर पर रखने के दिन आने वाले हैं।
बीड़ी अब सचमुच जिगर से ही जलानी पड़ेगी
बीड़ी पर सिगरेट की ही तरह 28 फीसदी जीएसटी लागू होगा। इसके अलावा सेस भी लगाया जाना है। बीड़ी पर फिलहाल 20 प्रतिशत के करीब टैक्स लगता है। बीड़ी पत्ता यानी तेंदु पत्ते पर 18 फीसदी टैक्स लागू होगा।
कॉटन पर 5 और मैनमेड फाइबर पर 18 फीसदी टैक्स
टैक्सटाइल को लेकर जीएसटी काउंसिल ने कई स्तरों पर फैसला लिया है। सिल्क और जूट पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। कॉटन पर 5 और मैनमेड फाइबर पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा। 1,000 रुपये से कम के गारमेंट्स पर 5 पर्सेंट का टैक्स लगेगा। जीएसटी काउंसिल की बैठक में आज जो भी फैसले हुए हैं, वे 1 जुलाई 2017 से लागू होने हैं।