भारती एयरटेल हुई ब्लैकलिस्ट, जानिए क्या है मामला
नई दिल्ली। एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू के बकाया चुकाने की मुश्किलों से जूझ रही भारती एयरेटल को बड़ा झटका लगा है। निर्यात संवर्धन योजना के तहत दायित्वों को ना पूरा कर पाने के कारण वाणिज्य मंत्रालय ने भारती एयरटेल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया है। मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बताया कि निर्यात संवर्धन के तहत कुछ अधिकार दिए गए हैं, जिनमें निर्यात दायित्वों का कंपनी द्वारा पालन नहीं किया गया।
इस कारण कंपनी को 'डिनाइड एंट्री लिस्ट' में डाल दिया गया है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा उठाए गए इस कदम से भारती एयरटेल को बड़ा झटका लगा है। इस कारण कंपनी डीजीएफटी से कोई भी निर्यात लाभ या लाइसेंस नहीं ले सकती है। हालांकि, इस बाबत एयरटेल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने 2018, अप्रैल के बाद से ही इस तरह का निर्यात लाइसेंस नहीं लिया है क्योंकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है।
कंपनी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पहले भी इस तरह के पुराने सभी लाइसेंस निरस्त करने का आवेदन कर चुकी है और इस संदर्भ में सरकार से अभी कोई मंजूरी नहीं मिली है। इस संदर्भ में कंपनी को भेजे गए ईमेल का कोई भी जवाब नहीं मिल सका है। बता दें कि एजीआर पर हजारों करोड़ की रकम सरकार को देने की बाध्यता के कारण कंपनी की हालत पहले से ही खराब है और अब 'डिनाइड एंट्री लिस्ट' में डाले जाने से नई परेशानी बढ़ सकती है।
पूंजीगत सामान निर्यात संवर्धन योजना एक निर्यात प्रोत्साहन योजना है। इसके तहत वस्तुओं के निर्यात के लिए पूंजीगत सामानों का निशुल्क आयात करने की अनुमति मिलती है। इस योजना के तहत आयातों को बचाए गए शुल्क की तुलना में 6 गुना तक निर्यात दायित्व पूरा करना होता है। भारती एयरटेल को इसी दायित्व को पूरा ना करने के कारण ब्लैकलिस्ट किया गया है।
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