घरों में रखे सोने पर कार्रवाई करने के मूड में नहीं है सरकार, नहीं मिला कोई प्रस्ताव
केंद्र सरकार 8 नवंबर को अपने 500-1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले के बाद घरों में रखे सोने पर कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार 8 नवंबर को अपने 500-1000 रुपए के नोट बंद करने के फैसले के बाद घरों में रखे सोने पर कोई कार्रवाई नहीं करने जा रही है। इस बात की जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दी है। पीटीआई ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है।
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खबर आई थी नोटबंदी के बाद सोनाबंदी कर सकती है सरकार
इससे पहले खबरें आई थीं कि अब घरों में रखे सोने के ऊपर कार्रवाई हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर प्रकाशित करते हुए बताया था कि 500-1000 के नोट बंद करने के बाद अब सरकार घरों में दबाकर रखे गए सोने पर कार्रवाई कर सकती है। पर जब इस बावत वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता से जानने की कोशिश की गई तो इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया था।
आपको बताते चलें कि देश के सर्राफा बाजारों के कारोबारियों ने पिछले दो सप्ताह में सबसे ज्यादा सोने की खरीद की है। सर्राफा बाजार के कारोबारियों को डर है कि कहीं सरकार सोने के आयात पर कुछ प्रतिबंध न लगा दें।
भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश
दुनिया भर में भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार देश है। साथ ही यह भी माना जा रहा है कि 1000 टन सोना भारत में कालेधन के रूप में पड़ा हुआ है। 500-1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद बड़े पैमाने पर लोगों ने अपना कालाधन सोने को खरीदने में खपाया है।
500-1000 रुपए के पुराने नोट बंद होने के ऐलान के दिन ही देश भर में देर रात सोने की खरीदारी की गई थी। गुजरात और मुंबई समेत कई इलाकों की तस्वीरें भी सामने आई थीं। वहीं इस ऐलान के अगले दिन यह खबर आने लगी कि लोगों ने 10 ग्राम सोना खरीदने के लिए लोग 50,000 रुपए से ज्यादा की कीमत देने को तैयार थे। कुछ बाजारों में 60,000 रुपए तक प्रति दस ग्राम सोना बेचा गया था।
इन खबरों के बाद तुरंत आयकर विभाग की कई टीमों ने दिल्ली-मुंबई और कई अन्य शहरों के प्रमुख इलाकों में सर्राफा बाजारों में छापेमारी की थी। आपको बताते चलें कि शुक्रवार को एक बुक लांच समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विपक्षी पार्टियां विमुद्रीकरण का विरोध कर रही हैं।
पीएम मोदी ने बताया क्यों कर रहे लोग मेरी आलोचना
उन्होंने कहा कि अगर मैंने लोगों को समय दे दिया होता तो आज जो लोग मेरी आलोचना कर रहे हैं वो ही लोग मेरी तारीफ कर रहे होते। उन्होंने कहा था कि कुछ लोग इसलिए भी मेरी आलोचना कर रहे हैं कि विमुद्रीकरण को सही इंतजामात के साथ लागू नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों का असली दुख यह है कि मैंने उन लोगों को तैयार होने का बिल्कुल भी मौका नहीं दिया जिससे वो अपना कालाधन सफेद कर पाते। उन्होंने कहा था कि अगर यही लोग सिर्फ 72 घंटें का समय पा गए होते तो कह रहे होते कि कोई भी पीएम मोदी जैसा नहीं है।
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