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हंदवाड़ा एनकाउंटर: कर्नल आशुतोष शर्मा से खौफ खाते थे आतंकी, वीरता के लिए दो बार मिल चुका है सम्मान

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बुलंदशहर। जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सेना ने अपने दो अफसर समेत 5 जवानों को खो दिया। हंदवाड़ा एनकाउंट में भारतीय सेना के कर्नल, मेजर, दो जवान और एक जम्मू कश्मीर पुलिस का जवान शहीद हो गया। इस मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया। इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा समेत पांच शहीद हो गए। बता दें, कर्नल आशुतोष शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के निवासी थे। उनका जन्म खानपुर थाना क्षेत्र के गांव परवाना में हुआ था। कर्नल आशुतोष शर्मा की अगुआई में भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशनों को अंजाम दिया है और उन्हें सबक सिखाया है।

दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं कर्नल आशुतोष शर्मा

दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं कर्नल आशुतोष शर्मा

21 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे कर्नल आशुतोष शर्मा को साहस और वीरता के लिए दो बार वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। शहीद आशुतोष कर्नल रैंक के ऐसे पहले कमांडिंग अफसर थे, जिन्होंने पिछले पांच साल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपनी जान गंवाई हो। इससे पहले जनवरी 2015 में कश्मीर घाटी में आतंकियों से लोहा लेने के दौरान कर्नल एमएन राय शहीद हो गए थे। इसके अलावा, उसी साल नवंबर में कर्नल संतोष महादिक भी आतंकियों के खिलाफ अभियान में शहीद हो गए थे।

आतंकियों को सबक सिखाने के लिए जाने जाते थे कर्नल शर्मा

आतंकियों को सबक सिखाने के लिए जाने जाते थे कर्नल शर्मा

'हिंदुस्तान' में छपी खबर के मुताबिक, सेना के अधिकारियों ने बताया कि कर्नल आशुतोष शर्मा काफी लंबे समय से गार्ड रेजिमेंट में रहकर घाटी में तैनात थे। कर्नल शर्मा आतंकियों को सबक सिखाने के लिए जाने जाते थे। वह आतंकवादियों के खिलाफ बहादुरी के लिए दो बार सेना मेडल से नवाजे जा चुके थे। जब एक आतंकी उनके जवानों की ओर अपने कपड़ों में ग्रेनेड लेकर बढ़ रहा था, तब आशुतोष शर्मा ने बहादुरी का परिचय देते हुए आतंकी को काफी नजदीक से गोली मारकर अपने जवानों की जान बचाई थी। इसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान भी शामिल थे।आतंकी से अपने जवानों की जिंदगी बचाने के लिए उन्हें वीरता मेडल से सम्मानित किया गया था।

यूपी के बुलंदशहर में हुआ था जन्म

यूपी के बुलंदशहर में हुआ था जन्म

कर्नल आशुतोष शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के रहने वाले थे। वह खानपुर थाना क्षेत्र के गांव परवाना में जन्मे थे। उनके शहीद होने की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बता दें, कर्नल शर्मा का परिवार फिलहाल जयपुर में रहता है। बुलंदशहर के गांव परवाना में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया कि शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा 15 साल पूर्व माता पिता संग जयपुर में जाकर बस गए थे। उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई बुलंदशहर डीएवी इंटर कॉलेज से की थी। शहीद कर्नल के चचेरे भाई ने बताया कि बुलंदशहर के पैतृक गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका बचपन भी यहीं बीता है। चचेरे भाई सुनील पाठक ने बताया कि बुलंदशहर प्रशासन ने उन्हें एक पास जारी कर दिया है। इसकी मदद से वह पार्थिव शरीर को लेने के लिए जयपुर रवाना होंगे।

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English summary
handwara encounter martyred Colonel Ashutosh Sharma story
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