NDTV- Adnai Full Story: आखिर क्या है पूरी कहानी, कैसे हुई एनडीटीवी में गौतम अडानी की एंट्री
NDTV- Adnai Full Story: एनडीटीवी की फाउंडर कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के पद से प्रणव रॉय और राधिका रॉय ने इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे बाद अब नए डायरेक्टर को नियुक्त किया गया है।
NDTV- Adnai Full Story: देश का अग्रणी टीवी न्यूज नेटवर्क एनडीटीवी अब गौतम अडानी की कंपनी का हो गया है। एनडीटीवी के प्रमोटर राधिका राय और प्रणय राय ने RRPRH ग्रुप के बोर्ड के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। दोनों के इस्तीफे के साथ ही एनडीटीवी पर प्रणय राय और राधिका राय का अधिकार खत्म हो गया है। प्रणय राय और राधिका राय एनडीटीवी के संस्थापक हैं, दोनों के इस्तीफे के बाद अब कंपनी पर दोनों का मालिकाना हक खत्म हो गया है। एनडीटीवी की ओर से बीएसई और एनएसई को इस बाबत जानकारी दी गई है कि प्रणय और राधिका राय ने बोर्ड के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है।
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कंपनी को मिले तीन नए डायरेक्टर
प्रणय और राधिका के इस्तीफा के बाद अब सुदीप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया, सेंथिल सिन्नैया चेंगलवरयन को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बनाया गया है। अडानी ग्रुप ने सोमवार को 29.18 फीसदी हिस्सा एनडीटीवी में हासिल कर लिया था। एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी RRPRH ने सोमवार को कहा था कि उसने अपनी 99.9 फीसदी शेयर को अडानी ग्रुप की स्वामित्व वाली वीसीपीएल को ट्रांसफर कर दिए हैं। इन शेयरों के ट्रांसफर होने के बाद अडानी ग्रुप को एनडीटीवी में 29.18 फीसदी हिस्सेदारी मिल जाएगी।
26 फीसदी शेयर के लिए अडानी का ओपन ऑफर
अडानी ग्रुप ने एनडीटीवी में 26 फीसदी और हिस्सेदारी के लिए मार्केट में ओपन ऑफर लाने का ऐलान किया था। अडानी ग्रुप ने 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए खुली पेशकश दी है, जिसकी मियांद 5 दिसंबर को खत्म हो रही है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा था कि एनडीटीवी को खरीदना सिर्फ एक व्यवसायिक मौका नहीं बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा था कि आजादी का मतलब सही को सही और गलत को गलत कहना है, अगर सरकार कुछ गलत कर रही है तो उसे गलत कहना चाहिए, लेकिन अगर कुछ सही कर रही है तो सही कहने से नहीं कतराना चाहिए। एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय राय को गौतम अडानी ने कंपनी का मुखिया बने रहने का न्योता दिया था।
अडानी ग्रुप सबसे बड़ी हिस्सेदार
बता दें कि अब गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रुप के पास एनडीटीवी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। उनके पास अब 29.18 फीसदी की हिस्सेदारी है, लिहाजा माना जा रहा है कि वह एनडीटीवी में नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़े बदलाव कर सकते हैं। साथ ही 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए भी गौतम अडानी की कंपनी ने खुला प्रस्ताव रखा है। ऐसे में जो छोटे शेयर धारक अपनी हिस्सेदारी को बेचना चाहते हैं वह अपनी हिस्सेदारी को अडानी ग्रुप को बेच सकते हैं।
कब शुरू हुई NDTV में दूसरे निवेशक की एंट्री
एक संभावना यह भी है कि प्रणय राय और राधिका राय कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए गौतम अडानी के खुले प्रस्ताव में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन इसके लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता है। अगर एनडीटीवी की हिस्सेदारी बिकने की शुरुआत की बात करें तो यह 2009-10 में शुरू हुआ था, जब वीसीपीएल ने कंपनी को बिना ब्याज 403.85 करोड़ रुपए का लोन दिया था। इसके बदले में वीसीपीएल को प्रणय और राधिका रॉय ने यह गारंटी दी थी कि वह इसके बदले कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को 99.9 फीसदी बदल सकते हैं। उस समय तक गौतम अडानी कहीं भी इस पूरे डील में दूर-दूर तक नहीं थे।
कैसे हुई अडानी की एंट्री
दरअसल VCPL ने RRPR को लोन देने के लिए रिलायंस स्ट्रैटेजिक वेंचर्स को संपर्क किया था, जोकि पूरी तरह से मुकेश अंबानी की मालिकाना हक वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी थी। 23 अगस्त को अडानी ग्रुप ने इस बात की जानकारी दी कि अडानी ग्रुप की दूसरी कंपनी एएमजी मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने वीसीपीएल को 113.75 करोड़ रुपए में खरीद लिया। उस वक्त तक लोन का भुगतान नहीं हुआ था। उस वक्त एनडीटीवी लिमिटेड ने कहा था कि सीपीएल का जो नोटिस हमे दिया गया उसे बिना एनडीटीवी या फिर इसके प्रमोटर्स से चर्चा किए बिना दिया गया है। एनडीटीवी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एनडीटीवी या फिर इसके फाउंडर-प्रमोटर से चर्चा किए बिना वीसीपीएल ने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए RRPR पर 99.50 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल कर ली। RRPR के पास एनडीटीवी की 29.18 फीसदी हिस्सेदारी है।
अब NDTV की कितनी हिस्सेदारी किसके पास
अब जब प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने इस्तीफा दे दिया है तो उसके बाद एनडीटीवी में दोनों के पास कुल 32.36 फीसदी की हिस्सेदारी बची है। प्रणय के पास 15.94 और राधिका के पास 16.32 फीसदी हिस्सेदारी बची है। वहीं एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी RRPR के पास एनडीटीवी की कुल 29.18 फीसदी हिस्सेदारी है। जिसे अडानी ग्रुप ने ले लिया है। अगर अडानी ग्रुप 26 फीसदी हिस्सेदारी और हासिल कर लेती है तो उसके पास कुल हिस्सेदारी 55.18 फीसदी हो जाएगी और अडानी ग्रुप के पास एनडीटीवी के मैनेजमेंट का नियंत्रण आ जाएगा। कंपनी में 9.75 फीसदी हिस्सेदारी एलटीएस इन्वेस्टमेंट के पास है जोकि मॉरीशस की कंपनी है। कंपनी ने 16 सितंबर 2016 को यह हिस्सेदारी खरीदी थी। विकासा इंडिया के पास 4.42 फीसदी हिस्सेदारी है।