मिस्त्री के ईमेल पर बीएसई और एनएसई ने मांगा टाटा की लिस्टेड कंपनियों से जवाब
सायरस मिस्त्री ने अब अपने ईमेल में कहा था कि टाटा ग्रुप को 18 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
मुंबई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने टाटा ग्रुप की कुछ लिस्टेड कंपनियों से साइरस मिस्त्री द्वारा भेजे गए विस्फोटक ईमेल पर स्पष्टीकरण मांगा है। आपको बता दें कि सायरस मिस्त्री ने अब अपने ईमेल में कहा था कि टाटा ग्रुप को 18 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। रतन टाटा ने इसके जवाब में कहा है कि सब कुछ ठीक है, मिस्त्री के आरोप निराधार हैं।
इसके अलावा, सेबी भी टाटा ग्रुप पर कड़ी नजर बनाए हुए है। हालांकि, अभी तक सेबी ने टाटा ग्रुप को लेकर कोई कदम नहीं उठाया है। सेबी के अधिकारियों ने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वह टाटा ग्रुप को लेकर अहम कदम उठा सकती है।
बीएसई और एनएसई द्वारा टाटा ग्रुप की टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा पावर और कुछ अन्य कंपनियों से साइरस मिस्त्री के ईमेल पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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टाटा नैनो पर भी उठाए सवाल
टाटा समूह के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने अब रतन टाटा पर ही कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने देश की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो को लेकर भी बड़े खुलासे हुए हैं। सायरस मिस्त्री का कहना था कि उन्हें 'एक निरीह चेयरमैन' की स्थिति में धकेल दिया गया था।
सायरस मिस्त्री ने एक ईमेल के जरिए कहा है कि टाटा नैनो कार की परियोजना रतन टाटा द्वारा शुरू की गई थी, जो एक घाटे वाली परियोजना है। मिस्त्री बोले कि टाटा नैनो को कुछ भावात्मक कारणों के चलते टाटा नैनो को बंद नहीं किया जा सका।
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इतना ही नहीं, इसे बंद न करने का एक बड़ा कारण यह भी था कि इसे बंद कर देने से बिजली का कार बनाने वाली एक इकाई को नैनो ग्लाइडर उपलब्ध कराने में दिक्कत होती, इसलिए इसे चलने दिया गया। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक कार बनाने वाली इस इकाई में रतन टाटा की भी हिस्सेदारी है।
सायरस का मानना है कि टाटा नैनो के प्रोजेक्ट को बंद कर देना चाहिए था, क्योंकि वह कंपनी के लिए घाटे का सौदा थी। मिस्त्री ने अपने ईमेल में आरोप लगाते हुए बताया है कि कैसे रतन टाटा ने बिना किसी सलाह के ही टाटा ग्रुप के ज्वाइंट वेंचर एयर एशिया और सिंगापुर एयरलाइन में निवेश करने के लिए मजबूर किया।
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