ATM से कैश निकासी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, GDP का 12 फीसदी नगद लोगों ने निकाल लिया
नई दिल्ली। एटीएम से कैश निकालने वालों की संख्या कोरोना काल में बढ़ी है। अहम बात यह है कि अधिकतर भारतीय एक बार में 5000 रुपए कैश एटीएम से निकाल रहे हैं। एटीएम से औसतन हर बार लोग 4959 रुपए निकाल रहे हैं। अगस्त माह के आंकड़ों में इस बात की जानकारी सामने आई है कि लोगों ने 26 लाख करोड़ रुपए एटीएम से कैश के तौर पर निकाले हैं, जोकि देश की जीडीपी का तकरीबन 12 फीसदी है।
नवंबर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी
नवंबर माह में भी कैश निकासी की दर में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है, वहीं यूपीआई से भुगतान की बात करें तो इसमे 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। यानि यूपीआई इस्तेमाल करने वाले लोगों ने हर बार तकरीबन 1850 रुपए का भुगतान किया है। एटीएम मुहैया कराने वाले बैंको का कहना है कि लॉकडाउन के पहले कुछ महीनों में एटीएम मशीनों पर बिल्कुल शांति थी, लेकिन बाद में एटीएम से निकासी की दर में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली।
डिजिटल माध्यम से निकासी भी बढ़ी
डिजिटल माध्यम से पैसों के भुगतान में बढ़ोतरी के बावजूद एटीएम से निकासी की दर में इजाफा देखने को मिला है। बता दें कि डिजिटल माध्यम के जरिए लोगों ने 2 बिलियन की निकासी की, लेकिन अभी भी कैश का इस्तेमाल सबसे लोकप्रिय लेनदेन के तौर पर बरकरार है। हिटाची पेमेंट सर्विसेज के एमडी सीईओ रुस्तम इरानी ने बताया कि भारतीय अर्थव्यवस्था में नगद अभिन्न हिस्सा है, एटीएम अभी भी लोगों में काफी लोकप्रिय हैं। देशभर में लॉकडाउन के मापदंड के चलते मार्च, अफ्रैल, मई में एटीएम से निकासी में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन जून के बाद स्थिति सुधरने लगी।
कैश अभी भी किंग
हालांकि पिछले तीन महीने के आंकड़े अभी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन बीटीआई पेमेंट्स के सीईओ के श्रीनिवास का कहना है कि दिवाली पर कैश निकासी की दर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी क्योंकि लोगों ने गिफ्ट और मिठाई की खरीद की। वहीं रुस्तम ईरानी का कहना है कि हमे लगता है कि सामान्य तौर पर लोग कैश जमा करना पसंद करते हैं ताकि महामारी में किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। अर्थव्यवस्था के फिर से खुलने और त्योहारों की वजह से इसमे बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इसे भी पढ़ें- एसोसिएशन से बोले अरविंद केजरीवाल-मार्केट बंद नहीं करना चाहती है दिल्ली सरकार