भगोड़ा आर्थिक अपराधी 2018 अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी, बिना मुकदमे का फैसला आए जब्त हो सकेगी संपत्ति
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश पर मुहर लगा दी है। इसके जरिए आर्थिक अपराध कर देश से भागे लोगों की संपत्ति बिना उन पर मुकदमे का फैसला आए किया जा सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंजूरी मिलने के बाद यह लागू हो जाएगा। भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को 12 मार्च को लोकसभा में पेश किया गया था,लेकिन गतिरोध के चलते इसे पास नहीं किया जा सका था।
इस अध्यादेश में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या सरीखे, आर्थिक अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का प्रावधान है जो आपराधिक कार्रवाई से बचने के लिए देश से भाग गए हैं। अध्यादेश उन आर्थिक अपराधियों पर लागू होगा जो देश वापस आने से मना कर देते हैं, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हो चुका हो। इसके साथ ही जिन भगोड़ों पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण है और अपराधियों को जानबूझ कर ऋण न चुकाने वाला घोषित किया जा चुका हो। ऐसे आरोपियों पर PMLA के तहत कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई करने में गंभीर है, जो देश से भागते हैं, और इसके लिए बिल संसद के मानसून सत्र में लाया जाएगा।