विलय के विरोध में चार दिन लगातार बैंकों में लगा रहेगा ताला, निपटा लें जरूरी काम
Recommended Video
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दस राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की थी। पीएनबी, ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का विलय होगा। इसके साथ ही कैनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में विलय होगा, इसके अलावा इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का भी विलय होगा। वहीं, कई बैंक यूनियन सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। बैंक कर्मचारियों की चार यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के विलय की घोषणा के विरोध में दो दिनों का बंद बुलाया है।
चार दिन लगातार बैंक रहेंगे बंद
यहीं नहीं, इन बैंक यूनियनों ने सरकार के फैसले के खिलाफ नवंबर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की धमकी भी दी है। दरअसल, 26 सितंबर को गुरुवार है और 27 को शुक्रवार है। लेकिन हड़ताल के कारण इन दो दिनों में बैंकों में कोई काम नहीं होगा। जबकि 28 सितंबर को चौथा शनिवार है, जिसकी वजह से बैंक में अवकाश होगा, तो 29 सितंबर को रविवार का अवकाश है। ऐसे में बैंक लगातार चार बंद होने के बाद 30 सितंबर को ही खुलेंगे।
ये भी पढ़ें: शुक्रवार को और बढ़ गए पेट्रोल और डीजल के रेट
26 और 27 सितंबर को हड़ताल
कर्मचारी यूनियन बैंक कर्मियों के वेतन संशोधन की प्रक्रिया को तेज करने और पांच दिन के सप्ताह की भी मांग कर रहा है। हड़ताल का आह्वान ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस और नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स ने किया है। एआईबीओसी चंडीगढ़ के महासचिव दीपक कुमार शर्मा ने ये जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि देशभर के राष्ट्रीयकृत बैंक 25 सितंबर की मध्यरात्रि से 27 सितंबर की मध्यरात्रि तक हड़ताल पर रहेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के विरोध और अपनी मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
सरकार ने 10 बैंकों के विलय का किया था फैसला
बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी। केंद्र सरकार ने पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का, केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का, जबकि इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक के विलय का फैसला किया था। बैंकों के मर्जर के ऐलान के बाद ना केवल खाताधारकों की चिंता बढ़ गई है बल्कि बैंक कर्मचारियों की नौकरी पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि, इस चिंता को खारिज करते हुए वित्तमंत्री ने कहा था बैंकों के विलय से एक भी कर्मचारी की नौकरी नहीं जाएगी।