कब्र खोदकर शरीर खा जाता है यह जीव, भय के कारण ग्रामीणों की नींद गायब, जानिए इसके बारे में
छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में इन दिनों एक अनोखे जानवर की दहशत कायम है। यह जीव इंसानों की कब्र खोदकर लाश को खा जाता है। यह जानवर इससे भी अधिक खतरनाक है।
मुंगेली, 17 सितंबर। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में इन दिनों एक अनोखे जानवर की दहशत कायम है। यह जीव इंसानों की कब्र खोदकर लाश को खा जाता है। यह जानवर इससे भी अधिक खतरनाक है। मुंगेली के लोरमी नगर की इंसानी बस्तियों में कबर बिज्जू नाम के जानवर की चलककदमी बढ़ती जा रही है। पुलिस और वन विभाग का आधा ध्यान इन जानवरो को पकड़ने में लगा हुआ है,ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
अगर दिखाई दिया यह जीव तो तत्काल हो जाएं सतर्क
जंगलों या कब्रिस्तान के आस पास रहने वाला जीव कबर बिज्जू अपने मूल स्थान को छोड़कर मुंगेली के लोरमी शहर में घूमते देखे जा रहे हैं। भले ही यह जीव शेर ,चीते ,तेंदुए या भालू की तरह बड़े नहीं होते,लेकिन बेहद खतरनाक होते हैं,इसलिए इनका रिहायशी इलाकों में पाया जाना चिंता का विषय बना हुआ है। वन विभाग की रेस्क्यू टीम लोरमी के लोगो को अलर्ट रहने की हिदयात दी है,इसके साथ ही मोबाइल नंबर देकर कबर बिज्जू दिखने की स्थिति में तत्काल सूचना देने कहा है। .
छोटे बच्चो को ना छोड़े अकेले, नवजातों और बच्चों को बनाता है शिकार
मुंगेली के लोग नहीं चाहते कबर बिज्जू उनके घरों के आस पास दिखाई भी दे,क्योंकि उनको अपने बच्चों की चिंता है। इससे खतरा सिर्फ छोटे बच्चों को है,क्योंकि यह जीव नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को अपना निशाना बनाकर उनका शिकार करता है। आदमखोर होना इस जीव की प्रवृत्ति में शामिल है,इसलिए इसका खतरा अधिक बताया जा रहा है। लोरमी नगर के लोगों का कहना है कि पहले रिहायशी इलाके में विरले ही कबर बिज्जू दिखाई देते थे,लेकिन इनकी संख्या अब बढ़ चुकी है। हालत यह हैं कि यह खतरनाक जीव लोगों के घर और दुकानों में घुसने लगा है।
होता है आदमखोर,लेकिन यह भी खाता है
कबर बिज्जू नामक यह जीव बेहद ही खतरनाक होता है., दरअसल, कबर बिज्जू का नाम ही उसके आदमखोर होने की गवाही देता है। नेवेले की तरह दिखने वाला यह जीव इंसानी कब्र को खोदकर शव को खा जाता है। बिल्ली के आकार का कबर बिज्जू बेहद फुर्तीला होता है। इसे एशियन पाम सिवेट के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि बिज्जू सर्वाहारी होता है. जिसका प्रमुख भोजन फल ,कंदमूल और छोटे कीट पतंगे भी होते हैं। यह जीव निशाचर होता है, इसलिए लोग इससे बचाव के लिए रात के समय अधिक अलर्ट रहते हैं।
कबर बिज्जू है संरक्षित प्राणी
आज देश में शेर और चीते जैसे जानवरों के संरक्षण की दिशा में बड़े कार्यक्रम चल रहे हैं,लेकिन कई जीव अपने अस्तित्व को लड़ाई लड़ रहे हैं। मुंगेली में भले की कबर बिज्जू लोगो को दिखाई दे रहा है,लेकिन इसकी संख्या तेजी से घट रही है। देश के कई इलाकों में यह जीव पूरी तरह विलुप्त हो चुका है। कबर बिज्जू को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक संरक्षित प्राणी माना गया है। इसको नुकसान पहुंचाने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।
कोरोनाकाल में था सुर्ख़ियों में
कोरोनाकाल के दौरान भी यह जीव चर्चाओं में था। लॉकडाउन के दरमियान यह जीव सुनसान सड़कों पर घूमते देखे जा रहे थे। एक तरफ लोग कोरोना के खलाफ जंग लड़ रहे थे,वही इस जीव को लिए भोजन मिलने की गुंजाइश बढ़ गई थी। लगातार हो रही मौतों के बाद शमशान घाटों औरकब्रिस्तानों में कबर बिज्जू घूमते देखे जाने लगे थे। दरअसल यह जीव कब्र खोदकर भीतर से लाश को निकालकर खा जाता है।
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