सोने और चांदी की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग है सिर्फ ऐच्छिक
भारत में सोने और चांदी पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था ऐच्छिक है और देश में इस समय ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के 409 सेंटर हैं जोकि हॉलमार्किंग को लेकर काम करते हैं।
नई दिल्ली। भारत का उपभोक्ता मामले मंत्रालय भले ही सोने और चांदी की ज्वैलरी की हॉलमार्किंग को लेकर करोड़ों रुपए लोगों को जागरूक करने में खर्च करता है।
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पर इसके बावजूद देश में सोने और चांदी की ज्वैलरी पर हॉलमार्किंग ऐच्छिक है। इस बात की जानकारी केंद्रीय राज्य उपभोक्ता मामलों के मंत्री सी आर चौधरी ने लोकसभा में दी।
उन्होंने बताया कि भारत में सोने और चांदी पर हॉलमार्किंग की व्यवस्था ऐच्छिक है और देश में इस समय ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के 409 सेंटर हैं जोकि हॉलमार्किंग को लेकर काम करते हैं।
बाद में उन्होंने कहा कि बीआईएस एक्ट 2016 के मुताबिक कीमती आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में 8 शहरों से 120 सोने के 120 सैंपल लिए गए थे, उनमें से 89 सैंपल पर हॉलमार्किंग नहीं थी। वहीं इन सैंपल में 11 फीसदी सैंपल में 38 फीसदी से कम की शुद्धता पाई गई थी।
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वर्ष 2006 में 16 शहरों से 162 सैंपल लिए गए थे। इनमें 90 फीसदी सैंपल पर कोई हॉलमर्किंग नहीं थी। वहीं इस सैंपल में लिए आभूषणों में 44.6 फीसदी की गिरावट पाई गई थी।