लाखों की नौकरी छोड़कर समोसे बेच रहा बेंगलुरू का ये कपल, अब हर दिन कमा रहे हैं 12 लाख रुपये
लाखों की नौकरी छोड़कर, घर बेचकर बेंगलुरू के इस कपल ने "समोसा सिंह" नाम का आउटलेट शुरू किया। अब बेंगलुरू ही नहीं कई अन्य शहरों में ये समोसा बेचकर हर दिन लाखों की कमाई कर रहे हैं।
समोसा जो हर भारतीय का फेवरेट नाश्ता होता है उसी तीन कोने वाले "समोसे" ने बेंगलुरू के एक कपल की जिंदगी ही बदल दी है। लाखों की नौकरी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर इन्होंने समोसा बेचने शुरू किया और आज की तारीख में ना केवल इन्होंने कई लोगों को रोजगार दिया है बल्कि हर दिन इतनी कमाई कर रहे हैं, जो जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
चीफ साइंटिस्ट पति और फार्मा कंपनी में काम करती थीं पत्नी
बेंगलुरू का ये कपल समोसा बेचने से पहले इनका उन्दा करियर था। पति शिखर वीर सिंह ने हैदराबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज से बायोटेक्नोलॉजी में एमटेक की डिग्री हासिल अक्टूबर 2015 में बायोकॉन में चीफ साइंसटिस्ट के पद से समोसा बेचने के लिए नौकरी छोड़ी। वही उनकी पत्नी निधि सिंह ने 2015 में गुरुग्राम की एक फार्मा कंपनी में 30 लाख रुपये की नौकरी भी छोड़ दी।
निधि सिंह और शिखर वीर सिंह कैसे मिले
निधि सिंह और शिखर वीर सिंह की कॉलेज टाइम से दोस्ती थी, वे हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक कर रहे थे। उनकी शादी को पांच साल हो गए थे, जब उन्होंने कॉर्पोरेट जगत को छोड़ने और समोसे बेचने का फैसला किया।
समोसा बेचने का आइडिया किसका था?
निधि बताती है समोसे बेचना शुरू करने का आइडिया शिखर का था। वह एसबीआई की शाखाओं के बाहर समोसा बेचना चाहता था, हालांकि, निधि इस विचार से सहमत नहीं थी। निधि बताती हैं जब मैं गुड़गांव में ऑफिस मीटिंग के दौरान मेरे पति शिखर मुझे बार-बार कॉल कर रहे थे। जब मैंने चिढ़कर फोन रिसीव किया तब शिखर ने कहा मैं एसबीआई की ब्रांच के सामने समोसा बेचना चाहते हैं। जिसे सुनकर मैं हैरान रह गई।
निधि क्यों नहीं बेचना चाहती थीं समोसा
निधि बताती है कि मैंने शांति से उसे अपने सांइटिस्ट प्रोफेशन पर ध्यान से करने की सलाह दी क्योंकि मेरे पिता कभी एक समोसे वाले को मेरा पति होते नहीं सहन करेंगे लेकिन शिखर के सिर पर समोसा बेचने का जुनून सवार था वो नहीं माना और उसने समोसा आउटलेट शुरू करने से पहले समोसे के स्वाद और वैराइटी को लेकर एक्सपेरिमेंट और रिसर्च शुरू कर दिया।
क्या खास है "समोसा सिंह" के समोसे में
निधि बताती हैं उस दिन से शिखर हर जगह अपने समोसे दिखाने लगा। निधि आश्वस्त थी लेकिन जानती थी कि उन्हें समय चाहिए। शिखर ने बहुत सारे समोसे की स्टफिंग का प्रयोग किया और एक बाहरी खस्ता परत पर काम किया। निधि ने कहा हमने कई फिलिंग के साथ टेस्ट किया और बहुत सी वैराइटी लाने की कोशिश की। बटर चिकन या कड़ाही पनीर जैसे भरने के लिए एक कुरकुरा बाहरी कवर क्रैक करना सबसे कठिन था। हमने आटे के साथ प्रयोग करके एक अलग बाहरी परत के साथ प्रयोग किया और समोसे का आकार भी बदल दिया।
समोस सिंह आउटलेट के लिए कहां से जुटाई रकम
निधि ने बताया कि हमें समोसा सिंह आउटलेट शुरू करने के लिए पैसे की जरूरत थी, और हमें विश्वास था कि हम सही काम कर रहे हैं इसलिए हमने मैजिक ब्रिक्स के जरिए 80 लाख रुपये में अपने सपनों का घर बेच दिया। निधि ने कहा हमें दुख इसलिए नहीं हुआ क्योंकि हमें विश्वास था कि ये पैसा बरबार नहीं होगा।
एक दिन में कर रहे 12 लाख की कमाई
फरवरी 2016 में समोसा सिंह आउटलेट की शुरूआत की लेकिन कोरोना में ब्रेक लगा। उसके बाद कोरोना महामारी के बाद समोसा सिंह का विस्तार मुंबई, पुणे और चेन्नई सहित आठ शहरों में हो गया है। उनके पास करीब 50 क्लाउड किचन हैं। समोसा सिंह हर महीने 30,000 समोसे बेचते हैं और उनका टर्नओवर 45 करोड़ रुपए है। हर दिन 12 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं।