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Bank Strike: जल्द निपटा लें बैंक से जुड़ा जरूरी काम, एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी में बैंक कर्मचारी

Bank Strike: जल्द निपटा लें बैंक से जुड़ा जरूरी काम, एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी में बैंक कर्मचारी

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नई दिल्ली। नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से हो चुकी है। ऐसे में अगर आपके पास बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम अब तक बचा हुआ है तो बिना देर किए उसे फटाफट निपटा लें, क्योंकि बैंक के कर्मचारी एक बार फिर से लंबे हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं। सरकारी बैंकों के निजीकरण के विरोध मं बैंक कर्मचारी यूनियन ने एक बार फिर से हड़ताल की चेतावनी है। बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में एक बार फिर से बैंक के कर्मचारी हड़ताल पर जा सकते हैं।

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 एक बार फिर से बैंकों की हड़ताल

एक बार फिर से बैंकों की हड़ताल

मार्च में लंबे हड़ताल के बाद बैंक यूनियंस ने एक बार फिर से हड़ताल पर जाने की तैयारी कर ली है। सरकारी बैंकों के निजीकरण के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में ये बैंक यूनियन विरोध कर रहे हैं। इसे लेकर अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और बैंक यूनियंस की अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में देशभर के बैंक यूनियन और संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और उन्होंने केंद्र सरकार के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का विरोध करते हुए बड़ विरोध प्रदर्शन की धमकी दी।

लंबे हड़ताल की तैयारी

लंबे हड़ताल की तैयारी

कर्मचारी और बैंक यूनियन ने लंबे हड़ताल की धमकी दी है। इस अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ और बैंक यूनियंस की अहम बैठक में सरकार के फैसले के खिलाफ बड़े स्तर पर देशभर में आंदोलन को तेज करने का फैसला लिया गय, हालांकि अभी हड़ताल की तारीख और उसकी अवधि नहीं बताई गई है। आपको बता दें कि इससे पहले बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियन ने 15 और 16 मार्च राष्ट्रीयस्तर पर विरोध प्रदर्शन और बैंक में काम ठप किया था, जिसका व्यापक असर पड़ा। इस हड़ताल में देशभर के 10 लाख बैंक कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था।

क्यों नाराज है बैंक कर्मचारी

क्यों नाराज है बैंक कर्मचारी

आपको बता दें कि बजट घोषणा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईडीबीआई बैंक बैंक के अलावा दो और सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की, जिसे लेकर कर्मचारी नाराज है। कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर संकट की चिंता सता रही है, जबकि सरकार का दावा है कि बैंकों के निजीकरण के बावजूद किसी भी बैंक कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी। बेहतर निवेश के लिए और बैंकों को भारी एनपीए से उबारने के लिए सरकार ने ये फैसला किया है।

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English summary
Bank Strike: Complete your Banking Work Soon, Bank unions threaten to intensify protests again  against privatization of Bank.
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